तो क्या कभी नहीं बढ़ेगा LIC का शेयर!

पिछले एक साल में LIC के निवेशकों को 40% तक का घाटा हुआ है.

तो क्या कभी नहीं बढ़ेगा LIC का शेयर!

देश के सबसे बड़े आईपीओ में शामिल एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) की लिस्टिंग के एक साल पूरे हो गए हैं. 21,000 करोड़ रुपए वाला यह आईपीओ अपने इश्यू साइज से तीन गुना ज्यादा ओवर-सब्सक्राइब्ड हुआ था. लेकिन पिछले एक साल में इस शेयर ने निवेशकों को निराश किया है. एलआईसी साल का सबसे फ्लॉप आईपीओ साबित हुआ है. अब सवाल है कि क्या एलआईसी का शेयर कभी नहीं उठेगा?

एलआईसी आईपीओ को एक साल पूरा

17 मई 2022 को एलआईसी के शेयर लिस्टेड हुए थे. पूरे साल यह शेयर लगभग लाल निशान में ही कारोबार करता नजर आया है. पिछले एक साल में सेंसेक्स में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही है, लेकिन एलआईसी के शेयर 40% तक नीचे आ गए हैं. एलआईसी का न्यू बिजनेस प्रीमियम भी 30% घट गया है. अप्रैल 2023 में एलआईसी का एनबीपी पिछले साल इसी महीने की तुलना में 50.41 प्रतिशत घटकर 5,810.1 करोड़ रुपए पर आ गया है. महज एक साल में इसने अपने निवेशकों को 2.5 लाख करोड़ रुपये का बड़ा चूना लगाया है. लिस्टिंग के समय, रिलायंस, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक और इंफोसिस बाद देश की पांचवीं सबसे ज्यादा मूल्यवान कंपनी एलआईसी अब 13वें पायदान पर आ गई है.

चलकर भी बहुत नहीं चल पाएगा

ब्रोकरेज फर्म अब भी निवेश की जो सलाह दे रहे हैं वो आइपीओ के इश्सु प्राइस से नीचे ही है. यानी मौजूदा स्तर से बहुत चलेगा भी तो उनको फायदा नहीं होगा जिन्हें आईपीओ में शेयर आवंटित हुए थे.

यहां देखें ब्रोकरेज हाउसेज की सलाह

ब्रोकरेज हाउस                      रेटिंग        टारगेट (रुपए में)
ICICI Securities             Buy                 917
Motilal Oswal                 Buy                 830
BoB Capital                     Buy                800
Geojit BNP Paribas       Buy                 765
Emkay Global                 Hold              700

LIC को लेकर सरकार भी निशाने पर

इस बीच विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि एलआईसी शेयर की लिस्टिंग के बाद से 35 प्रतिशत गिर चुका है. उन्होंने कहा, ‘आज से ठीक एक साल पहले शेयर बाज़ार में एलआईसी को सूचीबद्ध किया गया था. तब इसका बाजार पूंजी 5.48 लाख करोड़ रुपए था. आज यह घटकर 3.59 लाख करोड़ रुपए रह गया है- 35 प्रतिशत की भारी गिरावट. इस तेज़ गिरावट का एकमात्र कारण है- मोदानी. इस प्रक्रिया में लाखों लाख पॉलिसीधारकों को गंभीर नुक़सान हुआ है.’ यानी उनका कहना है क्योंकि एलआईसी ने अदानी समूह के स्टॉक खरीदे इसलिए यह नुकसान हुआ.

पॉलिसी धारकों को खतरा नहीं: एलआईसी

इसके बाद, भारतीय जनता पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ प्रमुख अमित मालवीय ने जयराम नरेश पर अधूरी सूचना के आधार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने सिद्धार्थ मोहंती (एलआईसी प्रमुख) के बयान का हवाला देते हुए अपने जवाबी ट्वीट में लिखा,‘एलआईसी का अडानी समूह में निवेश एक प्रतिशत से कम है. एलआईसी को अडाणी समूह के स्टॉक से करोड़ों का फायदा हुआ. पॉलिसीधारकों को कोई जोखिम नहीं है.’

Published - May 19, 2023, 01:18 IST