कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने IPO जारी होने के बाद शेयर की लिस्टिंग की समय सीमा में बदलाव किया है. सेबी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम बंद होने के बाद शेयर बाजारों में शेयरों के सूचीबद्ध होने की समयसीमा घटाकर आधी यानी तीन दिन कर दी है. वर्तमान में यह समयसीमा छह दिन है. नियम में बदलाव 1 दिसंबर से लागू हो रहा है.
IPO जारी करने वालों के साथ निवेशकों को होगा फायदा
सेबी की तरफ से कहा गया है कि एक सितंबर या उसके बाद आने वाले सभी IPO के लिये सूचीबद्धता की नई समयसीमा स्वैच्छिक होगी, जबकि जो IPO एक दिसंबर के बाद आएंगे उनके लिये यह अनिवार्य होगा. सूचीबद्ध होने और कारोबार की समयसीमा कम किये जाने से IPO जारी करने वालों के साथ-साथ निवेशकों को भी लाभ होगा.
इस कदम से निर्गम जारीकर्ताओं ने जो पूंजी जुटायी है, उसे जल्दी प्राप्त कर सकेंगे. इससे व्यापार करना आसान होगा और निवेशकों को भी अपनी निवेश राशि व नकदी शीघ्र प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. सेबी के अनुसार, ‘‘सार्वजनिक IPO के बंद होने के बाद प्रतिभूतियों की सूचीबद्धता में लगने वाले समय को 6 कार्य दिवस (TY + 6 दिन) से घटाकर 3 कार्य दिवस (T + 3 दिन) करने का निर्णय किया गया है. यहां ‘T’ निर्गम बंद होने की अंतिम तिथि है.’’ नियामक ने कहा कि एएसबीए (एप्लीकेशन सर्पोटेड बाई ब्लॉक्ड अमाउंट) आवेदन राशि को जारी करने में देरी के लिये निवेशकों को क्षतिपूर्ति की गणना T+3 दिन से की जाएगी. उल्लेखनीय है कि सेबी के निदेशक मंडल ने इस प्रस्ताव को जून में मंजूरी दी थी.