हाल के महीनों में कई म्यूचुअल फंड कंपनियों ने देश के आईटी सेक्टर पर दांव लगाते हुए टेक फंड लॉन्च किए हैं. हाल में आया HDFC Technology Fund एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम फंड है जो टेक्नोलॉजी कंपनियों में निवेश करेगा. बंधन म्यूचुअल फंड ने हाल Bandhan Nifty IT Index Fund लॉन्च किया था. Axis Nifty IT Index Fund और DSP Nifty IT ETF में भी निवेशकों को निवेश का मौका मिला. ये फंड देश की इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी यानी IT सेक्टर की तरक्की पर दांव लगा रहे हैं जो ज्यादातर Nifty IT index को ट्रैक करते हैं.
ये हाल तब है जब आईटी सेक्टर के म्यूचुअल फंड्स का पिछले एक साल का रिटर्न करीब 5% ही रहा है. जबकि इस दौरान मल्टीकैप फंड ने करीब 18% रिटर्न दिया है. आईटी शेयरों की चाल में भी हाल में सुस्त रही. ऐसे में सवाल ये है कि जब आईटी शेयरों की चाल सुस्त है तो म्यूचुअल फंड्स भला इस सेक्टर पर दांव क्यों लगा रहे हैं?
ज्यादातर IT फंड भारत में लिस्टेड आईटी कंपनियों में निवेश करते हैं. आईटी सेक्टर को ग्लोबल इनोवेशन की अगुवाई करने वाला माना जाता है. अगर लॉन्ग टर्म में देखें तो पिछले 10 साल में निफ्टी आईटी इंडेक्स में निवेशकों को करीब 17 फीसद सालाना रिटर्न मिला है जो दूसरे सेक्टर्स के मुकाबले बहुत बढ़िया है. ये फंड अपने एसेट का 80% हिस्सा आईटी सेक्टर की कंपनियों में लगाते हैं.
जानकारों का कहना है कि इन दिनों आईटी सेक्टर में करेक्शन दिख रहा है और इसकी वजह से आईटी शेयरों का वैल्यूएशन एक-दो साल के लिहाज से काफी आकर्षक हो गया है. कोविड के दौरान ब्याज दरें कम थीं, तब टेक सेक्टर का प्रदर्शन भी काफी अच्छा था. लेकिन ब्याज दरें बढ़ने के दौर में आईटी शेयर लड़खड़ाए हैं, खासकर घाटे में चलने वाली टेक कंपनियों के. आगे चलकर कई देशों में ब्याज दरों के बढ़त का सिलसिला रुकने की उम्मीद है. इसी तरह टेक कंपनियों के लिए मध्यम से लॉन्ग टर्म के ग्रोथ ड्राइवर सुरक्षित बने हुए हैं. हालांकि किसी तरह की मंदी की आशंका इन कंपनियों का गणित बिगाड़ सकती है.
क्या नए आ रहे IT फंड्स में निवेश करना चाहिए? Epsilon Money Mart के प्रोडक्ट हेड नितिन राव ने कहा कि भारतीय आईटी सेक्टर लॉन्ग टर्म में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा है. हाल के अंडरपरफॉर्मेंस से शेयरों के वैल्यूएशन में काफी गिरावट आई है. इस वजह से वित्तीय रूप से मजबूत कई कंपनियों के शेयर सस्ते में मिल रहे हैं. NFO में निवेश करने में ज्यादा जोखिम होता है, क्योंकि इनके अतीत के प्रदर्शन का डेटा न होने से भविष्य का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है. अगर कोई NFO नए आइडिया के साथ आता है और कोई निवेशक ज्यादा जोखिम लेने के लिए तैयार है, तो वह इसमें निवेश कर सकता है.
कई भारतीय आईटी कंपनियों का मैनेजमेंट बेहतर है, उनमें कॉरपोरेट गवर्नेंस अच्छा है और उनमें कमाई के ग्रोथ के लिहाज से देखें तो लॉन्ग टर्म का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है. पिछले एक दशक में आईटी सेक्टर ने निफ्टी50 इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है. तो अभी जो आईटी शेयरों में कमजोरी दिख रही है उसका फायदा उठाते हुए आईटी फंड्स में निवेश किया जा सकता है ताकि भविष्य में इनमें ग्रोथ का फायदा मिले.
एक्सिस सिक्योरिटीज की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक सुस्ती और कमजोर मैक्रोइकोनॉमिक आउटलुक की वजह से भारतीय आईटी इंडस्ट्री के लिए निकट भविष्य में चुनौतियां जरूर हैं, लेकिन इनका लॉन्ग टर्म का आउटलुक मजबूत बना हुआ है. मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से रिकवरी शुरू होने की उम्मीद है.
ऐसे में जो निवेशक लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन करना चाहते हैं और IT से जुड़े इक्विटी या इक्विटी संबंधी साधनों में निवेश का लाभ उठाना चाहते हैं वे इनमें निवेश कर सकते हैं.
लेकिन ये सेक्टोरल फंड होते हैं, इसलिए निवेशकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि इनमें तुलनात्मक रूप से ज्यादा जोखिम होता है. इनमें ऊंचा रिटर्न जरूर मिलेगा, लेकिन जो निवेशक ज्यादा जोखिम ले सकते हैं, वे ही इनमें निवेश करें.