आरबीआई की ओर से पेटीएम बैंक पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद से पेटीएम निवेशकों को काफी नुकसान हो रहा है. किराना दुकानदार भी पेटीएम से बचते नजर आ रहे हैं, जिसके चलते पिछले 10 करोबारी दिनों में पेटीएम शेयर अपनी वैल्यू के लगभग 55 फीसद गिर गया है. यानी इसके स्टॉक ने मार्केट कैप में लगभग 26,000 करोड़ रुपए खो दिया है. ग्लोबल ब्रोकिंग फर्म मैक्वेरी एवं पेटीएम की साझेदार ने स्टॉक को अंडरपरफॉर्म करने के लिए डाउनग्रेड कर दिया है और लक्ष्य मूल्य 275 रुपए से कम कर दिया है.
पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस के शेयर बुधवार को बीएसई पर 9% तक गिरकर दिन के निचले स्तर 344.90 रुपए पर आ गए. मैक्वेरी के अनुसार विजय शेखर शर्मा के नेतृत्व वाली कंपनी अस्तित्व के लिए लड़ रही है और हालिया आदेशों के बाद, पेटीएम को ग्राहकों के पलायन का गंभीर खतरा है. इससे कंपनी के मॉनिटाइजेशन और व्यापार मॉडल को खतरे में डालता है. बता दें एक साल पहले, मैक्वेरी ने पेटीएम स्टॉक को 800 रुपए के लक्ष्य मूल्य के साथ डबल अपग्रेड दिया था. हालांकि 2022 में ये अंडरपरफॉर्म रेटिंग के साथ लक्ष्य मूल्य 450 रुपए था.
बता दें प्रतिबंध के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कार्रवाई की समीक्षा करने के लिए शायद ही कोई जगह है. बाजार विशेषज्ञों ने खुदरा निवेशकों को सलाह दी है कि जब तक नियामक चुनौतियां शांत नहीं हो जातीं, तब तक वे कोई अहम कदम न उठाए.
वेंचुरा सिक्योरिटीज के विनीत बोलिंजकर ने कहा कि आरबीआई पिछले कुछ वर्षों में कंपनी का बहुत मजबूती से मार्गदर्शन कर रहा है, इसके बावजूद कंपनी लगातार नियमों का उल्लंघन कर रही है. कंपनी पर जिस तरह के जुर्माने लगाए गए हैं, उसे देखते हुए पूरा बिजनेस मॉडल बाधित हो गया है. इस वजह से जितना संभव हो सकता है हम कंपनी के स्टॉक से दूर रहना पसंद करते हैं.
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