इस मल्‍टीबैगर कंपनी को मिला यूके नेवी से ऑर्डर, शेयरों में आई तूफानी तेजी

Maritime Electricals: एक साल में कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को 306.14 फीसदी का रिटर्न दिया है. 5 साल की बात करें तो इसने 1,219.14 फीसदी का रिटर्न दिया है

Maritime Electricals Stocks

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Marine Electricals Stocks in Upper Circuit: शिप, पावर डिस्ट्रीब्यूशन और पैनलिंग से जुड़ी और एनएसई पर लिस्‍टेड मरीन इलेक्ट्रिकल्स (Marine Electricals) को हाल में यूके नेवी से 3 शिप के लिए पावर डिस्ट्रीब्यूशन, पैनल और रडार का ऑर्डर मिला है. मरीन इलेक्ट्रिकल्‍स के शेयरों में 7 अगस्‍त को अपर सर्किट लगा है और यह 268.05 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार करता नजर आया.

6 अगस्‍त को एनएसई को दी गई जानकारी में Marine Electricals ने बताया कि विदेशों से ज्यादा कारोबार हासिल करने के लिए कंपनी सितंबर में दुनिया के सबसे बड़े मैरीटाइम प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए जर्मनी जाएगी. यह प्रदर्शनी 3 से 6 सितंबर के बीच होगी.

Marine Electricals ने दिया मल्‍टीबैगर रिटर्न

मरीन इलेक्ट्रिकल्‍स के शेयर 7 अगस्‍त 2023 को 67.25 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे थे. 7 अगस्‍त 2024 को इसके शेयर का भाव 268.05 रुपये पर पहुंच गया है. एक साल में कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को 306.14 फीसदी का रिटर्न दिया है. 5 साल की बात करें तो इसने 1,219.14 फीसदी का रिटर्न दिया है.

मैरीटाइम प्रदर्शनी से कंपनी को ऑर्डर्स की उम्‍मीद

मरीन इलेक्ट्रिकल्‍स को उम्मीद है कि इस प्रदर्शनी में हिस्‍सा लेने से उसे शिप सेक्टर के अच्छे ऑर्डर मिल सकते हैं. इस प्रदर्शनी में पूरी दुनिया से मैरीटाइम इंडस्ट्री के मैन्यूफैक्चरर्स, सप्लायर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स आएंगे. कंपनी ने एनएसई को दी गई जानकारी में बताया है कि वह इसमें भागीदारी कर कमर्शियल शिपिंग इंडस्ट्री में अपनी मौजूदगी बढ़ाएगी. इसके लिए वह यूरोपियन शिप ओनर्स और शिपयार्ड से भी संपर्क करेगी.

क्‍या करती है Marine Electricals?

भारतीय नेवी के सारे शिप के पावर डिस्ट्रीब्यूशन, पैनल और रडार मरीन इलेक्ट्रिकल के पास बनते हैं. आईएनएस विक्रांत का भी काम इसी कंपनी ने किया है. चाहे वह ऑर्डर भले ही गार्डन रीच, कोचीन या गोवा शिपयार्ड या एलएंडटी जैसी कंपनियों को मिलते हैं. इंडियन नेवी के अप्रूव्‍ड वेंडर्स में ये कंपनी भी शामिल है. हाल में कंपनी ने विदेशों में स्थिति मजबूत करने के लिए यूरोप और यूएई में आफिस खोली है. चूंकि कंपनी अभी भारत से निर्यात करती है, इसलिए वह बाहर जाना चाहती है. भारत और चीन में यूरोप की तुलना में 20 फीसदी कम मैन्यूफैक्चरिंग लागत है. हाल फिलहाल यूरोप के लोग चीन के अलावा दूसरे विकल्प भी तलाश रहे हैं. ऐसे में इस कंपनी को बहुत बड़े आर्डर मिलने की संभावना है. आने वाले समय में सरकार शिप बिल्डिंग में बड़ा निवेश करेगी. ऐसे में मरीन इलेक्ट्रिकल्‍स को फायदा मिलने की उम्मीद है.

कंपनी का दूसरा डिवीजन डेटा सेंटर के लिए पावर डिस्‍ट्रीब्‍यूशन है. अदाणी और प्रिस्टन के साथ डॉ रेड्‌डी, ल्यूपिन और वेदांता जैसी कंपनी के डेटा सेंटर में पावर डिस्ट्रीब्यूशन का काम मरीन इलेक्ट्रिकल ही संभालती है. हाल में माइक्रोसॉफ्ट का डेटा सेंटर रुकने से सारे विमान रुक गए थे. इसलिए सरकार इस तरह की कंपनियों को बढ़ावा दे रही है. कंपनी का मार्केट काप 3,387 करोड़ रुपये है.

(डिस्‍क्‍लेमर- शेयरों में निवेश में जोखिम अधिक है. निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह अवश्‍य लें. किसी तरह के नुकसान की जिम्‍मदारी Money9 की नहीं होगी.)

Published - August 7, 2024, 01:12 IST