शेयर बाजार में लिस्ट 66 कंपनियां ऐसी हैं जिनके शेयरों का लॉकइन पीरियड अगले 4 महीने यानी अप्रैल से जुलाई के दौरान खत्म हो रहा है, इस वजह से उन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का दबाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. जिन शेयरों का लॉकइन पीरियड खत्म हो रहा है उनकी कुल वैल्यू करीब 1.48 लाख करोड़ रुपए है. लॉकइन पीरियड उन कंपनियों के शेयरों का खत्म हो रहा है जिनके IPO बीते एक साल के दौरान आए हैं.
Nuvama-Wealth Management की रिपोर्ट के मुताबिक जिन 66 कंपनियों के शेयरों का लॉकइन पीरियड खत्म हो रहा है उनमें टाटा टेक्नोलॉजी, होनासा कंज्यूमर, सेलो वर्ल्ड और जन स्माल फाइनेंस बैंक शामिल हैं. इसके अलावा ग्लोबल सर्फेस, साई सिल्क्स, JSW इंफ्रा, प्लेटिनम इंडस्ट्रीज और एक्जीकॉम टेक्नोलॉजी का लॉकइन पीरियड 1 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है. HDFC सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च हेड दीपक जसानी के मुताबिक जिन शेयरों का लॉकइन पीरियड खत्म हो रहा है उनमें बिकवाली का दबाव देखने को मिल सकता है.
कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी के नियमों के मुताबिक जिस कंपनी का IPO लॉन्च होता है, उसके एंकर निवेशकों और प्रमोटर्स को अलॉट हुए शेयर्स 90 दिन तक नहीं बेचे जा सकते. लिस्ट होने वाली नई कंपनियों के शेयरों में भारी उतार-चढ़ावा रोकने और रिटेल निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सेबी ने यह नियम लागू किया हुआ है.
कई बार ऐसा देखा गया है कि लॉकइन पीरियड खत्म होने के बाद कई एंकर निवेशक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटाते हैं जिस वजह से कंपनी के शेयर में भारी गिरावट आती है. पूर्व में जोमैटो, पीबी फिनटेक और डिलिव्हरी जैसी कंपनियों के शेयरों में इस तरह का ट्रेंड देखा गया है. जोमैटो में लॉकइन पीरियड खत्म होने के बाद अलीबाबा जैसे दिग्गज निवेशक ने अपनी हिस्सेदारी घटाई थी.