LIC के शेयरों के भाव में गिरावट लगातार जारी, रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स का भरोसा हुआ कमजोर

एक तरफ भारतीय शेयर बाजार के सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब खड़े हैं तो दूसरी तरफ देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC में गिरावट देखने को मिल रही है.

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एक तरफ भारतीय शेयर बाजार के सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब खड़े हैं तो दूसरी तरफ देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC में गिरावट देखने को मिल रही है. एलआईसी के शेयरों की लिस्टिंग के बाद से तमाम इन्‍वेस्‍टर्स अच्‍छे दिन का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इसका हाल सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है. हर गुजरते महीने के साथ एलआईसी के शेयरों का भाव गिर रहा है और यह लगातार नया लो लेवल बना रहा है.

LIC का IPO जोर-शोर से हुआ था लॉन्‍च

मौजूदा वित्त वर्ष की शुरुआत में सरकारी बीमा कंपनी LIC का IPO बड़े जोर-शोर से लॉन्‍च हुआ. कई महीनों से इसके लिए माहौल बनाया गया और इन्‍वेस्‍टर्स को आकर्षित करने के लिए कई उपाय किए गए. खासकर रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स को आईपीओ में पैसे लगाने के लिए प्रोत्‍साहित किया गया. हालांकि शेयर बाजार में एलआईसी ने लिस्टिंग के दिन ही निराश कर दिया.

रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स का भरोसा हुआ कमजोर

आंकड़े बताते हैं कि एलआईसी के शेयरों को लेकर रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स का भरोसा हाल के दिनों में कमजोर हुआ है. सिर्फ दूसरी तिमाही में 2.65 लाख रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स एलआईसी से बाहर निकल गए. एलआईसी के शेयरों के भाव में जिस तरह से गिरावट आई है, उसके हिसाब से रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स के बीच मची यह भगदड़ तार्किक भी साबित होती है.

LIC IPO का इश्‍यू प्राइस 904 रुपए था

LIC IPO में रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स के लिए इश्‍यू प्राइस 904 रुपए था. वहीं एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स के लिए यह 889 रुपए था. आम इन्‍वेस्‍टर्स के लिए एलआईसी आईपीओ का इश्‍यू प्राइस 949 रुपए था. हालांकि इसकी लिस्टिंग 17 मई को 872 रुपए पर हो पाई. इसका मतलब हुआ कि LIC IPO ने इन्‍वेस्‍टर्स को पहले ही दिन घाटा करा दिया. शुक्रवार को दोपहर में बीएसई पर एलआईसी का शेयर नुकसान के साथ 595 रुपए पर ट्रेड कर रहा था. इससे पहले एलआईसी स्‍टॉक 588 रुपए का ऑल टाइम लो भी छू चुका है.

कुछ इन्‍वेस्‍टर्स कर रहे डिप बाइंग

हालांकि कुछ ऐसे भी रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स हैं, जो इस मौके का फायदा उठाकर डिप बाइंग कर रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स के पास जून तिमाही के अंत में एलआईसी के 11.86 करोड़ शेयर थे. यह सितंबर तिमाही में 12.21 करोड़ पर पहुंच गया. यानी इन तीन महीनों में रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स ने एलआईसी के करीब 35 लाख शेयर खरीदे. इस दौरान एफपीआई ने भी एलआईसी पर भरोसा दिखाया और इसके 33 लाख शेयर खरीदे. वहीं म्‍यूचुअल फंड्स का भरोसा कम हुआ और इन्‍होंने एलआईसी में अपनी हिस्‍सेदारी 0.10 फीसदी कम की.

खराब प्रदर्शन के बाद भी बहुत उम्मीदें

एलआईसी के शेयरों के भविष्‍य की बात करें तो अब तक के खराब प्रदर्शन के बाद भी ब्रोकरेज फर्म्स को इससे उम्‍मीदें हैं. फॉरेन ब्रोकरेज सिटी ने इसे Buy रेटिंग के साथ 1000 रुपए का टारगेट दिया है. इसी तरह मोतीलाल ओस्‍वाल ने एलआईसी को 830 रुपए का और एमके ग्‍लोबल ने 800 रुपए का टारगेट दिया है.

इंश्‍योरेंस मार्केट में LIC का मार्जिन गिरा

ओपन मार्केट में एलआईसी शेयरों की चाल पर कंपनी के बिजनेस का भी असर पड़ा है. बिजनेस के लिहाज से इंश्‍योरेंस मार्केट में एलआईसी का मार्जिन पहले ही अन्‍य कंपनियों की तुलना में कम था. यह मार्जिन जून तिमाही में 13.6 फीसदी पर आ गया, जो मार्च तिमाही में 15 फीसदी से ज्‍यादा था. अन्‍य कंपनियों की बात करें तो एसबीआई लाइफ और आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल का मार्जिन 30 फीसदी से ज्‍यादा है. जबकि एचडीएफसी लाइफ का मार्जिन करीब 27 फीसदी है.

सरकार की बात करें तो DIPAM सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे की एक हालिया टिप्‍पणी का जिक्र जरूरी हो जाता है. बकौल दीपम सेक्रेटरी एलआईसी को बाजार में पैर जमाने के लिए कई नई चीजें करनी होंगी. उन्‍होंने माना कि कंपनी के मैनेजमेंट को नए सिरे से सोचने की जरूरत है. शेयरों की लिस्टिंग से एक नई कहानी शुरू होती है और अब एलआईसी के मैनेजमेंट को अगले 20 साल के लिए रणनीति बनाने की जरूरत है.

Published - October 29, 2022, 01:00 IST