पिछले कुछ महीने भारतीय आईपीओ बाजार के लिए निराशाजनक रहे हैं. वित्त वर्ष 2023 में 39 IPOs की वैधता समाप्त हो गई थी. इसके अलावा कुछ दस्तावेज़ बैंकरों को वापस लौटा दिए गए या वापस ले लिए गए. इनमें सीएमआर ग्रीन टेक्नोलॉजीज, जेसन्स इंडस्ट्रीज, एपीआई होल्डिंग्स, हेक्सागोन न्यूट्रिशन, मैनी प्रिसिजन प्रोडक्ट्स जैसी तमाम कंपनियों का आईपीओ लैप्स हो गया था. इसके अलावा एसबीएफसी फाइनेंस, जॉयलुक्कास इंडिया, फर्स्ट मेरिडियन बिजनेस सर्विसेज जैसी कई कंपनियों ने अपने ऑफर डॉक्यूमेंट भी वापस ले लिए. ऐसी कंपनियों द्वारा जुटाई जाने वाली कुल राशि 85,000 करोड़ रुपए से अधिक थी.
तैयारी में कितनी कंपनियां?
अब आर्थिक वृद्धि, महंगाई और वित्तीय तंगी को लेकर चिंता के बीच शेयर बाजार नई दिशा तलाश रहे हैं. मैनकाइंड फार्मा का 4,326 करोड़ रुपए का इश्यू हाल के दिनों में सबसे बड़ी सफल आईपीओ में से एक रहा. आंकड़े बताते हैं कि हालात सुधर रहे हैं. प्राइम डेटा बेस के अनुसार, 59 कंपनियों के पास सेबी की मंजूरी है और वे कुल 86,329 करोड़ रुपए जुटाना चाहती हैं. इसके अलावा 22 कंपनियां ऐसी हैं, जिनकी मंजूरी सेबी के पास लंबित है और वे 8,100 करोड़ रुपए जुटाने पर विचार कर रही हैं. शेयर बाजार नियामक सेबी ने Tata Play और ideaForge Tech के प्रारंभिक पब्लिक इश्यू (IPO) को हरी झंडी दे दी है. ideaForge Technology के IPO में 300 करोड़ रुपए के ताजा शेयर जारी किए जाएंगे. इसके अलावा 48 लाख से अधिक शेयरों को बिक्री के लिए रखा जाएगा.
आगे दिख रही उम्मीद
अगर वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारतीय आईपीओ बाजार को देखें तो हमें बेहतर तस्वीर मिलेगी. भारत में चालू कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा आईपीओ लॉन्च हुए. यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 33% ज्यादा था. ईवाई की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. आईएमएफ के अनुसार भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा. वहीं भारत को लेकर एफपीआई ने भी भरोसा जताया है क्योंकि वे हाल के दिनों में शुद्ध खरीदार बन गए हैं. इसलिए अगर आप आईपीओ के जरिए कुछ पैसा कमाना चाह रहे हैं तो तैयारी बनाकर रखें.