बाजार नियामक सेबी का छोटे एवं मध्यम रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) स्थापित करने का निर्णय जमीन-जायदाद क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण कदम है. इसके जरिए आंशिक मालिकाना हक को नियमों के अंतर्गत लाने से न केवल निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा बल्कि यह वाणिज्यिक के साथ ही किफायती आवासीय रियल एस्टेट के लिए भी फायदेमंद होगा. रियल एस्टेट क्षेत्र के विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा है कि इससे निवेश के नये माध्यम यानी किराया अर्जित करने वाली रियल एस्टेट संपत्तियों में आंशिक स्वामित्व की वृद्धि को गति मिलेगी.
रियल एस्टेट क्षेत्र का शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी हरि बाबू ने एक बयान में कहा, ‘लघु एवं मध्यम रीट को सेबी से मिली मंजूरी और आंशिक स्वामित्व मंचों को नियमों के अंतर्गत लाना रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास को गति देने लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इसमें न्यूनतम परिसंपत्ति मूल्य को घटाकर 50 करोड़ रुपये करने का निर्णय रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास के अनुरूप निवेशकों को आकर्षक अवसर प्रदान करता है.’
उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल ने पिछले सप्ताह शनिवार को कम से कम 50 करोड़ रुपये की संपत्ति मूल्य वाले छोटे और मध्यम रीट के गठन को सुगम बनाने के लिए नियामकीय ढांचा बनाने को लेकर रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट विनियमन, 2014 में संशोधन को मंजूरी दे दी. मौजूदा रीट के लिए न्यूनतम संपत्ति मूल्य 500 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा, ‘इसके जरिये आंशिक मालिकाना हक को नियमों के अंतर्गत लाने से न केवल निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा बल्कि यह वाणिज्यिक के साथ ही किफायती आवासीय रियल एस्टेट के लिए भी फायदेमंद होगा.’
किराया अर्जित करने वाली संपत्तियों के आंशिक स्वामित्व की सुविधा प्रदान करने वाले रियल एस्टेट प्रौद्योगिकी मंच…योर्स के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्रवण गुप्ता ने कहा कि छोटे एवं मध्यम रीट और रियल एस्टेट आंशिक स्वामित्व खंड को विनियमित करने की सेबी की पहल एक सकारात्मक और जरूरी कदम है. उन्होंने कहा, सेबी द्वारा प्रस्तावित दिशानिर्देश क्षेत्र को संगठित बनाने, निवेशकों का विश्वास बढ़ाने और विशेष प्रयोजन इकाई (एसपीवी) प्रतिभूतियों को जारी करने की जटिलता के मुद्दो का निपटान करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह पहल खासकर इससे अपरिचित खुदरा निवेशकों के लिए फायदेमंद है.’ संपत्ति प्रौद्योगिकी मंच एचबिट्स के संस्थापक और सीईओ शिव पारेख ने छोटे एवं मध्यम रीट की स्थापना के लिए सेबी की मंजूरी को भारतीय रियल एस्टेट निवेश में एक ऐतिहासिक पल बताया.
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