शेयरों में निवेश के बिना ऐसे लें डिविडेंड का फायदा

जो निवेशक ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते उनके लिए डिविडेंड यील्‍ड फंड अच्‍छे विकल्‍प हो सकते हैं

शेयरों में निवेश के बिना ऐसे लें डिविडेंड का फायदा

कंपनियां अक्‍सर अपने मुनाफे का हिस्‍सा शेयरधारकों में लाभांश यानी डिविडेंड के रूप में वितरित करती हैं. कोई कंपनी डिविडेंड दे रही है, तो इसका मतलब यह है क‍ि उसके नतीजे अच्‍छे रहे होंगे और बहीखाता मजबूत होगा. वैसे तो हर कंपनी के लिए डिविडेंड देना जरूरी नहीं होता, लेकिन कंपनी और निवेशकों के हित में कंपनियां ऐसा करती हैं. कंपनियां शेयरधारकों को डिविडेंड इस वजह से भी देती हैं क्‍योंकि वे निवेशकों को अपने कारोबार का अहम हिस्‍सा मानती हैं. किसी और निवेश में आपको डिविडेंड जैसा फायदा नहीं मिलता..

ज्‍यादातर निवेशक भी ऐसे शेयरों में पैसा लगाना पसंद करते हैं, जिनका लगातार अच्‍छा डिविडेंड देने का इतिहास हो.. लेकिन यह बात भी गौर करने की है कि कम जोख‍िम पसंद करने वाले निवेशक सीधे शेयरों में निवेश नहीं करना चाहते. ऐसे निवेशक भी अगर डिविडेंड देने वाले शेयरों का फायदा उठाना चाहते हैं, तो वे क्‍या करें? ऐसे निवेशकों के लिए डिविडेंड यील्‍ड फंड अच्‍छे विकल्‍प हो सकते हैं.

डिविडेंड यील्‍ड फंड होते क्‍या हैं?
ज्‍यादातर निवेशकों के शेयरों की खरीद के बारे में निर्णय लेने में डिविडेंड की बड़ी भूमिका होती है, इसलिए डिविडेंड यील्‍ड फंड ऐसी कंपनियों को चुनने और उनमें निवेश पर जोर देते हैं जिनके पास अच्छा नकद प्रवाह हो, जिनका बहीखाता काफी दुरुस्‍त हो और इन सबकी वजह से जो नियमित रूप से डिविडेंड यानी लाभांश शेयरधारकों में वितरित कर रही हों.

क्‍या हैं सेबी के नियम?
बाजार नियामक SEBI के मैंडेट के मुताबिक किसी डिविडेंड यील्‍ड फंड स्‍कीम का कम से कम 65 फीसदी निवेश डिविडेंड यील्‍ड‍िंग यानी लाभांश देने वाले शेयरों में होना चाहिए.
65 फीसदी से ज्‍यादा शेयरों में निवेश का मतलब यह है कि ये इक्विटी फंड्स के तहत ही आते हैं. ऐसे ज्‍यादातर फंड के लिए Nifty Dividend Opportunities 50 Index को बेंचमार्क माना जाता है. इस इंडेक्‍स के आधार पर ही फंड हाउस हाई डिविडेंड पेइंग यानी ज्‍यादा डिविडेंड देने वाले शेयरों का चुनाव करते हैं. डिविडेंड यील्‍ड फंड्स अपनी रकम का करीब 70 से 80 फीसदी हिस्‍सा हाई डिविडेंड यील्‍ड और पेआउट वाले शेयरों में निवेश करते हैं.

क्‍या है डिविडेंड यील्‍ड?
किसी शेयर की मार्केट वैल्‍यू और उसके नकद लाभांश के अनुपात को डिविडेंड यील्‍ड कहते हैं.
उदाहरण के लिए मान लीजिए किसी शेयर की कीमत 500 रुपए है और कंपनी ने 10 रुपए प्रति शेयर का लाभांश दिया है, तो उसका डिविडेंड यील्‍ड 2 फीसद होगा. इसी तरह किसी कंपनी की कुल आय और उसके डिविडेंड की कुल राश‍ि के अनुपात को dividend payout ratio कहते हैं. Dividend yield funds निवेशकों को अपने निवेश को डायवर्सिफाई करने और उन्‍हें बाजार के अलग-अलग सेगमेंट में हिस्‍सा लेने का मौका मुहैया कराते हैं. वैल्‍यू रिसर्च के डेटा के मुताबिक डिविडेंड यील्‍ड फंड्स ने पिछले एक साल में 9.10%, तीन साल में 29% और पांच साल में 11% का रिटर्न दिया है.

किस तरह से लगता है टैक्‍स?
डिविडेंड यील्‍ड फंड्स, इक्विटी म्‍यूचुअल फंड के तहत आते हैं, इसलिए इन पर टैक्‍स इक्विटी म्‍यूचुअल फंड की तरह ही लगता है. अगर आप किसी इक्विटी फंड की यूनिट को खरीदने के एक साल के भीतर रिडीम कर लेते हैं, तो आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स होता है. आप किसी भी इनकम टैक्‍स ब्रैकेट में आते हों, आपको इस गेन पर 15 फीसद की एकसमान दर से टैक्‍स देना होगा.

इसी तरह इक्विटी फंड की यूनिट को एक साल के बाद बेचने पर जो फायदा होता है उसे लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन्‍स कहते हैं. इस तरह का एक लाख रुपए तक का गेन्‍स पूरी तरह से टैक्‍स मुक्‍त होता है. लेकिन एक लाख रुपए से ऊपर के गेन्‍स पर 10 फीसद के हिसाब से LTCG टैक्‍स लगता है. इस पर इंडेक्‍सेशन का फायदा भी नहीं मिलता.

किसे करना चाहिए निवेश?
डिविडेंड यील्‍ड फंड्स उन निवेशकों के लिए एक अच्‍छा विकल्‍प हैं जो बाजार के उतार-चढ़ाव से ज्‍यादा प्रभावित नहीं होना चाहते. ये फंड जिन कंपनियों में निवेश करते हैं वे आमतौर पर अच्‍छी पूंजी वाले और कम उतार-चढ़ाव वाले होते हैं. यानी ये फंड ऐसे निवेशकों के लिए उपयुक्‍त होते हैं, जो बहुत आक्रामक नहीं होते, क्‍योंकि ऐसी कंपनियां आमतौर पर स्थिर होती हैं.

कैसे चुनें सही फंड?
निवेशकों को यह बात ध्‍यान रखनी चाहिए कि डिविडेंड यील्‍ड फंड भी इक्विटी फंड होते हैं, ठीक है कि इनमें थीमेटिक फंड जैसा उतार-चढ़ाव न‍हीं होता, लेकिन इनमें बाजार के उतार-चढ़ाव का असर तो होता ही है. ऐसे फंड्स की तलाश करें जिनके कॉर्प्‍स का आकार अच्‍छा हो, एक्‍सपेंस रेश्‍यो कम हो और जिनमें उतार-चढ़ाव कम हो. कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि जो निवेशक कम जोख‍िम में अच्‍छा रिटर्न चाहते हैं, वे डिविडेंड यील्‍ड फंड का चुनाव कर सकते हैं.

Published - May 30, 2023, 09:15 IST