फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) विशेष ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट हैं, जो डेरिवेटिव की श्रेणी में आते हैं. डेरिवेटिव एक ऐसा कॉन्ट्रैक्ट है, जिसकी वैल्यू किसी अंडरलाइंग एसेट जैसे शेयर, गोल्ड आदि से तय होती है… फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग में ऐसा जरूरी नहीं है कि निवेशकों को अंडरलाइंग एसेट खरीदना पड़े, लेकिन स्टॉक मार्केट में इनकी कीमत में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाया जा सकता है.
फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेडिंग?
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट दोनों ही स्टॉक मार्केट पर लिस्टेड होते हैं. मान लीजिए आप स्टॉक फ्यूचर्स खरीदते हैं तो ये स्टॉक एक्सचेंज की जिम्मेदारी है डिलीवरी के दिन आपको वो स्टॉक उसी कीमत पर मिलेगा जो कॉन्ट्रैक्ट करते वक्त तय की गई थी. मौजूदा वक्त में यानी डिलीवरी के समय शेयर की कीमत क्या है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में आपको डील पूरी करनी होती है.
ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेडिंग?
ऑप्शंस कॉन्टैक्ट की बात करें तो यहां आपके पास ऑप्शन है कि आप शेयर खरीदना चाहते हैं या नहीं. मान लीजिए ABC कंपनी का एक शेयर 2,100 रुपए का है. आपको लगता है कि एक महीने बाद यह शेयर 2,200 रुपए का होगा. आपने कॉन्ट्रैक्ट के लिए प्रीमियम के रूप में 200 रुपए दिए और कहा कि मैं इस स्टॉक को एक महीने बाद 2,150 रुपए में खरीदूंगा. एक महीने बाद वो स्टॉक 2,500 रुपए का हो जाता है.
ऐसे में डिलीवरी के वक्त यह स्टॉक आपको 2,350 रुपए का पड़ेगा. इस तरह आपको हर एक शेयर पर 150 रुपए का फायदा हुआ. मान लीजिए अगर ये स्टॉक 2,000 रुपए का हो जाता तो आप या तो स्टॉक को 2,150 रुपए में खरीदेंगे या फिर नहीं खरीदेंगे. ऐसे में आप स्टॉक नहीं खरीदेंगे तो आपको केवल कॉन्ट्रैक्ट के लिए चुकाए गए प्रीमियम यानी सिर्फ 200 रुपए का नुकसान होगा.
कैसे करें फ्यूचर्स और ऑप्शंस में ट्रेडिंग?
फ्यूचर्स और ऑप्शंस में ट्रेडिंग के लिए BSE और NSE के पास रजिस्टर्ड ब्रोक्रिंग फर्म में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए, 5paisa.com (https://bit.ly/3RreGqO ) पर जाएं जहां आप एफ एंड ओ में व्यापार कर सकते हैं.
ब्रोकिंग फर्म के पोर्टल पर लॉगइन करने पर आपको विभिन्न फ्यूचर्स और ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट मिलेंगे. थोड़ी-सी रिसर्च करके आप अपने लिए बेहतर कॉन्ट्रैक्ट चुन सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंजों पर स्टॉक F&O में ट्रेडिंग कर सकते हैं, कमोडिटी एक्सचेंजों पर कमोडिटी आदि में. फ्यूचर्स और ऑप्शंस में कैश मार्केट की तरह एक शेयर खरीदा या बेचा नहीं जा सकता है, बल्कि यहां ट्रेडिंग लॉट में होती है. एक लॉट में कई शेयर होते हैं.
फ्यूचर्स और ऑप्शंस में ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानने के लिए 5paisa.com पर जाएं.