बढ़ती ब्याज दरों के बीच बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के सेक्टर के शेयरों से अपने सौदे काटने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अप्रैल 2023 में फिर इनकी ओर ध्यान देने लगे. Primeinfobase.com के जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार इन निवेशकों ने अप्रैल में भारत के बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के शेयरों में ₹7,690 करोड़ के शेयर खरीदे हैं जबकि जनवरी और मार्च 2023 के बीच इस क्षेत्र में ₹15,700 करोड़ के शेयर बेचे थे. वहीं कैलेंडर 2022 की बात करें तो FPIs ने ₹61,177 करोड़ के बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के शेयर बेचे हैं.
भारत में विदेशी फंडों की बिक्री से बैंक सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं क्योंकि बेंचमार्क इंडेक्स – निफ्टी और सेंसेक्स में इस सेक्टर का वेटेज सबसे ज्यादा है. अप्रैल में एक बार फिर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के शेयरों की तरफ़ आकर्षित होने के पीछे की वजह ये है कि मार्च तिमाही में ज्यादातर बैंकों ने आय में उम्मीद से बेहतर बढ़ोतरी दर्ज की है, मार्जिन में विस्तार हुआ और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ. आईडीएफसी फर्स्ट, आईडीबीआई, पंजाब एंड सिंध, इंडियन बैंक और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक सहित एक दर्जन से ज्यादा बैंक शेयरों में पिछले एक महीने में 12 से 26 फीसदी के बीच तेजी आई है. इंडेक्स हैवीवेट एचडीएफसी बैंक में 2 फीसदी की गिरावट के बावजूद निफ्टी इंडेक्स में 2.9 फीसदी की बढ़त के साथ एक महीने में बैंक निफ्टी में 4.1 फीसदी उछल गया.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
स्टॉक एक्सपर्ट रवि सिंह बताते हैं कि बैंकों के हाल में आए नतीजों को देखकर आगे आने वाले समय में भी बैंकिंग और फ़ाइनेंशियल सेक्टर में अच्छी ग्रोथ देखने को मिल सकती है ऐसे में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की खरीदारी जारी रह सकती है. खुदरा निवेशकों के लिए इस सेक्टर में उन्होंने थोड़ा संभलकर खरीद की सलाह दी है क्योंकि मौजूदा मंदी की परिस्थितियों में इनमें उतार चढ़ाव भी हो सकता है.
बता दें कैपिटल गुड्स, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स और मेटल और माइनिंग ऐसे तीन सेक्टर हैं, जहां FPI ने इस साल और पिछले साल लगातार खरीदारी की. वहीं अप्रैल में आईटी सेक्टर में FPI की बिकवाली तेज हो गई. जनवरी से मार्च के बीच IT शेयरों से ₹7,974 करोड़ निकालने वाले FPI ने अप्रैल में ₹4,908 करोड़ के IT शेयर बेचे. 2022 में FPI ने 71,357 करोड़ रुपये के आईटी शेयर बेचे.