विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के रुख में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है और उन्होंने फरवरी में भारतीय शेयर बाजारों में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. इससे पिछले महीने जनवरी में उन्होंने शेयरों से जमकर निकासी की थी. कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों तथा सकारात्मक आर्थिक वृद्धि के बीच FPI एक बार फिर भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इसके अलावा FPI ने फरवरी में कर्ज या बॉन्ड बाजार में 22,419 करोड़ रुपये डाले हैं. क्रेविंग अल्फा के प्रमुख भागीदार मयंक मेहरा ने कहा, ‘‘मार्च के लिए भी FPI का परिदृश्य सकारात्मक नजर आ रहा है. अर्थव्यवस्था में मजबूती तथा कॉरपोरेट जगत के बेहतर प्रदर्शन की वजह से भारतीय शेयरों के प्रति FPI का आकर्षण कायम रहने की उम्मीद है.’’
आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने फरवरी में भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 1,539 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जनवरी में उन्होंने शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक आर्थिक माहौल में सुधार ने FPI को भारत जैसे उच्च वृद्धि वाले बाजारों में निवेश के लिए प्रेरित किया है.
उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर जीडीपी के तीसरी तिमाही के आंकड़े मजबूत रहे हैं, जिससे विदेशी निवेशक आकर्षित हुए हैं. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल काफी ऊंचा है. इसके बावजूद FPI ने भारतीय शेयरों में शुद्ध निवेश किया है.
कर्ज या बॉन्ड बाजार की बात की जाए, तो FPI पिछले कुछ महीनों से जेपी मॉर्गन सूचकांक में भारत सरकार के बांड को शामिल करने की घोषणा से प्रभावित होकर कर्ज बाजार में पैसा लगा रहे हैं. उन्होंने बॉन्ड बाजार में फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये, जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये, दिसंबर में 18,302 करोड़ रुपये, नवंबर में 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
कुल मिलाकर इस साल अबतक FPI ने भारतीय शेयर बाजार से 24,205 करोड़ रुपये निकाले हैं. इस दौरान उन्होंने कर्ज बाजार में 42,000 करोड़ रुपये डाले हैं.