शेयर बाजार के लिए 'ब्‍लैक मंडे', सेंसेक्‍स और निफ्टी हुए धड़ाम; निवेशकों के 17 लाख करोड़ डूबे

सेंसेक्‍स शुरुआती कारोबार के दौरान ही 2401.49 अंक टूट कर 78,580.46 के स्‍तर पर आ गया. निफ्टी भी शुक्रवार के मुकाबले 681.80 अंकों की गिरावट के साथ 24035 के स्‍तर पर कारोबार करता नजर आया.

Stock Market Crash

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Stock Market Crash: सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के लिए ‘ब्‍लैक मंडे’ सााबित हुआ. बाजार खुलते समय सेंसेक्‍स 1273.99 अंक टूटा हुआ था. वहीं, एनएसई का निफ्टी भी 778 अंकों की गिरावट के साथ 24,339.70 के स्‍तर पर था. इसके बाद तो गिरावट जारी रही और सेंसेक्‍स शुरुआती कारोबार के दौरान ही 2401.49 अंक टूट कर 78,580.46 के स्‍तर पर आ गया. निफ्टी भी शुक्रवार के मुकाबले 681.80 अंकों की गिरावट के साथ 24035 के स्‍तर पर कारोबार करता नजर आया. सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, अदाणी पोर्ट्स, मारुति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट आई. सन फार्मा, नेस्‍ले इंडिया, एशियन पेटस और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर हरे निशान में कारोबार करते नजर आए.

वैश्विक बाजारों में अफरा-तफरी का माहौल

शुक्रवार को अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट देखी गई थी. नास्‍डैक 2.43 फीसदी की गिरावट के साथ 16,781.16 पर बंद हुआ था. डाउ जोंस भी 1.51 फीसदी यानी 610.71 अंक टूट कर 39,737.26 पर बंद हुआ था. जापान का निक्‍केई 12.85 अंक टूट कर 31,295.33 अंकों पर कारोबार करता नजर आया. हांगकांग का हैंगसेंगऔर दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट हरे निशान में रहा.

जापान के निक्‍केई में 1987 के बाद सबसे बड़ी गिरावट

जापान के शेयर सूचकांक निक्‍केई में सोमवार को भारी बिकवाली के कारण 12.82 फीसदी की गिरावट आई. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में नरमी के बीच यह गिरावट आई. सूचकांक निक्‍केई सोमवार दोपहर तक 4645.81 अंक से अधिक गिरकर 31,262.82 अंक पर आ गया. इसमें शुक्रवार को 5.8 फीसदी की गिरावट आई थी. दो कारोबारी सत्र की यह अभी तक की सबसे अधिक गिरावट रही. निक्की में अक्टूबर 1987 में 3,836 अंक या 14.9 प्रतिशत की गिरावट आई थी जिसे ‘ब्लैक मंडे’ करार दिया गया था. बैंक ऑफ जापान (BoJ) ने बुधवार को अपनी प्रमुख ब्याज दर बढ़ाया था. इसके बाद से टोक्यो में शेयर की कीमतों में गिरावट आई है.

निवेशकों के 17 लाख करोड़ हुए स्‍वाहा

सोमवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट की वजह से निवेशकों को खासा नुकसान हुआ. बीएसई के सेंसेक्‍स का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 457 लाख करोड़ रुपये था जो सोमवार को खबर लिखे जाते समय घट कर 440 लाख करोड़ रुपये पर आया गया था. कारोबार शुरु होने के महज 3 घंटे के भीतर निवेशकों के लगभग 17 लाख करोड़ रुपये डूब गए.

शेयर बाजार में गिरावट की क्‍या है वजह?

अमेरिका में मंदी की चिंता

निवेशकों को इस बात की आशंका है अमेरिका में मंदी दस्‍तक दे रहा है. साम रिसेशन इंडिकेटर 0.5 के ऊपर चल रहा है. यह मंदी की तरफ संकेत कर रहा है. मासिक आधार पर अमेरिका में जॉब की स्थिति भी चाराब हुई है. जुलाई में अमेरिका में सिर्फ 1,14,000 लोगों को नौकरियां मिलीं जो पिछले साल के औसत 2,15,000 नौकरियों की तुलना में काफी कम है.

बैंक ऑफ जापान ने बढ़ाई दरें

सिर्फ अमेरिकी बाजार ही गिरावट की वजह नहीं है. बैंक ऑफ जापान ने अपने बेंचमार्क दरों में बुधवार को इजाफा किया था. इससे अमेरिकी डॉलर की तुलना में जापानी येन के मूल्‍य में बढ़ोतरी दर्ज की गई. ब्‍याज दरें कम होने से येन का इस्‍तेमाल ‘कैरी ट्रेड’ के तौर पर किया जाता था. दरें बढ़ने से फॉरेक्‍स ट्रेडर्स हताश हैं. इससे भी वैश्विक बाजार प्रभावित हुआ है.

ईरान-इजरायल के बीच तनाव

हिजबुल्‍ला और हमास चीफ के मारे जाने के बाद मध्‍य-पूर्व में तनाव बढ़ गया है. ऐसी आशंका है कि ईरान, हमास और हिजबुल्‍ला मिल कर इजरायल से बदला लेंगे. मध्‍य-पूर्व में किसी तरह के प्रतिकूल घटनाक्रम से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी जो अभी मांग कम होने की वजह से 8 महीने के निचले स्‍तर पर है.

भारतीय कंपनियों का पहली तिमाही में खराब प्रदर्शन

निफ्टी में शामिल 50 कंपनियों में से 30 के नतीजे आ चुके हैं. सालाना आधार पर इन कंपनियों में औसत 0.7 फीसदी की ग्रोथ नजर आई. हालांकि, सालाना आधार पर इनके शुद्ध लाभ में 9.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

Published - August 5, 2024, 11:48 IST