NSE ने क्यों बदली बैंक निफ्टी की एक्सपायरी?

डेरिवेटिव वॉल्यूम में सबसे ज्यादा होती है निफ्टी और निफ्टी बैंक की हिस्सेदारी

NSE ने क्यों बदली बैंक निफ्टी की एक्सपायरी?

फोटो साभार: TV9 भारतवर्ष

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देश के सबसे बड़े डेरिवेटिव एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) के एक्सपायरी के दिन में बदलाव किया है. अभी तक बैंक निफ्टी के एफएंडओ सौदों की साप्ताहिक एक्सपायरी गुरुवार को होती है लेकिन आगे यह एक्सपायरी शुक्रवार को होगी. एक्सायरी के दिन में बदलाव 7 जुलाई, 2023 से लागू होगा.
इस बारे में NSE ने एक नोटिफ़िकेशन जारी कर बताया है कि छह जुलाई के अंत में सभी मौजूदा फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति तिथि और मैच्योरिटी तिथि शुक्रवार को संशोधित/स्थगित कर दी जाएगी. इस नियम के बाद शुक्रवार की पहली एक्सपायरी 14 जुलाई, 2023 को होगी. इस बदलाव के बाद अब NSE में सिर्फ सोमवार को छोड़ हर दिन F&O की एक्सपायरी होगी. यह नियम 9 जुलाई से शुरू होने वाले हफ्ते से लागू हो जाएगा. वहीं अगर त्रैमासिक कॉन्ट्रेक्ट होगा और अगर किसी का कॉन्ट्रेक्ट अगस्त की 31 तारीख यानी गुरुवार को खत्म हो रहा था वह उससे पहले वाले शुक्रवार यानी 25 को शिफ्ट हो जाएगा. अगर शुक्रवार को बाजार की छुट्टी होगी तो इसके पहले ट्रेडिंग के दिन निफ्टी बैंक की एक्सपायरी होगी.

क्या होगा फायदा?
डेरिवेटिव वॉल्यूम में निफ्टी और निफ्टी बैंक की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होती है. स्टॉक एक्सपर्ट संतोष सिंह कहते हैं कि एक्सपायरी के दिन अलग-अलग हो जाने के बाद उम्मीद है कि निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी के बीच लिंक नहीं होगा. निवेशक को स्पष्टता रहेगी कि आज उसको किस सेगमेंट में खरीदारी करनी है. साथ ही बैंक निफ्टी में ट्रेडिंग वॉल्यूम भी बढ़ जाएगा. कुल मिलाकर इससे निवेशकों को फायदा होगा.

क्या है F&O?
शेयर बाजार में कारोबार के दो सेगमेंट हैं. एक कैश सेगमेंट जिसमें नकद में कारोबार होता है. दूसरा डेरिवेटिव्स जिसे फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) भी कहा जाता है. फ्यूचर्स एंड ऑप्शन सौदों के तहत एक ग्राहक किसी शेयर को मौजूदा क़ीमत पर भविष्य की तारीख में खरीद या बेच सकता है.

Published - June 8, 2023, 02:08 IST