11 नए कमोडिटी वायदा हो सकते हैं लॉन्च

सरकार के इस फैसले के बाद उन कमोडिटीज की कुल संख्या 104 हो गई जिनमें डेरिवेटिव ट्रेडिंग की जा सकती है.

Sebi

केंद्र सरकार ने मार्केट रेग्युलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की सिफारिश के आधार पर सीमेंट, स्किम्ड मिल्क पाउडर, सेब, बांस और लकड़ी समेत 11 कमोडिटीज के वायदा कारोबार को शुरू करने को अनुमति दे दी है. वित्त मंत्रालय ने 1 मार्च 2024 को जारी एक अधिसूचना में इन कमोडिटीज को सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट (रेग्युलेशन) एक्ट, 1956 के तहत जोड़ा है. सरकार के इस फैसले के बाद उन कमोडिटीज की कुल संख्या 104 हो गई जिनमें डेरिवेटिव ट्रेडिंग की जा सकती है.

अन्य कमोडिटीज जिनमें डेरिवेटिव कारोबार की अनुमति दी गई है उनमें मौसम, माल ढुलाई, सफेद मक्खन, काजू, मेटल एलॉय और मैंगनीज हैं. सभी बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं. कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरिंदर वाधवा के मुताबिक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की कमोडिटी एवं डेरिवेटिव सलाहकार समिति यानी CDAC ने इन 11 कमोडिटीज में वायदा कारोबार की सिफारिश की है क्योंकि इनका व्यापक रूप से कारोबार होता है और इनमें डेरिवेटिव की अनुमति देने से कोई समस्या नहीं होगी. बता दें कि नरिंदर वाधवा सीडीएसी के सदस्यों में से एक हैं.

वायदा कारोबार से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल सेबी की ओर से नई कमोडिटीज में डेरिवेटिव ट्रेडिंग की मांग की जाती है और वित्त मंत्रालय की ओर से उन कमोडिटीज को सूची में जोड़ कर अधिसूचना जारी कर दी जाती है. उनका कहना है कि ऐसे कमोडिटीज की संख्या 104 हो गई है जो कि वायदा कारोबार के लिए पात्र हैं, पहले यह संख्या 91 थी. हालांकि सूची में किसी कमोडिटी के जुड़ने का मतलब यह नहीं है कि उसमें तुरंत वायदा कारोबार शुरू हो जाएगा. एक्सचेंज को बाजार की क्षमता का अध्ययन करना होगा और मार्केट रेग्युलेटर के पास आवेदन जमा करना होगा. इसके बाद सेबी कमोडिटी की संभावनाओं का अध्ययन करेगा और पर्याप्त मांग होने पर ही उसमें वायदा कारोबार की अनुमति देगा.

Published - March 4, 2024, 02:42 IST