फ्लैट बायर्स के लिए पार्किंग को लेकर आने वाले समय में बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. कार पार्किंग खरीदने के लिए उन्हें ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं.. दरअसल, जीएसटी (GST) से जुड़े मामले पर सुनवाई करने वाली पश्चिम बंगाल की एक अदालत फैसला सुनाया है कि फ्लैट बायर अगर ओपन कार पार्किंग खरीदता है तो उस पर उसे 18 फीसद जीएसटी देना होगा.
पश्चिम बंगाल की अथॉरिटी ऑफ अडवांस रूलिंग (AAR) ने माना कि ओपन कार पार्किंग को फ्लैट के साथ समग्र निर्माण सेवाएं नहीं माना जा सकता है. कार पार्किंग स्पेस के इस्तेमाल के लिए दी जाने वाली सर्विस को अलग सप्लाई माना जाना चाहिए. यह कंस्ट्रक्शन से जुड़ी कंपोजिट सप्लाई का हिस्सा नहीं है. ऐसे में इस पर 18 फीसद जीएसटी लगना चाहिए. इस फैसले के तहत अब लोगों के लिए घर खरीदना और महंगा हो जाएगा क्योंकि कार पार्किंग पर जीएसटी के बोझ का असर सीधे फ्लैट बायर्स पर पड़ेगा. इससे आने वाले समय में पूरे देश में अगर लागू हुआ, तो फ्लैट बायर्स को आर्थिक बोझ सहना पड़ सकता है.
इस फैसले के बाद ग्राहकों के लिए कार खरीदना नहीं बल्कि उसकी पार्किंग भी महंगी पड़ेगी. दरअसल, फ्लैट खरीदने के साथ ही बिल्डर्स पार्किंग के लिए अलग से पैसे चार्ज करते हैं. एएआर की पश्चिम बंगाल बेंच का फैसला ईडन रियल एस्टेट की अपील पर आया है. बेंच का कहना है कि ओपन कार पार्किंग को फ्लैट का हिस्सा नहीं माना जा सकता है. कार पार्किंग स्पेस के इस्तेमाल के लिए दी जाने वाली सर्विस को अलग सप्लाई माना जाना चाहिए. यह कंस्ट्रक्शन से जुड़ी कंपोजिट सप्लाई का हिस्सा नहीं है. ऐसे में इस पर 18 फीसद जीएसटी लगना चाहिए.
बता दें कि नॉन अफॉडेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट पर अप्रैल 2019 से बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के 5 फीसदी सीएसटी लग रहा था . लेकिन अब से सभी ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स पर बिल्डर के पास पुरानी जीएसटी की रेट से 12 फीसदी जीएसटी इनपुट क्रेडिट के साथ भुगतान करने का विकल्प होगा. यानी अब फ्लैट खरीदारों पर जीएसटी का बोझ बढ़ जाएगा.
महाराष्ट्र रेरा ने दी थी राहत
इससे पहले महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (Maha-RERA) ने साल 2020 में फ्लैट बायर्स के हक में एक बड़ा फैसला सुनते हुए कहा था कि बिल्डर्स ओपन कार पार्किंग के लिए होमबायर्स से अलग से चार्ज नहीं वसूल सकते हैं. अगर कार पार्किंग क्लोज्ड है तो बिल्डर्स चार लाख रुपए तक अलग से वसूल सकते हैं.