देश में स्टील की कीमतों में जल्द बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक कोकिंग कोल महंगा होने की वजह से स्टील कंपनियों के लिए स्टील उत्पादन की लागत बढ़ गई है जिस वजह से कंपनियां स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि स्टील कंपनियां दिसंबर तक स्टील की कीमतों में 25-50 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी कर सकती हैं.
स्टील उत्पादन में कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले इंपोर्टेड कोकिंग कोल की कीमतें बढ़ने की वजह से स्टील के दाम बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. देश में जितना कोकिंग कोल आयात होता है उसमें लगभग आधा कोयला ऑस्ट्रेलिया से आता है और इस साल ऑस्ट्रेलिया में कोकिंग कोल की कीमतों में 50 फीसद की बढ़ोतरी हुई है, दाम बढ़कर 350 डॉलर प्रति टन तक चला गया है. देश में हर साल करीब 5-6 करोड़ टन कोकिंग कोल का इंपोर्ट होता है. ऑस्ट्रेलिया के अलावा भारत में रूस और अमेरिका से भी कोकिंग कोल का आयात किया जाता है.
रिपोर्ट में इंडस्ट्री से जुड़े अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि कोकिंग कोल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह से देश में स्टील की कीमतों में प्रति टन 50 डॉलर तक की बढ़ोतरी हो सकती है. स्टील मिंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव गोयल के मुताबिक कुछ स्टील कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाना भी शुरू कर दिये हैं, कीमतों में 12-24 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी हुई है.
स्टील की कीमतें बढ़ने से दूसरे कई सेक्टर्स में महंगाई बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है. इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में स्टील का इस्तेमाल प्रमुख तौर पर होता है. इसके अलावा गाड़ियां बनाने में भी स्टील सबसे अहम कच्चा माल है. ऐसे में स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी से जहां एक तरफ घरों की महंगाई बढ़ेगी वहीं दूसरी तरफ गाड़ियों के दाम भी बढ़ सकते हैं.