चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल देखा जा रहा है. लगातार दूसरे साल मांग के मुकाबले सप्लाई कम रहने का अनुमान है. ऊपर से डॉलर में आई नरमी भी कीमतों को सहारा दे रही है. पिछले 1 महीने में चांदी का घरेलू भाव 8 फीसद से ज्यादा बढ़कर 61 हजार रुपए प्रति किलो के करीब पहुंचा है. विदेशी बाजार में तो करीब 13 फीसद का उछाल देखने को मिला है और भाव 21 डॉलर प्रति औंस के करीब बना हुआ है. 2 वर्षों से वैश्विक स्तर पर चांदी की सप्लाई के मुकाबले मांग में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है. सिल्वर इंस्टिड्यूट की रिपोर्ट कहती है कि इस साल, यानी 2022 के दौरान दुनियाभर में चांदी की मांग, सप्लाई के मुकाबले करीब 19 फीसद अधिक रह सकती है.
2022 में तो चांदी की वैश्विक मांग में 16% बढ़ोतरी का अनुमान
2021 में भी सप्लाई के मुकाबले मांग 5 फीसद ज्यादा थी. 2022 में तो चांदी की वैश्विक मांग में 16 फीसद बढ़ोतरी का अनुमान है. और यह रिकॉर्ड स्तर 34,303 टन तक पहुंच सकती है. मांग बढ़ने और सप्लाई घटने की वजह से लगातार दूसरे साल ग्लोबल मार्केट को चांदी की कमी का सामना करना पड़ सकता है और इस साल तो यह कमी रिकॉर्ड स्तर यानी, 5,455 टन तक पहुंच सकती है और 2021 में रही कमी के मुकाबले यह आंकड़ा 4 गुना बड़ा है.
चांदी की इंडस्ट्रियल मांग में 5 फीसद बढ़ोतरी का अनुमान
कीमती धातु होने के साथ चांदी एक इंडस्ट्रियल मेटल भी है और वैश्विक स्तर पर इसकी कुल खपत में 44-45 फीसद मांग इंडस्ट्री से ही रहती है. 2022 के दौरान वैश्विक स्तर पर चांदी की इंडस्ट्रियल मांग में 5 फीसद बढ़ोतरी का अनुमान है. इसके अलावा निवेश के लिए इसकी फिजिकल मांग में 29 फीसद बढ़ोतरी की संभावना है. ज्वेलरी के लिए चांदी की मांग 18 फीसद से ज्यादा बढ़ सकती है.
बढ़ी हुई मांग क्या कीमतों को और सहारा देगी
नवंबर के दौरान अमेरिकी डॉलर में आई तेजी ने भी चांदी की कीमतों को सपोर्ट किया है. अमेरिका में रिटेल महंगाई घटने की वजह से संभावना बढ़ गई है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ धीमी पड़ेगी. इसकी वजह से डॉलर में नरमी देखने को मिली है. 10 नवंबर को रिटेल महंगाई का आंकड़ा जारी हुआ था और तब से लेकर डॉलर इंडेक्स में 3-4 फीसद गिरावट आ चुकी है. लेकिन बड़ा सवाल बनता है कि दुनियाभर में चांदी की बढ़ी हुई मांग क्या इसकी कीमतों को और सहारा देगी. क्या निवेश के लिए चांदी को मौजूदा भाव पर भी खरीदा जा सकता है.
चांदी की इंडस्ट्रियल और निवेश मांग में और बढ़ोतरी की संभावना
इंडिया इंफोलाइन के अनुज गुप्ता का कहना है कि आने वाले दिनों में चांदी की इंडस्ट्रियल और निवेश मांग में और बढ़ोतरी की संभावना है. ऊपर से अमेरिका में भी ब्याज दरों में तेज बढ़ोतरी की संभावना नहीं है. जिस वजह से अमेरिकी डॉलर पर दबाव बढ़ सकता है और दोनों ही परिस्थितियों में चांदी की कीमतों को सहारा मिल सकता है. दिसंबर अंत तक घरेलू बाजार में चांदी का भाव 65,000 रुपए का स्तर दिखा सकता है. Money9 की सलाह है कि चांदी में किसी भी तरह का ट्रेड लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.