लोकसभा चुनाव के बाद मोबाइल यूजर्स को पहले से ज्यादा मोबाइल टैरिफ देना पड़ सकता है. भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां मोबाइल दरों में 20 फीसद तक का इजाफा कर सकती हैं. इसके तहत टेलीकॉम कंपनियां प्रीपेड और पोस्ट पेड दोनों तरह के प्लान की दरें बढ़ा सकती हैं. टेलीकॉम सेक्टर की स्थिति अच्छी नहीं है. दूसरी तिमाही में प्रमुख कंपनियों को राजस्व में नुकसान हुआ था. इसके बावजूद कंपनियां बढ़ते प्रतिस्पर्धा और ग्राहक खोने के डर से दरें नहीं बढ़ा पा रही हैं, जिससे कंपनियों के राजस्व पर सीधा असर पड़ रहा है.
टैरिफ बढ़ाना क्यों जरूरी?
गौरतलब है कि एयरटेल (Airtel) और वीआई (Vi) ने अभी हाल में फिर से मोबाइल दरें बढ़ाने की मांग की थी. ये कंपनियां चाहती हैं कि प्रति ग्राहक औसत राजस्व यानी एआरपीयू (ARPU) में बढ़ोतरी की जाए. दरअसल, एआरपीयू किसी भी टेलीकॉम कंपनी की वित्तीय स्थिति को आंकने का एक जरिया है. ऐसे में, एआरपीयू सुधारने के लिए कंपनियां दरें बढ़ा सकती हैं.
सबसे पहले इस कंपनी का बढेगा टैरिफ
जुलाई से अक्टूबर के बीच इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री में 15%-17% बढ़ोत्तरी होगी जिसमें भारती एयरटेल सबसे पहले टैरिफ प्लान बढ़ा सकता है. भारती एयरटेल अपने एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) में फाइनेंशियल ईयर 2027 तक 208 से 286 रुपये तक बढ़ा सकता है. एयरटेल एआरपीयू को 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये करने पर जोर दे रहा है। ऐसे में सुनील मित्तल की टेलीकॉम कंपनी टैरिफ बढ़ोतरी में सबसे अधिक मुनाफा कमा सकती है. सुनील मित्तल की अगुवाई वाली एयरटेल 10 साल से ज्यादा से फाइनेंशियली बेहतर परफॉर्म कर रही है. इसकी मुख्य वजह टैरिफ बढ़ोतरी, 2जी अपग्रेडेशन, एंटरप्राइज और फाइबर-टू-द-होम में बढ़ोतरी और 5जी रोलआउट के बाद कैपेक्स में गिरावट है.
दो या तीन किस्तों में बढ़ेगा टैरिफ
हाल ही में बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट में कहा गया कि टेलीकॉम कंपनियों ने 5जी सेवा शुरू करने के लिए बड़ा निवेश किया है, जिसके चलते भी इसके प्लान को भी महंगा किया जा सकता है. 5जी से जुड़े एआरपीयू बढ़ना बहुत मुश्किल है. ऐसे में टेलिकॉम कंपनियों के पास 4जी टैरिफ को बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. कंपनियां टैरिफ प्लान में दो या तीन किस्तों में इजाफा कर सकती हैं.
नवंबर 2021 में हुआ था इजाफा
मोबाइल टैरिफ की कीमतों में इससे पहले नवंबर 2021 में इजाफा हुआ था. उस समय टेलिकॉम कंपनियों ने 20-25 फीसद तक दाम बढ़ाए थे. तब वोडाफोन 20 फीसद, एयरटेल और आइडिया अपनी दरों में 25 फीसदी का इजाफा किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रिलायंस जियो और एयरटेल प्रीमियम उपभोक्ताओं के लिए अनलिमिटेड 5जी डाटा प्लान को बंद कर सकते हैं और 5जी सेवा के लिए 4जी के मुकाबले 5-10 फीसद तक अधिक चार्ज वसूल सकती हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ महंगा करके दोनों कंपनियां 5जी के लिए हो रहे भारी निवेश और अपने राजस्व में संतुलन बनाना चाहती हैं. इससे पहले ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनियों ने अनलिमिटेड प्लान जारी किए थे. लेकिन अब टेलिकॉम कंपनियों का राजस्व घटता जा रहा है, जिसके चलते ये कंपनियां अब 4जी के चार्जेज बढ़ाने का विचार कर रही हैं.