देश में दूध के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले डेढ़ साल में इसके भाव करीब 15 फीसद बढ़े हैं. हाल ही में उत्तर भारत और महाराष्ट्र की प्रमुख डेयरी कंपनियों ने दूध के खरीद मूल्य में 10 फीसद की कटौती की है लेकिन उन्हों खुदरा कीमतों में कटौती का कोई संकेत नहीं दिया है. जाहिर है इसका फायदा खुदरा ग्राहकों को नहीं मिलेगा. खरीद की कीमतों में कटौती का पूरा फायदा कंपनियां ही उठाएंगी.
उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि इस कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं मिलेगा. यानी खुदरा दूध की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि ग्राहकों को कुछ हद तक राहत जरूर मिलेगी. दरअसल, अधिकारियों ने कहा है कि इस कटौती के बाद अब कुछ महीनों तक दूध के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी.
मिल्क पाउडर और बटर की कीमत में गिरावट
दूध की कमी के कारण स्किम्ड मिल्क पाउडर (SMP) और व्हाइट बटर के दाम में बढ़ोतरी हो रही थी. इसलिए करीब दो महीने पहले दूध का आयात शुरू करने की मांग की जा रही थी. लेकिन पिछले दो हफ्ते में स्किम्ड मिल्क पावडर और बटर की कीमत में भी करीब 5-10 फीसदी की गिरावट आई है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा के अलावा दिल्ली के भी कुछ हिस्सों में डेयरी ने मिल्क पावडर और बटर के दाम में कटौती की है.
क्यों हुई कीमत में गिरावट?
उद्योग के दिग्गजों ने कीमतों में गिरावट की वजह मौसम की गड़बड़ी और स्टॉक की जमाखोरी बताई है. इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएस सोढ़ी ने कहा कि मई में बेमौसम बरसात के चलते गर्मी के मौसम की शुरुआत देर से हुई है. इसके चलते दही, छाछ और आइसक्रीम जैसी चीजों की मांग अब तक अपने पीक डिमांड पर नहीं पहुंची है. ऐसे में, बाजार में जमाखोरी हो गई है. इस वजह से दाम में कमी आई है. पिछले 15 महीनों में दुग्ध प्रोडक्ट्स की कीमतों में 14 से 15 फीसद की बढ़ोतरी के कारण मांग में कमी आई है.