रचित की पहली सैलरी आने के तुरंत बाद बैंक से ऐसा कॉल आया कि वो मना नहीं कर पाए. उनको बैंक ने एक नए क्रेडिट कार्ड का ऑफर दिया. ये कार्ड बिना किसी जीरो एनुअल फीस के साथ मिल रहा था. रचित ने क्रेडिट कार्ड ले लिया लेकिन उनकी ये खुशी ज्यादा लंबी नहीं टिकी. क्रेडिट कार्ड से बेतहाशा खर्च का इतना लंबा चौड़ा बिल मत्थे चढ़ गया कि हर महीने मिनिमम ड्यू पेमेंट तक के लिए दोस्तों से उधार लेने की नौबत आ गई. लेकिन क्या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए? दरअसल क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में कोई गलती नहीं है लेकिन इसे बिना समझे यूज करेंगे तो रचित की तरह फंस जाएंगे.
क्रेडिट कार्ड शॉर्ट टर्म क्रेडिट यानी कर्ज देता है. आपके अकाउंट में पैसे हों न हों कार्ड की क्रेडिट लिमिट के जरिए आप खर्च कर पाते हैं. लेकिन ध्यान रहे कर्ज है तो इसे लौटाना भी पड़ेगा इसलिए उसकी पेमेंट कैसे और कब करनी है, समझ लें वर्ना मोटा ब्याज वसूला जाएगा.
बिलिंग साइकिल को समझें
हर क्रेडिट कार्ड की एक बिलिंग साइकिल होती है जिसमें उस कार्ड का बिल जेनरेट होता है. ये वो पीरियड है जिसमें कार्ड से आपने जो भी ट्रांजैक्शन किए हैं वो सभी आपके अगले महीने के स्टेटमेंट में दिखेंगे. मान लीजिए आपके कार्ड का स्टेटमेंट हर महीने की 5 तारीख को जनरेट होता है. कोई एक महीना उठा लेते हैं. इसे 5 मार्च मान लेते हैं तो आपके कार्ड का बिलिंग साइकल इससे पिछले महीने की 6 तारीख यानी 6 फरवरी को शुरू होगा और मौजूदा महीने की 5 तारीख यानी 5 मार्च तक कंटीन्यू रहेगा. इस तरह बिलिंग साइकल 30 या 31 दिनों की होती है.
क्रेडिट कार्ड लोगों को इसलिए पसंद है क्योंकि इसमें आपको बिल चुकाने के लिए इंटरेस्ट फ्री पीरियड मिलता है. इंटरेस्ट फ्री पीरियड वो पीरियड है जिस दौरान क्रेडिट कार्ड कंपनी कार्ड के जरिए होने वाले खर्च पर कोई इंटरेस्ट नहीं लगाती. ये आमतौर पर बिल जेनरेट होने की डेट से 21 से 25 दिन का पीरियड होता है. यानी 6 फरवरी को कार्ड से कुछ खर्च किया तो उसपर 27 मार्च या 31 मार्च तक कोई इंटरेस्ट आपको नहीं देना होगा. ये 27 या 31 मार्च ही आपका पेमेंट ड्यू डेट होगा. हमेशा कोशिश यही करें कि क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान Payment Due Date से पहले हो जाए. अगर ये ड्यू डेट मिस हो गई तो फिर लेट पेमेंट फीस और दूसरे चार्जेज भरने पड़ेंगे.
बिल में शामिल दूसरी चीजों को समझें
Total Amount Due का मतलब उस अमाउंट से है जो स्टेटमेंट जेनरेशन वाली डेट तक आप पर बकाया होती है.
Minimum Amount Due वो अमाउंट होता है जो अपने Payment Due Date को या उससे पहले पे कर सकते हैं जिससे आपका क्रेडिट कार्ड अकाउंट मेंटेन रहे. ये आपके कुल बकाया राशि का एक छोटा हिस्सा होता है, आमतौर पर 5%. लेकिन इसका मतलब नहीं है कि Minimum Amount Due ही पे करें. ऐसा इसलिए क्योंकि केवल यही अमाउंट पे करते हैं तो बाकी बकाया अमाउंट पर आपको इंटरेस्ट देना होगा. साथ ही हर महीने ड्यू डेट को पूरा बिल पे करते हैं तो आपको अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाने में या उसे बरकरार रखने में मदद मिलेगी. इससे आगे लोन लेने में आसानी होगी.
क्रेडिट लिमिट वो अमाउंट लिमिट है जो आप कार्ड से खर्च कर सकते हैं. आपके कार्ड की क्रेडिट लिमिट आपके इनकम लेवल, क्रेडिट स्कोर और पहले से कोई क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसकी पेमेंट हिस्ट्री से तय होती है.
मिली हुई क्रेडिट लिमिट से जो पैसे आप खर्च करते हैं, उसके बाद बची हुई राशि, उसके साथ कोई पिछला इंटरेस्ट जुड़ रहा है तो इन सबको घटाने के बाद जो अमाउंट बचेगा उसे Available Credit Limit कहा जाएगा. मान लीजिए आपके कार्ड की क्रेडिट लिमिट 1 लाख रुपए है, आपने उसमें से 25 हजार रुपए खर्च किए. तो अब बचे 75 हजार रुपए, लेकिन इसमें 4 हजार रुपए का पुराने बिल का इंटरेस्ट जुड़ रहा है तो Available Credit Limit होगी 71 हजार रुपए.
Available Cash Limit वो अमाउंट है जो आप बैंक एटीएम के जरिए निकाल सकते हैं. ज्यादातर बैंक या कार्ड कंपनी टोटल क्रेडिट लिमिट का 20 से 40 फीसद कैश लिमिट ऑफर करती हैं. मान लीजिए आपके कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपए है तो आप इससे 20 से 40 हजार रुपए कैश विड्रॉ कर सकते हैं.
Reward summary- क्रेडिट कार्ड से किए जाने हर खर्च के साथ मिलने वाले रिवार्ड पॉइंट को बताती है. Reward summary में दो जरूरी हिस्से आते हैं जो आपको देखने चाहिए. पहला opening balance जो कि कार्ड की बिलिंग साइकल शुरू होने के साथ दिखता है. दूसरा Closing balance जो वो रिवॉर्ड बैलेंस होता है जिसका आप असल में इस्तेमाल कर सकते हैं. रिवॉर्ड प्वाइंट का इस्तेमाल आप शॉपिंग में, फ्लाइट टिकट बुक करने में डिस्काउंट पाने के लिए कर सकते हैं. रिवॉर्ड समरी पर ध्यान देते रहना चाहिए क्योंकि हर 30 या 60 दिन में कुछ पॉइंट एक्सपायर हो जाते हैं.
उम्मीद करते हैं कि अगली बार जब आपके पास क्रेडिट कार्ड का बिल पहुंचेगा तो आप केवल ड्यू पेमेंट नहीं बल्कि पूरे बिल पर ध्यान देंगे और उसे बेहतर तरीके से समझ पाएंगे.