कैसे मुसीबत बन जाते हैं ज्यादा क्रेडिट कार्ड?

एक मजबूत क्रेडिट स्कोर बनाए रखें.

कैसे मुसीबत बन जाते हैं ज्यादा क्रेडिट कार्ड?

Credit cards

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क्रेडिट कार्ड से खर्च में आसानी और जरूरत के समय कर्ज पर खरीदारी की सुविधा मिलती है. साथ ही इससे रिवार्ड प्वाइंट्स और दूसरे फायदे भी जुड़े हैं. अलग-अलग फायदों और दूसरी जरूरतों के लिए लोग एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड रखते हैं. लेकिन जब पास में कई क्रेडिट कार्ड हों तो जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है. जिम्मेदारी बढ़ते कर्ज के बोझ से बचने की और अपनी वित्तीय हालत सेहतमंद बनाए रखने की. इसलिए अगर आपके पास 3 या 4 या उससे ज्यादा क्रेडिट कार्ड हैं तो अपने फाइनेंस को मैनेज करने का गुर आपको आना चाहिए. वरना जितने कार्ड, उतनी ही आफत वाली बात होगी. अब ये कैसे करें, चलिए आपको समझाते हैं.

सबसे पहला काम ड्यू डेट और पेमेंट रिमांइडर चेक करने से जुड़ा है. कई क्रेडिट कार्ड रखने पर एक बड़ी दिक्कत समय पर पेमेंट इंश्योर करने की होती है. पेमेंट ड्यू डेट मिस करने से लेट फीस, बढ़े हुए इंटरेस्ट रेट्स झेलने पड़ सकते हैं और साथ ही क्रेडिट स्कोर पर भी बुरा असर पड़ता है. इसलिए हर कार्ड का पेमेंट ड्यू डेट याद रखें, इसके लिए पेमेंट कैलेंडर बना सकते हैं या अपने फोन में रिमाइंडर सेट कर सकते हैं. साथ ही ऑटोमैटिक पेमेंट का विकल्प भी चुन सकते हैं.

दूसरी बात ये कि बजट बनाकर चलें और खर्च को ट्रैक करें. ओवरस्पेंडिंग और कर्ज के बढ़ते बोझ से बचने के लिए अपनी आय, फिक्स्ड खर्चें और सेविंग गोल्स का आकलन करना जरूरी है. गैर जरूरी खर्चों के लिए एक खास अमाउंट तय कर लें और अपने खर्चों पर करीब से नजर रखें. कहां खर्च कम कर सकते हैं, इस पर ध्यान दें. इन सबसे आपको क्रेडिट कार्ड के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल को रोकने में मदद मिलेगी.

तीसरी बात हाई इंटरेस्ट डेट रिपेमेंट से जुड़ी है. क्रेडिट कार्ड पर इंटरेस्ट रेट भी अलग-अलग होते हैं. जिस कार्ड पर सबसे ज्यादा इंटरेस्ट रेट है, उसकी पेमेंट सबसे पहले करें, साथ-साथ दूसरे कार्ड का मिनिमम पेमेंट ड्यू पे करे. इसके बाद दूसरे महंगे इंटरेस्ट वाले कार्ड की पेमेंट करें और इस प्रक्रिया का तब तक पालन करते रहें जब तक कि सारे कार्ड्स की पेमेंट आप पूरी नहीं कर लेते. इससे आपको इंटरेस्ट वाली पेमेंट पर पैसे बचाने में मदद मिलेगी और कर्ज लौटाने की प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी.

एक और बात, क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट समय समय पर चेक करते रहें. इससे आपको सभी चार्जेज की एक्यूरेसी और उनकी वैधता का पता चलेगा. किसी अनऑथोराइज्ड ट्रांजैक्शन या बिलिंग एरर पर ध्यान दें और उनका पता चलने पर तुरंत कंप्लेन करें. स्टेटमेंट चेक करने से अपने खर्च के पैटर्न की समीक्षा करने का मौका भी मिलता है. इससे आप अपने खर्च को अपने बजट और वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप ढाल सकते हैं.

क्रेडिट कार्ड के फायदे और रिवॉर्ड को अच्छे से समझे और उनका पूरा इस्तेमाल करें. हर कार्ड के साथ खास बेनिफिट जुड़े हैं जैसे कि कैशबैक, एयर माइल्स या खास खरीद पर मिलने वाले डिस्काउंट. अपने बजट में रहते हुए और गैरजरूरी खर्चों से बचते हुए कार्ड का इस तरह से इस्तेमाल करें कि इन रिवॉर्ड्स का अधिकतम फायदा उठा पाएं. हां रिवॉर्ड्स के चक्कर में ओवरस्पेंडिंग ना करें, खुद पर कर्ज का बोझ ना बढ़ाएं क्योंकि इससे लॉन्ग टर्म बेनिफिट आप गंवा देंगे.

आखिरी बात एक मजबूत क्रेडिट स्कोर बनाए रखें. कई क्रेडिट कार्ड को जिम्मेदारी से मैनेज करने का आपके क्रेडिट स्कोर पर अच्छा असर पड़ सकता है. समय पर बिल पे करें, क्रेडिट कार्ड बैलेंस सही रखें और क्रेडिट का सही इस्तेमाल करें. इन सबसे आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा.. और इससे बेहतर शर्तों पर लोन की सुविधा, लोन मिलने में आसानी, कम इंटरेस्ट रेट जैसे फायदे मिलेंगे.

Published - November 3, 2023, 06:44 IST