भारत में कर्ज लेने वालों के लिए बीते दो साल किसी बुरे सपने से कम नहीं हैं. रिजर्व बैंक ने 2022 और 23 में कर्ज की दरों में जदर्बस्त इजाफा किया. रेपो रेट ढाई फीसदी बढ़ गईं. रेपो रेट बढ़ने से सभी प्रकार के कर्ज महंगे हो गए… जिनके पुराने कार और पर्सनल लोन थे. उन्हें तो कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि ये लोन फिक्स होते हैं, लेकिन होम लोन लेने वालों की आफत कम नहीं हुई है. रिजर्व बैंक के फैसले के बाद बैंकों ने बार बार होम लोन की दरें बढ़ा दीं. कुछ बैंकों ने सीधे सीधे ईएमआई बढ़ा दी. तो कुछ ने लोन की अवधि, बीते करीब डेढ़ साल में करीब 30 लाख का होम लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई में 2500 से 3000 रुपए की बढ़ोत्तरी हो चुकी है.
ब्याज की दरें एक बार जो बढ़ीं वो अब कम होने का नाम नहीं ले रहीं, न हीं निकट भविष्य में ब्याज दरें घटने की कोई उम्मीद दिख रही है. आरबीआई गवर्नन भी इससे इनकार कर चुके हैं. ऐसे में आम कर्जधारक करे तो क्या करे. महंगाई इस कदर कमरतोड़ है कि जरूरी खर्च भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं.
ऐसे में अगर ईएमआई का बोझ आपके कंधों को झुका रहा है तो आपके पास होम लोन ट्रांसफर का एक बेहतर विकल्प है… बाजार में बढ़ते कंपटीशन के बीच कई बैंक प्रतिस्पर्धी दरों पर होम लोन दे रहे हैं. हो सकता है आपका बैंक जिन ब्याज दरों पर होम लोन दे रहा है. संभव है कि दूसरे बैंक से आपको बेहतर डील मिल जाए… चूंकि होम लोन एक लंबी अवधि का लोन है. ऐसे में आप 20 से 30 सालों में एक मोटी रकम बचा भी सकते हैं.
आइए जानते हैं कि होम लोन ट्रांसफर की प्रक्रिया क्या है. इसके लिए किन डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है. इसकी फीस कितनी होती है. लोन ट्रांसफर करना आपके लिए कब फायदेमंद हो सकता है. साथ ही लोन ट्रांसफर में आपको क्या सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
लोन ट्रांसफर की प्रक्रिया की बात करें तो इसकी शुरुआत ऐसे बैंक के चयन से शुरू होती है, जिसमें आपको लोन ट्रांसफर करना है. जाहिर सी बात है कि आपको दूसरे बैंक की ब्याज दरों से तुलना करनी होगी. आपको अच्छी तरह से लोन से जुड़ी सभी नियम व शर्तें जाननी होंगी. यहां बैंक आपको एक नया ग्राहक मानेगा. ऐसे में आपके सिबिल स्कोर की जांच भी की जाएगी. ऐसे में बैंक भले ही पहली नजर में कम ब्याज की पेशकर कर रहा हो लेकिन लोन ट्रांसफर करने की प्रक्रिया तभी शुरू करें. जब आपका सिबिल स्कोर 750 से अधिक या इसके आसपास हो. नहीं तो आपको लोन ट्रांसफर का फायदा नहीं मिलेगा.
बैंक चुनने के बाद आपको पुराने बैंक में फोरक्लोजर का आवेदन भी देना होगा. फोरक्लोजर का मतलब होता है पुराने लोन को समय से पहले बंद करना. फोर क्लोजर के साथ ही अकाउंट स्टेटमेंट और प्रॉपर्टी के कागजात भी आपको पुराने बैंक से प्राप्त करने होंगे… इसके बाद आपको पुराने बैंक NOC या अनापत्ति प्रमाण देगा.
अब बात करते हैं उन डॉक्यूमेंट की जिन्हें आपको नए बैंक को सौंपना होगा. इन प्रमुख कागजातों में पैन और आधार जैसे KYC के कागज… प्रॉपर्टी पेपर… लोन बैलेंस के कागज… ब्याज के कागज आदि तैयार रखने होंगे. आपके कागजातों को प्रोसेस करने के बाद या बैंक पुराने बैंक से प्राप्त सहमति पत्र को मांगेगा. उसी के आधार पर लोन खाते को बंद कर दिया जाएगा… इसके बाद नए बैंक से आपकी EMI शुरू कर दी जायेगी.
अब होम लोन को ट्रांसफर करने की फीस की भी जानकारी ले लेते हैं. बैंक का होम लोन ट्रांसफर और प्रोसेसिंग फीस हर बैंक में अलग अलग होती है. यह होम लोन के आधे फीसदी के लगभग हो सकती है… ऐसे में आप प्रोसेस को आगे बढ़ाने से पहले इसकी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें… यह सब ऐसे खर्च होते हैं जिसके बारे में पहले से पता करना बहुत जरूरी है… यहां आप बैंक के एडिशनल चार्ज भी पता कर लें… कहीं ऐसा न हो कि ये एक्स्ट्रा चार्ज आपके फायदे को छोटा कर दें…
आइए कुछ जरूरी बातों पर भी गौर कर लेते हैं… हर बैंक की सेवाएं अलग-अलग है… ऐसे में यह देखना भी जरूरी है कि कौन सा बैंक आपको अच्छी सर्विस दे रहा है… इसके साथ ही बेहतर होगा कि आप मौजूदा ग्राहकों से भी रिव्यू कर लें… आपको यह देखना भी जरूरी है कि आप कितनी अवधि का होम लोन का टेन्योर चुन रहे हैं… आप कुछ राशि पेमेंट कर अपना लोन टेन्योर भी घटा सकते हैं…