फ्लैट के नाम पर ठग न ले ये ऑफर?

अब चोर ताला तोड़कर नहीं बल्कि अपने ऑनलाइन अवतार में कर रहे हैं चोरी

फ्लैट के नाम पर ठग न ले ये ऑफर?

लैपटॉप पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की स्कीम का विज्ञापन देखकर मनीष और प्रदीप खुश हैं. फ्लैट का शानदार ऑफर है. दोनों आवेदन करने की तैयारी कर रहे हैं. प्रदीप और मनीष को तो हमने रोक दिया और अब आपको सतर्क करने की बारी है. जागते रहिए क्योंकि अब चोर ताला तोड़कर नहीं बल्कि अपने ऑनलाइन अवतार में चोरी कर रहे हैं. यानी डीडीए फ्लैट्स जब लॉन्च होते हैं तो लाखों लोग अप्लाई करते हैं. 5000 फ्लैट के लिए पांच लाख आवेदन पहुंच जाते हैं और इसी मौके का फायदा उठाने के लिए कई फर्जी वेबसाइट गूगल बाबा के दरबार में आपको निशाना बनाने के लिए खुल गई हैं.

कैसे हो रही ठगी?

दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले एक जनाब गूगल पर डीडीए फ्लैट्स की जानकारी ढूंढ रहे थे. उनकी ये सर्च एक ऐसी वेबसाइट पर ले गई जिसमें डीडीए फ्लैट की बुकिंग ओपन थी. पहले आओ, पहले पाओ के लिए 75 हजार की एप्लीकेशन फीस और 25 हजार रुपए एनओसी के लिए जमा करने के लिए बोला जा रहा था. पर्सनल डिटेल्स के साथ फोटो अटैच करने के साथ पैसे डिपॉजिट हो गए. इस शख्स के पास अगले दिन एक कॉल आई, फोन करने वाले ने और चार लाख रुपए जमा करने को कहा. जमा न कराने पर आवेदन खारिज करने की बात कही. इस पर पीड़ित को अहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हो रही है और फिर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

कैसे हुआ खुलासा?

पुलिस ने व्यक्ति की शिकायत पर मामला दर्ज कर नंबर और बैंक खातों की जांच शुरू की तो पता चला कि गिरोह कोलकाता, मुंबई और बिहार से ऑपरेट कर रहा है. पुलिस ने मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है.. दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी के लैपटॉप पर 20 से ज्यादा फेक वेबसाइट के डोमेन मिले. डीडीए फ्लैट्स बुकिंग के नाम पर हुआ ये अकेला मामला नहीं है, न ही ये अकेला गिरोह है जो ऐसी ठगी कर रहा है. पहले भी कई मामले सामने आए हैं डीडीए हाउसिंग के नाम पर फेक यूआरएल बनाए गए जिसमें कहीं न कहीं डीडीए जोड़ दिया जैसे कि DDAflat.org या DDAeauction तो कहीं DDAhousingyojana ताकि नाम के इस गोलमाल में उलझकर लोग पेमेंट कर दें.

डीडीए ने किया आगाह?

फेक वेबसाइट की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए डीडीए ने भी चेतावनी जारी की और अपने वेबसाइट पर डिस्क्लेमर भी डाल दिया है. डीडीए की वेबसाइट को खोलते ही ये डिस्क्लेमर सबसे पहले आता है जो फेक वेबसाइट के एड्रेस बताते हुए लोगो को आगाह कर रहा है. ध्यान रहे कि DDA की स्कीम्स में बुकिंग केवल ऑफिशियल वेबसाइट (www.dda.gov.in) पर ही होती है.

कैसे बचें फर्जी साइट्स से?

गूगल (Google) पर जो कुछ दिखता है, उसे सच नहीं मान लेना चाहिए. जिस साइट पर जा रहे हैं, उसे वेरिफाई करना जरूरी है..कुछ रेड फ्लैग्स हैं जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए जैसे कि अगर आपसे पेमेंट के लिए, डाक्यूमेंट शेयर करने के लिए या फिर किसी पेपरवर्क या रजिसट्रेशन के लिए थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड करने को कहे तो सतर्क हो जाएं. थर्ड पार्टी ऐप के जरिए आपके फाइनेंशियल डिटेल्स हैक हो सकते हैं और आपका बैंक अकाउंट खाली हो जाएगा. अगर पेमेंट के लिए जरूरत से ज्यादा दबाब बनाया जाए कि ये स्कीम तो हाथ से निकल जाएगी, आज ही बुक कीजिए क्योंकि अगले दो घंटे में ऑफर खत्म हो रहा है तो समझ लीजिए पैसे ऐंठे जा रहे हैं.

फंस जाएं तो क्या करें?

फेक बेवसाइट के झांसे में आकर फंस जाएं तो नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल cybercrime.gov.in पर या टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें. साथ ही आप सोशल मीडिया जैसे कि ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर CyberDost के पेज को फॉलो कर सकते हैं, उनके पेज पर जाकर सीधे शिकायत कर सकते हैं, सलाह मांग सकते हैं. वहां ये बताएं कि पैसे कहां गए? मतलब आपने किस बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए हैं..पुलिस उस बैंक के नोडल ऑफिसर को फोन कर वो पैसे फ्रीज करा सकती है. अगर आपके कार्ड के जरिए भी पैसे दिए हैं, तो अपना अकाउंट भी फ्रीज करा सकते हैं. ऐसी घटनाओं को रिपोर्ट करने में देरी न करें क्योंकि जितनी देरी आप करेंगे, आपका पैसा वापस मिलने की संभावना उतनी ही कम रह जाएगी.

Published - June 29, 2023, 07:00 IST