यूपीआई के रिकॉर्ड इस्तेमाल से डेबिट कार्ड का धंधा भले ही मंदा पड़ गया हो लेकिन इसका क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के कारोबार पर असर पड़ता नहीं दिख रहा. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है और इसके पीछे मुख्य वजह क्रेडिट कार्ड के साथ मिलने वाले तमाम तरह के लाभ हैं. इन लाभों में रिवार्ड प्वाइंट और ऑफर्स प्रमुख हैं.
कहां और कैसे बढ़ रहा है इस्तेमाल?
क्रेडिट कार्ड के बढ़ते इस्तेमाल में फिनटेक कंपनियां अहम भूमिका निभा रही हैं. हाल ही में रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ दिया गया. जेनरेशन नेक्स्ट यानी 20-25 साल की उम्र के लोग घर के किराए से लेकर राशन का सामान तमाम चीजों के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं 30 से 40 उम्र वर्ग के बहुत सारे लोग जो पहले क्रेडिट कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते थे, वह भी डिस्काउंट और ऑफर्स के आकर्षण में अब इसका ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं.
कितना बढ़ा है इस्तेमाल?
अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक पिछले तीन वित्त वर्षों में क्रेडिट कार्ड से किया जाने वाला औसत मासिक खर्च दोगुना हो गया है. जहां वित्त वर्ष 2019-20 में खर्च का आंकड़ा 60,000 करोड़ रुपए था, वहीं 2022-23 में ये दोगुना होकर 1.2 लाख करोड़ रुपए हो गया.
भारत में कितने लोगों के पास है क्रेडिट कार्ड?
रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में मई तक 8.7 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं. इससे एक महीने पहले ये आंकड़ा 8.5 करोड़ था.
क्या है संभावना?
बैंकों के साथ मिलकर यूपीआई इनेबल्ड वर्चुअल रुपे (RuPay) क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले प्लेटफॉर्म Kiwi (कीवी) के को-फाउंडर और चीफ बिजनेस ऑफिसर मोहित बेदी के मुताबिक क्रेडिट कार्ड से हर महीने 2 से 2.5 लाख नए कस्टमर जुड़ रहे हैं और ये चलन पिछले 18 महीने से देखा जा रहा है.
फेडरल बैंक (Federal Bank) के रिटेल एसेट कार्ड कारोबार के वाइस प्रेसीडेंट और कंट्री हेड चित्रभानू के जी का कहना है कि क्रेडिट कार्ड एक 2-इन-1 प्रोडक्ट है जिसमें लोन के साथ पेमेंट की सुविधा मिलती है. इसके उलट डेबिट कार्ड एक सिंगुलर पेमेंट प्रोडक्ट है. इस वजह से बैंकों के लिए भी इसमें डेबिट कार्ड की तुलना में इससे ज्यादा कमाई की संभावना रहती है.