आने वाले दिनों में ऑनलाइन शॉपिंग महंगी हो सकती है. वजह है बड़ी ई कॉमर्स कंपनी अमेजन की ओर से सेलर्स की फीस बढ़ाना. सैलर्स यानी जो इस प्लेटफॉर्म पर अपना सामान बेचते हैं. सेलर फीस वह कमीशन है जो Amazon विक्रेताओं से अपने उत्पादों को अपने प्लेटफॉर्म पर बेचने के लिए लेता है. सेलर्स बढ़ी फीस को ग्राहकों को पर भी थोपेंगे. इससे उत्पादों के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है. यह फीस कपड़ों, ब्यूटी प्रोडक्ट, ग्रॉसरी और दवाओं के सैलर्स पर बढ़ाई गई है और 31 मई से नई दर लागू हो जाएंगी. ई कॉमर्स सेक्टर की अमेजन सबसे बड़ी कंपनी है. जाहिर हैअन्य ई कॉमर्स कंपनियां भी अपना कमीशन बढ़ा सकती हैं.
कितना बढ़ गया कमीशन?
अमेजन अब ब्यूटी प्रोडक्ट्स वर्टिकल जिसमें हेयरकेयर, बाथ और शॉवर जैसे सेगमेंट शामिल हैं, इसमें 300 रुपए से कम के उत्पादों के लिए कमीशन को बढ़ाकर 8.5 फीसदी कर दिया जाएगा. इससे पहले कंपनी 500 रुपए तक की कीमत वाले ब्यूटी प्रॉडक्ट्स के लिए सात फीसदी कमीशन लेती थी. महिलाओं और पुरुषों दोनों के 1000 रुपए से ज्यादा कीमत के कपड़ों पर कमीशन 19 फीसदी कर दिया गया है. वहीं कुछ मामलों में ये 22.5 फीसदी तक है.
जिन दवाओं के लिए डॉक्टर के पर्चे की जरूरत नहीं होती, उन दवाओं के सेगमेंट में सेलर फीस को 500 रुपए या उससे कम कीमत वाले उत्पादों के लिए 5.5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी और 500 रुपए से ज्यादा कीमत वाली वस्तुओं के लिए 15 फीसदी कर दिया गया है. वहीं अमेज़न ने वॉल पेंट और टूल्स और इनवर्टर और बैटरी जैसी कुछ श्रेणियों के लिए सैलर फीस कम भी कर दी हैं. बताया ये भी जा रहा है कि कुछ मामलों में ग्राहकों को रिफंड जारी करने के लिए विक्रेताओं से ली जाने वाली कीमतों में 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जाएगी.
जड़ी-बूटियों और मसालों सहित किराने के सामान की 500 रुपए तक की खरीद के लिए प्लेटफ़ॉर्म फीस कम कर दी गई है. पहले ये 4.5 फीसदी लगती थी लेकिन अब 2.5 फीसदी ही लगेगी. वहीं अगर इन सामनों की कीमत 1000 रुपए से ज्यादा होगी तो प्लेटफ़ॉर्म फीस 9 फीसदी लगेगी, जो पहले 8 फीसदी थी. बता दें अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफ़ॉर्म को होने वाले मुनाफ़े का बड़ा हिस्सा इसी तरह की सैलर फीस और कमीशन से आता है. बाजार की स्थितियों के आधार पर इनकी दरें बदलती रहती हैं.