भारत में बड़े त्योहारों पर कुछ नया खरीदना अच्छा माना जाता है. यही वजह है कि दशहरा से लेकर दिवाली तक हर चीज की बिक्री तेजी से बढ़ जाती है. इस बारे में प्रमुख भारतीय क्रेडिट ब्यूरो सीआरआईएफ (CREF) हाई मार्क ने भी अपनी एक रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय लोग त्योहारों को कैसे मनाते हैं और इस दौरान सबसे ज्यादा क्या खरीदते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक लोग कार, बाइक और कंज्यूमर ड्यूरेबल से जुडखरीदते हैं. इसलिए इस क्षेत्र में लोन लेने वालों की तादाद में भी इजाफा हुआ है.
सीआरआईएफ ने भारत में त्योहारी कर्ज (Festive Loan) पर वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) की रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में पाया गया है कि ऑटो, दोपहिया, उपभोक्ता टिकाऊ और होम लोन सहित पर्सनल लोन की कैटेगरी में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में अलग-अलग कैटेगरी के उत्पादों, लोन की श्रेणियों और भौगोलिक क्षेत्र आदि का ब्योरा दिया गया है.
ऑटो लोन में दिखी बढ़त
त्योहारी सीजन के दौरान ऑटो लोन मूल्य में 24% की बढ़त देखी गई. वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में 60,900 करोड़ रुपए का लोन लिया गया जो वित्त वर्ष 2022-23 की तिमाही में बढ़कर 75,500 करोड़ रुपए हो गया. लोन देने वालों में बैंकों और एनबीएफसी का दबदबा दिखा. त्योहारी सीजन के दौरान दोपहिया लोन के मूल्य में भी 34.5% की वृद्धि हुई, जो वित्त वर्ष 2021-22 की तिमाही में 17,100 करोड़ रुपए का ऑटो लोन लिया गया. वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में यह 23,000 करोड़ रुपए हो गया. लोन लेने वालों में ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों की संख्या लगभग एक-सी है.
पर्सनल लोन में इजाफा
त्योहारी सीजन के दौरान पर्सनल लोन की तरफ भी लोगों का झुकाव दिखा. इसमें 20.2% की वृद्धि देखने को मिली. वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में 1,58,500 करोड़ रुपए का पर्सनल लोन लिया गया जो वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 1,90,500 करोड़ रुपए पर पहुंच गया. पर्सनल लोन लेने वालों की संख्या में वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही से वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही तक 24.0% की वृद्धि हुई.
लोगों ने खूब खरीदा कंज्यूमर ड्यूरेबल सामान
वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के त्योहारी सीजन की तुलना में वित्त वर्ष2023 की तीसरी तिमाही में कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की मात्रा में 12% की वृद्धि हुई. लोगों ने जरूरत से जुड़ी चीजों पर काफी खर्च किया. इसके चलते त्योहारों के दौरान निजी बैंकों के ऋणों की हिस्सेदारी (मूल्य और मात्रा दोनों में) बढ़ गई है.
जानिए कितने लोगों ने लिया होम लोन
वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में होम लोन 5.5% में वृद्धि देखी गई. वित्त वर्ष 2021 वित्त वर्ष 2022 और 2023 के दौरान वैल्यू और वॉल्यूम दोनों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का दबदबा दिखा.
क्या कहते है एक्सपर्ट
रिपोर्ट के निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए सीआरआईएफ हाई मार्क के प्रबंध निदेशक संजीत डावर का कहना है कि त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ाने के लिए सभी क्षेत्रों के ऋणदाताओं ने कई आकर्षक ऑफर दिए है. इसमें क्रेडिट ग्राहकों के लिए खास ऑफर थे. इसके चलते लोगों ने जमकर खरीदारी की. उम्मीद है कि आगे भी त्योहारी सीजन के दौरान कर्जदारों की कर्ज लेने की क्षमता बढ़ेगी और इसे पूरा करने की कोशिश की जाएगी.