हम आपको इस खबर में पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी उन खबरों के बारे में जानकारी देंगे जो आपकी जेब, खर्च, निवेश से जुड़ी होगी और जिनका आपके ऊपर सीधा असर होगा. तो चलिए शुरू करते है पहली खबर से जो है महंगाई से जुड़ी.
1. मसालों और चावल के दाम बढ़ चुके हैं, वहीं पाम तेल की कीमतों में भी वृद्धि की आशंका है. नए साल में मसालों के भावों में तेजी देखने को मिल रही है. जीरे का थोक भाव 33 हजार रुपए प्रति क्विंटल के ऊपर पहुंच गया है. धनिया, लाल मिर्च और हल्दी की कीमतों में भी तेजी दिख रही है. मसालों के महंगे होने का सीधा असर आपकी रसोई के बजट पर दिख सकता है. अब जहां एक ओर मसाले महंगे हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर चावल के दामों में भी इजाफा हुआ है. रिपोर्ट हैं कि इस साल चावलों की क़ीमत में आई तेज़ी ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. पिछले एक महीने में चावल के दामों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. यही नहीं आने वाले हफ्तों में पाम ऑयल के दामों में भी हो सकती है 5-7 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो खाने का तेल भी महंगा हो जाएगा.
2. ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी यानी BEE ने अपने नियमों में कुछ बदलाव किया है. इन बदलावों के कारण फ्रिज के दामों में 2 से 5 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है. फ्रिज बनाने वाली कंपनियों जैसे गोदरेज, पैनासोनिक, और हायर आदि का मानना है कि नए स्टैंडर्ड के कारण दामों में बढ़ोतरी हो सकती है. BEE के ये नए नियम एक जनवरी 2023 से लागू हो गए हैं. फ्रिज के दामों में होने वाली ये बढोतरी स्टार रेटिंग्स और अलग अलग मॉडल्स पर अलग अलग हो सकती है. रिसर्च एंड मार्केट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत में रेफ्रिजरेटर का मार्केट 3.07 बिलियन डॉलर का था.
3. महंगाई की मार यहीं खत्म नहीं होती है. गुजरात की अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग ने ये फैसला दिया है कि अगर आप रेस्टोरेंट में बैठ कर खाना खाते हैं या फिर उसे घर ले जाते हैं, इससे GST पर असर नहीं होगा. यानी डाइन-इन और टेक-अवे पर 5 फीसदी जीएसटी देना होगा. लेकिन अगर कोई आइटम रेस्टोरेंट में बनता नहीं है लेकिन वहां सर्व किया जाता है तब उस पर 18 फीसदी जीएसटी चुकाना होगा. जैसे मान लीजिए कि अगर आप दाल मखनी और बटर नान रेस्टोरेंट में खाते हैं तो 5 फीसद जीएसटी चुकाएंगे लेकिन अगर आपने इसके बाद आइसक्रीम भी ऑर्डर की है तब आपको इस पर 18 फीसद जीएसटी देना होगा क्योंकि ये एक इंडिविजुअल आइटम है और रेस्टोरेंट में नहीं बनाई जाती है.
4. नए साल में कार खरीदना भी महंगा हो गया है. लागत बढ़ने का हवाला देते हुए अधिकतर कंपनियां दाम बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं. कुछ कंपनियां दाम बढ़ा चुकी हैं जो एक जनवरी 2023 से लागू हो चुके हैं. मारुति सुजुकी ने तो 2 नवंबर 2022 को ही ऐलान कर दिया था कि वह नए साल से दाम बढ़ा देगी. अधिकतर कंपनियों का कहना है कि कमोडिटीज के महंगे होने के कारण इनपुट लागत बढ़ गई है और यही कारण है कि कारें महंगी हो गई हैं…. और कारें केवल महंगी ही नहीं हुई हैं बल्कि देर से भी मिलेंगी. मारुति का प्रोडक्शन दिसंबर से 18 फीसदी कम हुआ है. दूसरी कंपनियों की डिलीवरी भी देर में हो रही है.
5. सोना भी महंगा हो गया है. भारत सोने के दाम दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं. MCX पर सोने के दाम 55 हजार 546 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गए हैं. इससे पहले अगस्त 2020 में सोना 56 हजार 200 रुपए के रिक़ॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था. भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने के दामों में तेज उछाल आया है और ये छह महीने के उच्च स्तर पर आ गया है. सोने ही नहीं बल्कि चांदी की कीमतों में भी बढोतरी दर्ज की गई है…. आपको अगर सोने से जुड़ी हर बारीक से बारीक बात जाननी है तो मनी9 पर गोल्ड सेंट्रल देखना मत भूलिएगा जहां आपको सोने से जुड़ी हर खबर मिलेगी. अब बढ़ते हैं बुलेटिन की अगली खबर की ओर…
6. सरकार ने क्रूड ऑयल, पेट्रोलियम और ATF पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ा दिया है. सरकार ने टैक्स को 1,700 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति टन कर दिया है. ये नई दरें मंगलवार 3 जनवरी से प्रभावी हो गई हैं. सरकार ने डीजल पर निर्यात टैक्स को 5 रुपये से बढ़ाकर 7.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है, जबकि एटीएफ पर विंडफॉल टैक्स 1.5 रुपये से बढ़कर 4.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है. आपको बता दें कि जुलाई 2022 में भारत ने विंडफॉल टैक्स की शुरूआत की थी. विंडफॉल टैक्स यानी एनर्जी कंपनियों के मुनाफे पर टैक्स लगाना. ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल और पेट्रोल, डीजल, एटीएफ जैसे रिफाइनरी उत्पादों के दाम समय के साथ घटते-बढ़ते रहते हैं. यानी अगर इन पर कंपनियों को मुनाफा बढेगा तो टैक्स भी बढ़ जाएगा.
7. भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2 जनवरी को D-SIB की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में RBI ने SBI, ICICI और HDFC बैंक को शामिल किया गया है. दरअसल इस लिस्ट में उन बैंकों को शामिल किया जाता है, जो देश की GDP के लिए अहम होते हैं और जिनके डूबने का खतरा नहीं उठाया जा सकता. यानी इन बैंकों के डूबने से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. इस लिस्ट में दो प्राइवेट बैंकों यानी ICICI और HDFC को भी जगह मिली है. इस लिस्ट में शामिल बैंकों पर RBI कड़ी निगाह रखता है ताकि देश के वित्तीय तंत्र पर किसी तरह की कोई समस्या न आए. साल 2015 से हर साल RBI इस लिस्ट को जारी करता है.
8. ICICI ने एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है. ये नई दरें दो जनवरी से प्रभावी हो चुकी हैं. 7 दिनों से लेकर 10 सालों में मैच्योर होने वाली FD पर 4.50 फीसदी से लेकर 6.75 फीसदी तक का ब्याज मिलेगा. 7 दिनों से लेकर 29 दिनों में मैच्योर होने वाली डिपॉजिट पर 4.50 फीसदी और 30 दिनों से 45 दिनों में मैच्योर होने वाली डिपॉजिट पर 5.25 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाएगा. 46 दिनों से लेकर से 60 दिनों में वाली एफडी के लिए 5.50 फीसदी की ब्याज दिया जाएगा. 61 से 90 दिनों में मैच्योर होने वाली FD पर 5.75 फीसदी की दर से, 91 से 184 दिनों में मैच्योर होने वाली FD पर 6.2 फीसद की दर से, 185 से लेकर 270 दिनों में मैच्योर होने वाली FD पर अब 6.50 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.
9. अगर आपने इस बैंक से लोन ले रखा है तो अब ज्यादा ईएमआई चुकानी होगी. इंडियन बैंक ने MCLR में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. RBI ने हाल ही में रेपो रेट को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है. MCLR बढ़ने से आपकी EMI भी बढ़ जाएगी. 2022 में महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई ने रेपो रेट में पांच बार वृद्धि की थी. ये वृद्धि मई, जून, अगस्त, सितंबर और दिसंबर में की गई थी और इस वजह से रेपो रेट 2.25 प्रतिशत बढ़कर 6.25 प्रतिशत पर आ गया है, जो कि पहले 4.00 प्रतिशत पर था.
10. आप अगर मोबाइल पर इस वीडियो देखते हैं तो इस बात के बहुत चांस हैं कि आप UPI भी इसतेमाल करते होंगे. अगर करते हैं तो जान लीजिए कि दिसंबर 2022 में 12.82 लाख करोड़ रुपये का भुगतान UPI के माध्यम से किया गया. लेनदेन की संख्या रही 782 करोड़ से अधिक. अक्टूबर में ये भुगतान 12 लाख करोड़ से अधिक था और नवंबर में 11.90 लाख करोड़.