चमोली हादसा: सुरंग में फंसे लोगों को मोबाइल सिग्नल से मिली लोकेशन से बचाया गया

Uttarakhand के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मची हुई है. रेणी गांव के पास ये ग्लेशियर टूटा है. जो जोशीमठ से 26 किमी दूर है.

  • Team Money9
  • Updated Date - February 7, 2021, 07:47 IST
Uttarakhand- Glacier burst in Chamoli district live updates, causality feared

उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से बड़ी तबाही हुई है. चमोली जिले जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई. पानी तेज गति से आगे बढ़ रहा है. आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने की आशंका है, लिहाजा आसपास के इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. इससे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है. ITBP, NDRF और SDRG की कई टीमें मौके पर पहुंचीं हैं. श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट है. उत्तराखंड (Uttarakhand) के CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना स्थल पर पहुंच स्थिति की जानकारी ली है.

सुरंग में मोबाइल लोकेशन से मिली मदद
मलबे से निकाले गए लोगों की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. तपोवन टनल में फंसे लोगों में से 16 लोगों को बाहर निकाला गया है. गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है कि सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकाल लिया गया है. सुंरग में कुछ लोगों के मोबाइल चल रहे थे, इसलिए इनकी लोकेशन मिल गई और 16 लोगों को बचाना आसान हो गया. रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए चिनूक हेलिकॉप्टर को स्टैंडबाय पर रखा गया है. चिनूक हेलिकॉप्टर भारी भार उठाने में सक्षम हैं और ऐसे रेस्क्यू ऑपरेशन्स के लिए काफी मददगार हैं.

10 शव बरामद, 15-20 के फंसे होने की आशंका
ऋषि गंगा प्रोजेक्ट को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. यहां NTPC प्रोजेक्ट से 10 शव बरामद किए गए हैं. ITBP के डीजी ने यह जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि टनल में 15-20 लोगों के फंसे होने की आशंका है. प्रोजेक्ट पर करीब 120 लोग काम कर रहे थे. प्रोजेक्ट में काम करने वाले लोग तेज पानी में बह गए.

Uttarakhand के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मची हुई है. रेणी गांव के पास ये ग्लेशियर टूटा है. जो जोशीमठ से 26 किमी दूर है. धौलीगंगा नदी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी हो गई और इसके किनारे कई घर नष्ट हो गए. इस आपदा को लेकर उत्तराखंड सरकार ने हेल्पलाइन  जारी कर दिए हैं. साथ ही उत्तराखंड सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपील की है कि पुराने वीडियो डालकर किसी प्रकार की अफवाह न फैलाएं.

सुबह 10 बजे आई नदी में बाढ़
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने बताया कि लगभग 9.30 बजे कुछ बादल फटने या जलाशय में जलस्तर में तीव्र वृद्धि से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई, जोकि गंगा नदी के 6 स्रोत धाराओं में से एक है. ITBP और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के कर्मियों को फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए प्रभावित इलाकों में भेजा गया है. ऋषिकेश और हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न हो, लेकिन शहरों को अलर्ट पर रखा गया है.

150 मजदूर लापता होने की आशंका
पानी के तेज बहाव में ऋषिगंगा और धौलीगंगा प्रोजेक्ट के करीब 150 लोगों के लापता होने की खबर है. पावर प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने प्रशासन से कहा है कि करीब 150 मजदूरों का पता नहीं चल पा रहा है. बचाव टीम को लोगों को निकालने के लिए निर्देश दिए गए हैं. जिस जगह पर ग्लेशियर टूटा है, वहां कई बिजली परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं. उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश के मुताबिक, ‘ग्लेशियर टूटने से चमोली जिले में आई बाढ़ में 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका है.’

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों के हताहत होने की सूचना मिली है. NDRF की टीम पहुंच गई हैं. सीएम से बात हो गई है. वायुसेना को अलर्ट पर रखा गया है. गृह मंत्री ने बताया कि वो भी शाम तक उत्तराखंड पहुंचेंगे. केंद्र सरकार की तरफ से हर तरह की मदद की जाएगी.

त्रासदी से जुड़ी 10 बड़ी बातें…
1- सुबह करीब 9.30 बजे के जोशीमठ में तपोवन इलाके में ग्लेशियर फटा था. इसके बाद से अलकनंदा नदी और धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई. जिसकी वजह से आसपास के लोगों को हटाया जा रहा है. कई घरों के बहने की आशंका भी जताई गई है.

2- आपदा से ऋषि पावर प्रोजेक्ट गंगा को भारी नुकसान हुआ है. इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे करीब 150 लोग लापता बताए जा रहे हैं. 10 शव अभी तक बरामद किए जा चुके हैं. पावर प्रोजेक्ट बर्बाद हो चुका है. पूरी नदी मलबे में तब्दील हो गई है और मलबा धीरे-धीरे बह रहा है.

3- ITBP, NDRF और SDRG की कई टीमें मौके पर रवाना हुई हैं. श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जायजा लेने पहुंच गए हैं. गृह मंत्रालय पूरी स्थिति को मॉनिटर कर रहा है.

4- मलारी को जोड़ने वाला पुल बह गया है. ये पुल सरहद से सेना को जोड़ने का काम करता है. राहत-बचाव के लिए आईटीबीपी के रीजनल रिस्पांस सेंटर, गोचर से एक बड़ी टीम रवाना की गई है. आईटीबीपी की पर्वतारोही टीम के साथ तुरंत ब्रिज बनाने में माहिर जवान भी भेजे गए हैं.

5- वहीं, उत्तराखंड सरकार ने जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग को आपदा से निपटने के आदेश दिए हैं. एसडीआरएफ और लोकल प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है. संपर्क के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया गया है 1070 या 9557444486.

6- एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है. अलकनंदा का पानी का बहाव रोका जा सके, इसलिए श्रीनगर डैम और ऋषिकेश डैम को खाली करा दिया गया है. बताया जा रहा है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है. नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है, लेकिन बहाव कम होता जा रहा है.

7- NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से एयरलिफ्ट करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं.  NDRF के 200 जवान पहले ही भेज दिए गए थे. एयरफोर्स को भी अलर्ट पर रखा गया है.

8- NDRF DG के मुताबिक, चमोली और जोशीमठ के आसपास ग्लेशियर फटने से बांध पर असर हुआ है. ग्लेशियर ऋषिगंगा पर आकर गिरा है, बीआरओ द्वारा जो ब्रिज बनाया जा रहा था उस पर भी असर हुआ है.

9- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात की. उन्होंने बचाव और राहत कार्य का जायज़ा लिया. अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं.

10- इस आपदा के बाद यूपी में भी अलर्ट जारी किया गया है. गंगा किनारे वाले जिलों में प्रशासन को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. यूपी के बिजनौर, कन्नौज, फतेहगढ़, प्रयागराज, कानपुर, मिर्ज़ापुर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजीपुर, वाराणसी में हाई अलर्ट जारी किया गया है.

Published - February 7, 2021, 03:51 IST