विवेक अय्यर, ग्रांट थॉर्नटन, इंडिया
2021 के बजट में घोषणा की गई थी की प्रीमियम का भुगतान 2.5 लाख रुपए प्रति वर्ष से ज्यादा होने की स्थिति में यूनिट लिंक्ड इंश्योरेन्स प्लान (Ulip) की परिपक्वता राशि पर निर्धारित कर देना होगा. तो क्या इस घोषणा से म्यूचुअल फण्ड और यूलिप्स (Ulip) के बीच चली आ रही वर्षों पुराणी प्रतिद्वंदिता समाप्त हो जाएगी? मनी9 को दिए गए इंटरव्यू में ग्रांट थॉर्नटन भारत के भागीदार विवेक अय्यर ने विस्तार से बताया की नई घोषणा का यूलिप्स निवेशकों के लिए क्या प्रभाव होगा.
प्रशन: अब यूलिप्स पर टैक्स कैसे लगेगा?
विवेकः अब 365 दिनों से अधिक वाली यूनिटों को भुनाने पर 1लाख रुप की छूट सीमा से ज्यादा वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर ही 10 प्रतिशत कर लगेगा. ऐसा यूलिप्स को इक्विटी लिंक्ड म्यूचुअल फंड बचत योजनाओं की बराबरी पर लाने के लिए किया गया है. 365 दिन या उससे काम अवधि वाली यूनिटें भुनाने पर 15 प्रतिशत अल्पावधि पूंजीगत लाभदेय होगा.
उपरोक्त व्यवस्था यूलिप्स को इक्विटी ओरिएंटेड फण्ड (ईओएफ) सभी प्रकार की मनाने पर ही लागू होगी पर यह स्पष्ट नहीं है की यूलिप्स योजनाएं ईओएफ मानी जाएंगी या नहीं. कारण यह है की ईओएफ की संशोधित परिभाषा के अनुसार केवल 65 प्रतिशत से अधिक इक्विटी होल्डिंग वाले यूलिप पर ही ईओएफ के बराबर कर लगेगा और 65 प्रतिशत से कम इक्विटी होल्डिंग वाले किसी भी फण्ड पर ऋण-फण्ड पर लागूू होने वाला कर ही लगाया जा सकेगा. ध्यान रखें की पूंजीगत लाभ की गणना का तरीका केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड तय करेगा और उस मुद्दे पर स्थिति भी स्पष्ट हो पाएगी.
प्रशन: अगर किसी के पास कई यूलिप्स हैं तो 2.5 लाख रुपए की सीमा किस प्रकार लागू की जाएगी?
विवेक: यह निर्धारित (करदाता) की स्व-घोषणा पर ही आधारित होगा। यूलिप्स योजनाओं में 2.5 लाख रुपये का प्रीमियम अलग ही दिखेगा पर यहां फिर इस बात का डर रहेगा की 2.5 लाख रुपए की सीमा किसी एक योजना वाली यूनिट पर लागू होगी या सभी योजनाओं की यूनिटें एकसाथ जोड़कर यह सीमा लगायी जाएगी.
प्रशन: छोटे निवेशकों को कर-लाभ पर कहांं निवेश करना चाहिए, यूलिप में या म्यूच्यूअल फण्ड में?
विवेक: यूलिप में निवेश पर सेक्शन 80 सी के तहत कटौती (छूट) मिलती रहेगी और वार्षिक प्रीमियम 2.5 लाख रपये से काम रहने की हालत में परिपक्वता राशि पर टैक्स नहीं लगेगा. ELSS योजना के तहत म्यूचुअल फण्ड के संबंध में सेेक्शन 80 सी के तहत कर-छूट तो मिलती है, लेकिन परिपक्वता राशि पर 10 प्रतिशत दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लग जायेगा. इसीलिए छोटे निवेशकों के वास्ते अब भी यूलिप ही कर बचाने की दृष्टि से बेहतर निवेश-विकल्प है.
प्रशनः आयकर अधिनियम है की यदि एसए 10 गुना से ज्यादा है तो बिमा कर-मुक्त होगा. निवेशक को ये दोनों शर्तें पूरी करनी होंगी?
विवेकः यह व्यवस्था मनी-बैक पॉलिसी और एंडोमेंट पालिसी पर लागु रहेगी लेकिन यूलिप योजनाओं पर लागूू नहीं होगी. फिर, संशोधनों की विशिष्ट भाषा पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं. वार्षिक प्रीमियम बीमित-राशि (मृत्यु लाभ) के 10 प्रतिशत से अधिक न होने की शर्त अभी लागू रह सकती है.
प्रशनः क्या मृत्यु-लाभ पर भी टैक्स लगेगा?
विवेकः यूलिप योजना के तहत मृत्यु-लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. नाॅमिनी को मृत्यु-लाभ के रूप में मिलने वाली राशि पर कर छूट प्राप्त होगी.