Farmers Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच आज राज्यसभा में पीएम मोदी ने संबोधन दिया. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने किसान आंदोलन, कृषि कानून, कोरोना वायरस पर बात की. उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. वह यह भी बोले कि विपक्ष को किसानों को समझना चाहिए था क्योंकि विपक्षी नेता खुद कई बार कृषि सुधारों का समर्थन कर चुके हैं. पीएम ने यह भी कहा कि पंजाब के किसानों को गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने फिर दोहराया कि MSP आगे भी जारी रहेगा.
पीएम मोदी ने कहा- आज भारत सच्चे शब्दों में अवसरों की भूमि बन गया है. देश युवा, उत्साह से भरा, सपने देखने वाला है जो कि इन अवसरों को जाने नहीं देगा. आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है. दुनिया का भारत के प्रति विश्वास बढ़ा है. पीएम मोदी ने मैथली शरण गुप्त की
अवसर तेरे लिए खड़ा है,
फिर भी तू चुपचाप पड़ा है।
तेरा कर्मक्षेत्र बड़ा है,
पल पल है अनमोल।
अरे भारत! उठ, आंखें खोल. का जिक्र किया.
मोदी बोले कि 21वीं के लिए अगर वह लिखते तो कहते- अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है. हर बाधा-हर बंदिश को तोड़, अरे भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़.
विपक्ष पर पीएम मोदी का निशाना
कोरोना एक अनजाना दुश्मन था, किसी को नहीं पता था कि वह क्या कर सकता है. कितना नुकसान पहुंचा सकता है. मोदी ने दीया जलाकर कोरोना वॉरियर्स का सपोर्ट करनेवालाों का मजाक उड़ाने वालों पर निशाना साधा. मोदी बोले कि देश को ऐसे नीचा दिखाने से कुछ नहीं हासिल होता. कोरोना की लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, किसी व्यक्ति को नहीं जाता है. लेकिन हिंदुस्तान को तो जाता है. गर्व करने में क्या जाता है? विश्व के सामने आत्मविश्वास से बोलने में क्या जाता है? भारत के लिए दुनिया ने बहुत आशंकाएं जताई थीं. विश्व बहुत चिंतित था कि अगर कोरोना की इस महामारी में अगर भारत अपने आप को संभाल नहीं पाया तो न सिर्फ भारत पूरी मानव जाति के लिए इतना बड़ा संकट आ जाएगा, ये आशंकाएं सभी ने जताई.
देश पर हमें गर्व करना चाहिए
पीएम मोदी ने कहा जिस देश (भारत) को तीसरे दर्जे का देश समझा जाता था, वही देश कोरोना की वैक्सीन लेकर आया. आज देश को गर्व होना चाहिए कि सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है. मोदी बोले कि देश ने जो इज्जत कमाई है उसपर गर्व किया जाना चाहिए. मोदी ने बताया कि विश्व आज भारत की वैक्सीन पर गर्व कर रहा है. संकट काल में 150 देशों तक वैक्सीन पहुंचाई.
दुनिया निवेश के लिए तरस रही, भारत में रिकॉर्ड निवेश
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा दुनिया निवेश के लिए तरस रही है. लेकिन भारत में रिकॉर्ड निवेश हो रहा है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है. भारत दुनिया में इंटरनेट यूजर की संख्या में दूसरे नंबर पर है. डिजिटल लेनदेन काफी है. दो तीन साल पहले विपक्ष कहता था कि लोगों पर फोन नहीं है, डिजिटल करंसी कैसे चलेगी. लेकिन आज 4 लाख करोड़ रुपये डिजिटल ट्रांसफर हो रहे हैं. सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक से भारत ने बताया कि हम अपनी सुरक्षा करने के लिए तैयार हैं.
हमारी सरकारी गरीबों के साथ है
पीएम बनने के बाद संसद में पहली बार भाषण दिया था तो कहा था कि मेरी सरकार गरीबों की सरकार है. आज भी मैं इसपर टिका हूं. गरीबों के लिए हमें लगातार काम करना होगा. इससे हमें बाहर आना होगा.
खेती की मूलभूत समस्या क्या है चौधरी चऱण सिंह ने बताया
सदन में किसान आंदोलन (Farmer Protest) की भरपूर चर्चा हुआ. जो बातें बताई गईं वो आंदोलन लेकर हुईं. किस बात को लेकर आंदोलन है उसपर बात नहीं होती. देवगौड़ा का आभारी हूं कि उन्होंने सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की.
खेती की मूलभूत समस्या क्या है. मैं पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह ने जो बताया था उसका जिक्र करना चाहता हूं. वह अकसर 1971 की एग्रीकल्चर सेंसस का जिक्र किया. पाया गया कि 33 फीसदी किसान ऐसे हैं जिनके पास जमीन दो बीघे से कम, दो बीघे तक है. 18 फीसदी किसान ऐसे जिनके पास दो से 4 बीघे जमीन है. ये कितनी भी मेहनत करें उनकी गुजर इसमें नहीं हो सकती. छोटे किसानों की दयनीय स्थिति उनको पीड़ा देती थी.
ऐसे किसान जिनके पास एक हेक्टयर से भी कम जमीनी थी वे 51 फीसदी थे. अब 68 फीसदी हो चुके हैं. देश में ऐसे किसान बढ़ रहे जिनके पास बेहद कम जमीन है. 86 फीसदी किसानों के पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है. इनकी जनसंख्या 12 करोड़ है. क्या 12 करोड़ किसानों के प्रति हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है. चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि वही होगी कि इसका समाधान निकाला जाए.
मनमोहन सिंह का भी जिक्र किया
पीएम मोदी ने अपने अभिभाषण में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जिक्र करते हुए कहा आपको किसानों को समझाना चाहिए था कि नए बदलावों की जरूरत है. लेकिन जो ये सब कर रहे हैं. मनमोहन सिंह का एक कोट पढ़ना चाहता हूं. मनमोहन सिंह जी ने किसान को उपज बेचने की आज़ादी दिलाने, भारत को एक कृषि बाज़ार दिलाने के संबंध में अपना इरादा व्यक्त किया था और वो काम हम कर रहे हैं. आप लोगों को गर्व होना चाहिए कि देखिए मनमोहन सिंह जी ने कहा था वो मोदी को करना पड़ रहा है. बातें हो रही हैं कि कानूनों को लागू करने से पहले इससे नहीं पूछा, जल्दी कर दिया. लेकिन ऐसा तो परिवार की शादी में भी होता है. वहां भी फूफा नाराज हो जाते हैं कि मुझे नहीं पूछा.
MSP था, MSP है, MSP रहेगा
MSP था, MSP है, MSP रहेगा. सदन की पवित्रता समझें. 80 करोड़ को सस्ता राशन मिलता है. वह भी जारी रहेगा. अगर सुधारों में देर की जाएगी तो किसान अंधकार की तरफ चले जाएंगे. इससे बचना चाहिए. दूध उत्पादन किन्हीं बंधनों में बंधा हुआ नहीं है। दूध के क्षेत्र में या तो प्राइवेट या को-ऑपरेटिव दोनों मिलकर कार्य कर रहे हैं। पशुपालकों जैसी आज़ादी, अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए.