सेंसेक्स जैसे रिटर्न किसी और एसेट ने नहीं दिए: BSE CEO आशीषकुमार चौहान

Sensex: आशीषकुमार चौहान ने एक्सक्लूसिव चर्चा में कहा कि सेंसेक्स ने पिछले 40 वर्षों में 720 गुना के रिटर्न दिए हैं, किसी अन्य एसेट से ज्यादा.

Sensex, BSE, Stock Market, Share Bazar, Ashishkumar Chauhan, Ashish Chauhan, Sensex at record high

बाजार में बुल्स का वर्चस्व भारी है और ये इस आंकड़े से साफ झलकता है कि सेंसेक्स (Sensex) फरवरी में अब तक 12 फीसदी से ज्यादा मजबूत हुआ है. इसी तेजी के साथ सेंसेक्स ने 52,000 का अहम स्तर भी हासिल किया है. कोरोना संकट से मार्च 2020 में आई बड़ी गिरावट से ना सिर्फ रिकवर हुआ बल्कि रफ्तार भी पकड़ी और रिकॉर्ड स्तरों पर कायम हुआ है. कोविड की वजह से आई गिरावट में रिटेल निवेशकों को मौका मिला और उन्होंने भी शेयर बाजार में एंट्री की.

बीएसई (BSE) के एमडी और सीईओ (MD & CEO) आशीषकुमार चौहान ने हमसे एक्सक्लूसिव चर्चा में इस भरोसे की वजह भी बताई. उन्होंने कहा कि सेंसेक्स (Sensex) ने पिछले 40 वर्षों में 720 गुना के रिटर्न दिए हैं जो किसी अन्य एसेट क्लास ने नहीं दिया, ना ही किसी म्यूचुअल फंड ने इंडेक्स को मात देने वाले रिटर्न दिए हैं. गौर करने वाली बात है कि सेंसेक्स 1979 की 100 की बेस वैल्यू से शुरू हुआ था और आज इसने 52,000 का आंकड़ा भी पार कर लिया है. आशीषकुमार चौहान की सलाह है कि जो भी शेयर बाजार में निवेश करे वो लंबे समय के लिए करे.

भारत बना वैक्सीन कैपिटल

आशीषकुमार चौहान मानते हैं कि भारत की ‘ग्रोथ स्टोरी’ पर विदेशी निवेशकों का भी भरोसा है यानि देश में तेजी से ग्रोथ करने की क्षमता है. इसका एक नमूना कोविड (Covid-19) की स्थिति में दिखा. जब विश्वभर में कोविड संकट मंडराया तो भारत के हेल्थकेयर पर सभी ने चिंताएं व्यक्त की. लेकिन सही तरीके से लॉकडाउन और बड़ी संख्या में वैक्सीन वितरण से कोविड को नियंत्रित करने में मदद मिली. भारत इस संकट के बीच विश्व का वैक्सीन कैपिटल (Vaccine Capital) बनकर उभरा है.

विदेशी निवेशकों का भी भरोसा

कोविड जैसे समय में सरकारें एक्टिव हो जाती हैं और लिक्विडिटी के लिए कई कदम उठाती हैं. आशीष चौहान ने एक्सक्लूसिव चर्चा में बताया कि विदेशी सरकारों के लिक्विडिटी बढ़ाने से भारतीय बाजार को भी फायदा पहुंचा है. भारत की ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा दिखाते हुए विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों का रुख किया है. ठीक इसी तरह सेंसेक्स (Sensex) देश की आर्थिक स्थिति का भी सूचकांक बनकर उभरा है.

रिटेल निवेशकों में जागरुकता और शेयर बाजार में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए आशीष मानते हैं कि ETF – एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स सही जरिया हैं. ऐसे ETF जो सेंसेक्स (Sensex) के आधार पर निवेश करते हैं उनमें जोखिम भी कम है और निवेशक के लिए खर्च भी.

यहां देखें पूरी चर्चा:

Published - February 15, 2021, 01:42 IST