शेयर बाजार के IPO मार्केट में पिछले साल आई बाढ़ के बाद इस साल सूखे के हालात हो चुके हैं. पिछले साल औसतन हर 5-6 दिन में कोई न कोई नया IPO मार्केट में आ
शेयर बाजार के निवेशकों के मन में इस वक्त सबसे बड़ा सवाल क्या है? यही कि क्या भारतीय शेयर बाजार मंदी की गिरफ्त में आ गए हैं?
अगर नए वित्त वर्ष में शेयरों में निवेश की योजना बना रहे हैं तो डिविडेंड पर लगने वाले टैक्स के बारे में समझ लेना जरूरी है.
यह शायद पहला ऐसा मौका होगा जब देश के अधिकांश राज्यों के वित्त मंत्रालय एक ही चिंता में डूबे हुए हैं. जून में जीएसटी कंपन्सेशन खत्म हो गया.
आखिरी वक्त में टैक्स और निवेश से जुड़े काम करने की बजाए नए वित्त वर्ष की शुरूआत में ही इसे पूरा कर लें. ये पांच काम अगर आप साल की शुरूआत में ही निपटा
बिल्डर्स ने डिस्काउंट ऑफर्स खत्म कर दिए और दूसरी तरफ दाम भी 7 से 10 फीसद तक बढ़ा दिए. आगे महंगे कर्ज वाली महंगाई भी तो आती दिख रही है.
टैक्स सेविंग के लिए ईएलएलएस आकर्षक विकल्प है. इक्विटी से जुड़ी इस योजना में बेहतर रिटर्न की संभावना रहती है.
यह वित्त वर्ष 2022 के आखिरी हफ्ते की बात है. भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़ी दो रिपोर्ट्स एक ही दिन बाजार में गिरीं.
देश में खपत होने वाला लगभग 98 फीसद सूरजमुखी तेल विदेशों से आयात होता है. इसी तरह करीब 96 फीसद पाम तेल और लगभग 50 सोया तेल के लिए निर्भरता आयात पर
साल में एक बार जरूर चेक करें कि आपके बीमा का कवर आपके परिवार की जरूरतों के लिए पर्याप्त है या नहीं ?