Stock Market: इक्विटी इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में सोमवार को 2 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है. बाजार में गिरावट की मुख्य वजह देश में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामले बताए जा रहे हैं. कोरोना के मामलों के बीच महाराष्ट्र सरकार की ओर से लगाए गए टैक्स ने भी निवेशकों को प्रभावित किया है. 5 अप्रैल की सुबह सेंसेक्स गिरावट के बीच 48772 और निफ्टी सूचकांक 14512 के स्तर पर पहुंच गया. बाजार में सुबह से लगातार गिरावट है. लेकिन बाजार में गिरावट के बावजूद आप कमाई कर सकते हैं. बाजार (Stock Market) में गिरावट के बीच 10 ऐसे शेयर हैं जिनमें निवेश करके आप कमाई कर सकते हैं.
बाजार की गिरावट के बीच डी-स्ट्रीट विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2022 और 2023 में मजबूत आय वृद्धि पर दांव लगाया है. वर्तमान बाजार के रुख को देखते हुए आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स के हेड ऑफ रिसर्च एके प्रभाकर के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में शेयर-विशिष्ट विचारों को व्यापक रूप से व्यापक बाजारों से बेहतर रूप से देखा जाएगा. निवेशक एलेम्बिक फार्मा, बेयर कॉर्प, जॉनसन कंट्रोल हिताची, नेस्ले और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस जैसे शेयरों पर विचार कर सकते हैं.
कोटक सिक्योरिटीज के फंडामेंटल रिसर्च के हेड रुसमिक ओझा ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, भारती एयरटेल, एलएंडटी, कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन और एस्कॉर्ट्स पर विचार करने की सलाह दी.
इधर बाजार में IHS मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग की ओर से खरीदे गए मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) फरवरी में 57.5 से गिरकर मार्च में 55 महीने के निचले स्तर 55.4 पर आ गया. इस बीच, मार्च 2021 के जीएसटी राजस्व संग्रह ने 1,23,902 रुपये के उच्चतम-संग्रह के साथ एक नया रिकॉर्ड बनाया है. पिछले महीने में एकत्र किया गया जीएसटी राजस्व पिछले साल मार्च में एकत्र की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक है.
इस बीच वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है कि मार्च में जीएसटी का रेवेन्यु देश में माल एवं सेवा कर लागू होने के बाद सबसे अधिक है. महीने के दौरान, माल के आयात से प्राप्त राजस्व 70 प्रतिशत अधिक था और घरेलू लेनदेन से राजस्व पिछले साल के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व से 17 प्रतिशत अधिक है.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के मुताबिक, बाजार (Stock Market) को प्रभावित करने वाले मूलभूत कारक तेजी से बदल रहे हैं. इसमें सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्ष शामिल हैं. सकारात्मक पक्ष की बात करें तो नौकरी के अवसर और अमेरिका में आर्थिक सुधार एक बड़ा सकारात्मक पक्ष है. यह वैश्विक विकास में मदद करेगा जिससे शेयर बाजारों में तेजी आएगी. वहीं दूसरी ओर भारत में तेजी से बढ़ते कोविड के मामले चिंता का कारण हैं.
कई क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिबंध से विकास की गति प्रभावित हो सकती है. लेकिन अब तक अर्थव्यवस्था में मंदी के कोई संकेत नहीं है. मार्च के महीने में जीएसटी का रेवेन्यु और ऑटो बिक्री के नंबर आदि एक मजबूत आर्थिक बदलाव का संकेत देते हैं. इन सबके बीच चौथी तिमाही के परिणाम बहुत अच्छे होंगे और इससे बाजारों में तेजी आ सकती है. हालांकि आने वाले समय में कोरोना के कितने मामले सामने आते हैं इससे भी बाजार पर असर होगा.
दूसरी ओर, हेड ऑफ रिसर्च गोपाल कवलरेड्डी के मुताबिक, बाजार में अभी बहुत ज्यादा तेजी बनी हुई है. ऐसे में निवेशकों को इस उभरती हुई संभावना का फायदा उठाना चाहिए और मिड और स्मॉलकैप कंपनियों में इक्विटी का विकल्प चुनना चाहिए. इसी के साथ मुनाफा कमाने के लिए धैर्य बनाए रखना होगा.