अगले हफ्ते भारत के शेयर बाजारों (Stock Market) का रुख मोटे तौर पर अमरीकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों को लेकर किए जाने वाले फैसले पर टिका होगा. एनालिस्ट्स का कहना है कि इसके अलावा, घरेलू मैक्रोइकोनॉमिक आंकड़े भी बाजार (Stock Market) की दिशा तय करेंगे.
फेड रिजर्व भारत के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरह से अमरीका का केंद्रीय बैंक है.
बॉन्ड यील्ड्स में उतार-चढ़ाव पर नजर
निवेशकों की नजर इस बात पर भी रहेगी कि फेड रिजर्व किस तरह से बॉन्ड यील्ड्स में होने वाले उतार-चढ़ाव से निपटता है.
अमरीकी बॉन्ड यील्ड्स में बढ़ोतरी के चलते निवेशक सुरक्षित ठिकानों पर पैसा लगाने को तरजीह दे रहे हैं और इसके चलते हालिया हफ्तों में वैश्विक स्तर पर बाजारों में गिरावट आई है. यह गिरावट खासतौर पर टेक्नोलॉजी शेयरों में देखी गई है.
गुजरे पूरे हफ्ते भारतीय बाजार (Stock Market) वैश्विक रुख पर टिके रहे. अमरीकी बॉन्ड यील्ड में तेजी के चलते ज्यादा उतार-चढ़ाव का दौर बना रहा और यह नफे-नुकसान के बीच झूलता रहा.
एनालिस्ट्स का कहना है कि हालांकि, अमरीका में बेरोजगारी दर में गिरावट और ऐतिहासिक राहत पैकेज पर दस्तखत होने से मार्केट को बीच में राहत भी मिली, लेकिन बॉन्ड यील्ड में लगातार तेजी का मार्केट पर ज्यादा असर दिखाई दिया है.
आईआईपी, महंगाई के आंकड़ों का असर दिखेगा
इस हफ्ते महाशिवरात्रि के चलते एक दिन के लिए मार्केट बंद भी रहा. इस दौरान बीएसई (BSE) का बेंचमार्क सेंसेक्स 386.76 अंक चढ़कर बंद हुआ. इसमें 0.78 फीसदी की तेजी रही.
रेलीगेयर ब्रोकिंग के वीपी (रिसर्च) अजीत मिश्रा कहते हैं, “शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन) और सीपीआई (खुदरा महंगाई दर) के आंकड़े आए. ऐसे में मार्केट्स इन आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया दिखा सकता है. इसके अलावा, कोविड-19 के हालात सुधरने या बिगड़ने पर भी बाजार की नजर रहेगी.”
मिश्रा कहते हैं, “वैश्विक मोर्चे पर मार्केट यूएस फेड की मीटिंग पर नजदीकी से नजर रखेगा. इस बैठक में ब्याज दरों पर रुख तय होगा साथ ही इसमें बॉन्ड यील्ड्स में हो रहे उतार-चढ़ाव से निपटने के उपायों पर भी चर्चा होगी.”
शुक्रवार को आए आंकड़े अर्थव्यवस्था के लिए दोहरे झटके की तरह हैं. औद्योगिक उत्पादन की ग्रोथ एक बार फिर से नकारात्मक दायरे में चली गई है. जनवरी में आईआईपी 1.6 फीसदी घटा है.
दूसरी ओर, फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5.03 फीसदी के साथ तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. खाने-पीने की चीजों में हुई महंगाई के चलते खुदरा महंगाई दर बढ़ी है.
रुपया और क्रूड भी अहम
मार्केट फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स के निवेश ट्रेंड पर भी निर्भर रहेगा. इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपये के मजबूत या कमजोर होने और ब्रेंट क्रूड की कीमतों पर भी मार्केट की नजर रहेगी.
लगातार तीन तक चढ़ते हुए भारतीय रुपये में शुक्रवार को 12 पैसे की और तेजी आई और यह डॉलर के मुकाबले 72.79 के स्तर पर बंद हुआ.