जानिए सिर्फ 12 महीनों में निवेशकों ने कैसे दोगुना किया पैसा

Stock Market: पिछले एक साल में स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ मेटल शेयरों ने निवेशकों को शानदार कमाई का मौका दिया है.

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Picture: Pixabay - यदि आपको इमर्जेंसी के लिए फंड की ज़रूरत है और दूसरा कोई विकल्प नहीं है, तभी म्यूचुअल फंड के युनिट बेचने चाहिए.

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Stock Market: पिछले एक साल में स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ मेटल शेयरों ने निवेशकों को शानदार कमाई का मौका दिया है. निवेशकों ने इसका फायदा उठाकर खूब कमाई की है. जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपीएल) के शेयर को देखें तो इसने पिछले साल 31 मार्च को 82.20 रुपये के मुकाबले इस साल 1 अप्रैल को 351% बढ़कर 370.55 रुपये पर पहुंच गया है. इस शेयर की रैली बताती है कि पिछले साल स्टॉक में जिसने 10,000 रुपये का निवेश किया वो अब 45,000 रुपये से भी ज्‍यादा हो गया है. इस शेयर ने निवेशकों को खूब कमाई का मौका दिया. निवेशकों ने भी इस शेयर से अच्‍छा मुनाफा कमाया.

इसी के साथ जेएसडब्ल्यू स्टील, हिंडाल्को, भारतीय इस्पात प्राधिकरण, वेदांत और टाटा स्टील भी इसी अवधि के दौरान 200 प्रतिशत से अधिक बढ़ गए हैं. कुल मिलाकर, घरेलू इस्पात की मांग बढ़ने के साथ कीमतों में 4,000-5,000 रुपये प्रति टन की वृद्धि की है. इसकी वजह है कि चीन ने वियतनाम को आपूर्ति बंद कर दी है. इससे घरेलू खिलाड़ियों द्वारा निर्यात बढ़ा है.

निर्मल बैंग सिक्योरिटीज में रिटेल इक्विटी रिसर्च के रिसर्च एनालिस्ट ज्योति सिंह ने मेटल सेक्टर को एड करने वाले कारकों के बारे में बात करते हुए कहा कि भारतीय इस्पात उद्योग ने कोविड -19 काल से जोरदार वापसी की है. इसी का नतीजा है कि स्टील 57,000 रुपये के मल्टीयर हाई तक पहुंच गया है. 21 जनवरी को ऑटो सेक्टर की मजबूत मांग में कमी और सरकार की ओर से इंफ्रा की अगुवाई वाली परियोजनाओं पर जोर दिया गया.

इससे पहले, घरेलू इस्पात उद्योग ने देश भर में लॉकडाउन के कारण वित्त वर्ष 2015 की पहली छमाही में गिरावट देखी, हालांकि ऑटो और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की मिलों ने लॉकडाउन की सुगमता की मांग की और 90-95% से अधिक क्षमता उपयोग के लिए रैंप तैयार किया.

नए वित्त वर्ष की शुरुआत के बाद से सेक्टर के अन्य शीर्ष शेयरों में नेशनल एल्युमीनियम, हिंदुस्तान जिंक को क्रमशः 102 प्रतिशत और 81 प्रतिशत का फायदा हुआ है. दूसरी ओर, इसी अवधि के दौरान बीएसई मेटल और सेंसेक्स क्रमशः 165 प्रतिशत और 70 प्रतिशत हुए हैं.

विश्लेषकों का मानना ​​है कि घरेलू स्टील फंडामेंटल्स और मजबूत निर्यात ऑर्डर के कारण स्टील की मौजूदा कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. भारतीय मिलों ने हॉट रोल्ड कॉइल (HRC) की कीमतें 1,500-2,000 रुपये प्रति टन बढ़ाने की योजना बनाई है, हमारा मानना ​​है कि अप्रैल में डिलीवरी के लिए स्टील की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है. हमारा मानना ​​है कि कंपनियां अब कारोबार को आसान बनाने की कोशिश कर रही हैं और वित्त वर्ष 2121 के लिए उत्पादन और बिक्री के मार्गदर्शन को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. बताया कि हमें उम्मीद है कि अप्रैल में डिलीवरी के लिए मूल्य वृद्धि हो सकती है.

इधर बाजार पर नजर रखने वाले निवेशकों को उन कंपनियों पर शून्य करने की सलाह दे रहे हैं जो कि बाजार पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं और अपनी क्षमता के उपयोग में सुधार कर रही हैं.

दूसरी ओर, हाल ही में रन-अप के बाद आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज इस क्षेत्र में बहुत अधिक नहीं है. “स्टील इक्विटी पहले से ही 3 साल से अधिक विस्तारित चक्र में फैक्टरिंग कर रहे हैं. हम बेहतर प्रवेश अवसर के लिए चक्र सुधार की प्रतीक्षा करेंगे. ब्रोकरेज ने कहा कि हम स्टील इक्विटीज की वैल्यू जारी रखते हैं. इसमें टाटा स्टील और JSPL को कम करने के साथ JSW स्टील पर ‘सेल’ कॉल और SAIL पर ‘होल्ड’ है.

Published - April 6, 2021, 10:35 IST