कृष्ण अग्रवालः वित्तीय संकट को कमाई के मौके में बदलने वाला खिलाड़ी

2008 में मार्केट में आई तेज गिरावट के बाद अग्रवाल ने रिलैक्सो, एस्ट्रल और अजंता फार्मा जैसे मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में पैसा लगाया.

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कृष्ण अग्रवाल लीमैन ब्रदर्स के शुक्रगुजार हैं. 2008 में आई वित्तीय क्राइसिस के चलते 164 साल पुरानी लीमैन ब्रदर्स धराशायी हो गई थी और स्टॉक मार्केट्स में तबाही आ गई थी. लेकिन, इस तबाही ने एक छोटे निवेशक को बड़ी सीख दी.

कोलकाता के रहने वाले 37  साल के अग्रवाल एक साल पहले यानी 2007 में ही मार्केट में दाखिल हुए थे. तब वे इंजीनियरिंग के अंतिम साल में थे और मार्केट हर दिन ऊपर चढ़ रहा था.

लालच

झटपट पैसा बनाने के लालच में अग्रवाल ने छोटी मात्रा में कुछ स्टॉक्स खरीद लिए. वे कहते हैं, “उसे मार्केट की चाल के बारे में तब कुछ भी पता नहीं था.”

उन्होंने सुजलॉन, यूनिटेक, चंबल फर्टिलाइजर्स समेत कई कंपनियों में पैसा लगाया था.

औंधे मुंह गिरे शेयर

लीमैन ब्रदर्स के चलते मार्केट्स में आई तेज गिरावट के चलते स्टॉक्स बेहद कम दाम पर आ गए. इस गिरावट को देखते हुए अग्रवाल ने स्टॉक्स को गहराई से समझना शुरू कर दिया और रिलैक्सो, एस्ट्रल और अजंता फार्मा जैसे मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में पैसा लगाना शुरू कर दिया.

वे कहते हैं, “इन तीन स्टॉक्स ने ही मेरी वित्तीय बुनियाद को मजबूत किया और मुझे बाद के दौर में काफी पैसा दिया.” इन स्टॉक्स में उन्होंने 8-15 गुने तक की कमाई की.

कड़ी मेहनत

2009 से 2012 के दौरान अग्रवाल ने कड़ी मेहनत की और फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस को समझना शुरू किया. 2010 से 2015 के दौरान उनका एक्सपीरियंस इतना उत्साहजनक था कि मई 2015 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर फुल टाइम इनवेस्टमेंट और ट्रेडिंग करने का फैसला कर लिया.

2015 से 2017 के दौरान अग्रवाल को BEPL, अवंती फीड्स और तिरुमलाई केमिकल्स जैसे कुछ और शेयर मिल गए जिन्होंने उनकी पूंजी को कई गुना और बढ़ा दिया.

लेकिन, 2018-2019 में उन्हें स्मॉल कैप्स में लगाई गई रकम पर भारी नुकसान हुआ. वे कहते हैं, “मैं वक्त पर एग्जिट नहीं कर पाया. खरीदना आसान होता है, लेकिन कब निकलना है ये तय करना हमेशा मुश्किल होता है.”

वित्तीय आजादी

अग्रवाल खाली वक्त पर पढ़ते हैं और वेब सीरीज देखते हैं. उनके लिए वित्तीय आजादी का मतलब है कि खूब पैसे के साथ आपके पास पर्याप्त खाली वक्त हो.

जो लोग फुलटाइम इनवेस्टिंग में कूदना चाहते हैं उनके लिए अग्रवाल की खास सलाह है. वे कहते हैं, “आपको अच्छे और बुरे दोनों मार्केट्स में प्रॉफिटेबल होना चाहिए. साथ ही आप अपनी नौकरी के मुकाबले कम से कम तीन लगातार साल तक ज्यादा पैसे कमा रहे हों. तभी आपको फुल-टाइम इनवेस्टिंग या ट्रेडिंग के बारे में सोचना चाहिए.”

पारिवारिक पेशा

अग्रवाल को स्टॉक मार्केट के बारे में पांच साल की उम्र में ही पता चल गया था. उनके परिवार ने शेयर बाजार के जरिए अच्छा-खासा पैसा बनाया था और वे एक ऐसे माहौल में पले-बढ़े थे जहां निवेश एक रोजाना की चर्चा का विषय था.

क्या करें और क्या नहीं करें

वे कहते हैं कि निवेश में अनुशासित एप्रोच जरूरी है. वे कहते हैं, “आप हर स्टॉक नहीं पकड़ सकते. आपको हमेशा ट्रेड्स पर स्टॉप लॉस लगाना चाहिए.”

वे बार-बार बदलने वाली रणनीति से भी बचने की सलाह देते हैं. राधाकृष्ण दमानी के फैन अग्रवाल कहते हैं कि आपको अपनी रणनीति पर काम करना चाहिए और इसे बेहतर बनाना चाहिए.

Published - June 18, 2021, 01:07 IST