शेयर बाजार में जल्‍दी पैसा बनाना चाहते हैं तो आप गलत जगह पर हैं : आशीष कुमार

बीएसई के प्रबंध निदेशक आशीष कुमार चौहान का कहना है कि शेयर बाजारों में जल्दी से पैसा बनाना चाहते हैं तो आप गलत जगह पर हैं.

  • Team Money9
  • Updated Date - February 17, 2021, 02:11 IST
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मनी 9 के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, बीएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आशीष कुमार चौहान का कहना है कि अगर आप शेयर बाजारों (Stock Market) में जल्दी से पैसा बनाना चाहते हैं तो आप गलत जगह पर हैं. बीएसई सूचकांक की अब तक की शानदार शुरुआत और 52,000 के नए मील के पत्थर के विषय में बोलते हुए, उनका कहना है कि शेयर बाजारों (Stock Market)में इससे भी अधिक रिटर्न देने की क्षमता है.

प्रश्न: भारत की प्रगति के संदर्भ में 52,000 के स्तर का क्या अर्थ है?
चौहान: भारत की प्रगति के लिए मूल रूप से यह एक बढ़िया साल है. इस समय, जिन देशों के पास बेहतर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) है और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बेहतर है. वे कोविड -19 को संभाल पाने के मामले में बुरा प्रदर्शन कर रही है. तुलनात्मक रूप से, पिछले एक साल में ही यह सिद्ध हो गया है कि या तो हम उतने गरीब नहीं हैं जितना कि हमें दिखाया जाता है या वे (पश्चिमी देश) उतने अमीर नहीं हैं जितना कि हम उन्हें मानते है. पूर्ण लॉकडाउन के बावजूद भारत बहुत अच्छी तरह उबरने में सफल रहा. अब भारत दुनिया की एक वैक्सीन राजधानी भी है. हर कोई भारत की शक्ति देख रहा है और वे यहां निवेश करना जारी रख सकते हैं.

प्रश्न: सेंसेक्स की तेज़ चाल से आप क्या प्रमुख संभावनाएं देखते हैं?
चौहान: सेंसेक्स भारत का पहला वास्तविक समय सूचकांक है. जिसका आधार वर्ष 1979 है. यह 100 के मूल्य के साथ शुरू हुआ और वर्तमान में यह 52,000 अंकों पर टिका हुआ है. मान लीजिए, अगर आपने 40 साल पहले सेंसेक्स कंपनियों में 100 रुपये का निवेश किया है, तो आज यह लगभग 52,000 रुपये होगा. शीर्ष 30 कंपनियां जो मानक सूचकांक का हिस्सा हैं, उन्होंने भी निवेशकों को नियमित लाभांश दिया है. लाभांश सहित, आपके निवेश की कीमत लगभग 72,000 या 720 रुपये होगी. सोना और रियल एस्टेट समेत किसी भी संपत्ति वर्ग ने बीते समय में इस तरह का रिटर्न नहीं दिया है. पिछले 40 वर्षों में भारत ने औसतन 6 से 6.5% की दर से प्रगति की है. यदि हम 6-7% या संभावित 10% के आसपास की वृद्धि दर जारी रख पाते हैं, तो यह संभावना अधिक है कि हम अगले 40 वर्षों में भी इसी तरह का रिटर्न देख सकेंगे.

अस्थिरता, सोने और अचल संपत्ति सहित हर संपत्ति का एक हिस्सा होती है. एक निवेशक को सलाह के आधार पर निवेश नहीं करना चाहिए. बाजार में एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के माध्यम से निवेश कर सकते हैं जो कम लागत वाले हैं. पॉइंट टू पॉइंट तुलना की बजाय हमेशा कुल रिटर्न को देखना चाहिए. पिछले 20-25 वर्षों के दौरान किसी भी म्यूचुअल फंड ने सेंसेक्स को नहीं पछाड़ा है. संवेदी ईटीएफ के साथ आप आसानी म्यूचुअल फंड से आगे निकल सकते हैं.

प्रश्न: विशाल बहुमत अभी भी इक्विटी से परे है. आप इसे कैसे बढ़ाएंगे?
चौहान: वर्तमान में, 6.15 करोड़ निवेशक हैं जो एक्सचेंज में पंजीकृत हैं. जिसमें से 3.8 करोड़ निवेशक पैन नंबर के आधार पर विशिष्ट रूप से पंजीकृत हैं. इसका मतलब है, कि हर घर से एक व्यक्ति (एक परिवार में पांच सदस्य मानकर) बाजार में निवेश कर रहा है. इसका मतलब है कि हम सीधे 20 करोड़ तक पहुंच रहे हैं. ईपीएफओ सहित, जो 7-8 करोड़ निवेशकों के साथ सेंसेक्स में निवेश करते हैं, हम 35 करोड़ निवेशकों से जुड़े हुए हैं. इसका मतलब है कि हर 4 में से 1 निवेशक सेंसेक्स को संपत्ति के पैमाने के रूप में देखता है. हालांकि, हमें बाकी 75% लोगों तक भी पहुंचना है. चीन के बाद भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा निवेश करने वाला देश है. आज पूरा शेयर बाजार बैंकिंग प्रणाली से बड़ा हो गया है. शेयर बाजार बैंकिंग की तुलना में अधिक कुशलता से देश की पूंजी का उपयोग कर रहे हैं. भारत एक अलग रास्ते पर है और लोग अभी भी निवेश करना सीख रहे हैं. लाभ छोटे निवेशकों के लिए नहीं हैं. सुबह खरीदना और शाम को बेच देना निवेश नहीं है.

प्रश्न: निवेशक लंबी अवधि में धन कैसे कमा सकते हैं?
चौहान: टेलीविजन पर दी गई सलाह के आधार पर निवेश न करें. निवेशकों को स्वयं शोध करना चाहिए या वित्तीय बाजार में निवेश करते समय अपने वित्तीय सलाहकारों या पोर्टफोलियो प्रबंधकों से परामर्श करना चाहिए. निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार जोखिम भी उठाना चाहिए. त्वरित धन केवल कल्पना में ही संभव है.

प्रश्न: क्या शेयर बाजार अर्थव्यवस्था की वृद्धि का प्रतिबिंब है?
चौहान: बाजार अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख संकेतक है. यह आने वाले समय का अनुमान दे सकता है. इससे पहले मार्च में, कोविड से जुड़े कुछ गलत अनुमानों ने बाजार को प्रभावित किया था. वर्तमान में, भारत में मृत्यु दर बहुत अधिक नहीं है और अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है. परिणामस्वरूप, पैसा बाजार में वापस आया. निवेशकों को लगता है कि भारत में कंपनियां दीर्घावधि में लाभ देना जारी रखेंगी. इसीलिए देश में पैसा आ रहा है. सरकार ने अर्थव्यवस्था में पूंजी भी डाल दी है जो विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में दिखाई दे रही है. जिसमें सोना और रियल एस्टेट शामिल हैं. यह कहना गलत है कि शेयर बाजार आज की आर्थिक वास्तविकता को दर्शाता है. निवेशक भविष्य में मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और अच्छी सरकार के आधार पर वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए पैसा लगा रहे हैं.

प्रश्न: निवेशक दीर्घावधि में धन कैसे कमा सकते हैं?
चौहान: मैं क्रिकेट मैच के एक अंपायर की तरह हूं. हमारा उद्देश्य एक मजबूत ढांचा प्रदान करना है जो हम दे पा रहे हैं. हम हमेशा निवेशकों को निवेश करते समय संतुलित रहने के लिए कहते हैं. देश में जारी वृद्धि को देखते हुए निवेशकों को अगले 30-40 वर्षों में एक ठोस रिटर्न मिलेगा. अगर आपको लगता है कि आपको बाजार से रोजाना अच्छा रिटर्न मिलेगा तो आप गलत जगह पर हैं. यदि आप अल्पावधि के लिए पैसा लगाना चाहते तो आपके परिवार को आपको रोकना चाहिए. यह हमारी सलाह है। कुल मिलाकर, मुझे लगता है कि छोटे निवेशक एसआईपी के जरिए धन का सृजन कर सकते हैं। संवेदी सूचकांक भारतीय अर्थव्यवस्था की अनुमानित उच्च वृद्धि के साथ बढ़ने की राह पर अग्रसर है.

Published - February 17, 2021, 02:11 IST