न्यायालय ने Amazon की याचिका पर फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस सौदा आगे बढ़ाने से रोका

फ्यूचर ने अपने रिटेले कारोबार का सौदा RIL के साथ किया है जिस पर Amazon ने एतराज किया, मामले को सिंगापुर के अंतराष्ट्रीय मध्यस्थ के पास ले गई

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail) को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) के साथ कंपनी के कारोबार को बेचने के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर अंतरिम रोक लगाने के सिंगापुर की आपातकालीन मध्यस्थता (ईए) अदालत के फैसले को बृहस्पतिवार को बरकरार रखा. अमेरिकी ई- वाणिज्य कंपनी अमेजॉन (Amazon) फ्यूचर समूह की एक गैर सूचीबद्ध कंपनी में निवेश के एक पुराने समझौते के आधार पर अपने हक के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध कर रही है.

न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने किशोर बियाणी के नेतृत्व वाली कंपनी एफआरएल को निर्देश दिया है कि वह इस सौदे को लेकर अभी आगे कोई और कदम नहीं उठाये.

उन्होंने साथ में यह भी टिप्पणी की कि फ्यूचर समूह ने सिंगापुर मध्यस्थता अदालत के आदेश का जानबूझ कर उल्लंघन किया है.

उच्च न्यायालय ने फयूचर समूह द्वारा उठाई गई सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया और उस पर और उसके निदेशकों को 20 लाख रुपये का हर्जाना लगा दिया.

न्यायालय ने फ्यूचर समूह और उनके निदेशकों को प्रधानमंत्री राहत कोष में दो सप्ताह के भीतर 20 लाख रुपये जमा कराने का निर्देश दिया. कोष का इस्तेमाल दिल्ली में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों को कोविड- 19 का टीका उपलब्ध कराने के लिये किया जा रहा है.

अदालत का 134 पृष्ट का यह फैसला अमेजॉन की याचिका पर आया है. इस याचिका में उसने न्यायालय से सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थ के 25 अक्टूबर 2020 के फैसले को अमल में लाने का आदेश देने का आग्रह किया है. मध्यस्थ ने एफआरएल समूह को रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे में आगे बढ़ने से रुकने को कहा था.

फ्यूचर समूह और अमेरिका का अमेजॉन समूह फ्यूचर रिटेल सौदे को लेकर विवाद में उलझे हुये हैं. फ्यूचर समूह ने अपने रिटेले कारोबार का सौदा रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ किया है जिस पर अमेजॉन (Amazon) एतराज किया और वह मामले को सिंगापुर के अंतराष्ट्रीय मध्यस्थ निर्णय केंद्र की एक आपातकालीन मध्यस्थ पीठ के समक्ष ले गई. उसका आरोप है कि फ्यूचर ने उसके साथ अनुबंध को तोड़ा है.

अदालत ने बियाणी और अन्य को 28 अप्रैल की तारीख पर हाजिर रहने का भी निर्देश दिया है और उनकी संपत्तियों की कुर्की को भी कहा है. उनसे आज की तारीख तक उनकी संपत्ति का ब्यौरा देते हुये हलफनामा देने को भी कहा है.

उच्च न्यायालय ने उनसे यह भी सवाल किया है कि आपातकालीन मध्यस्थ के आदेश का उल्लंघन करने पर क्यों न उन्हें तीन माह के लिये जेल में हिरासत में रखा जाये. उनसे दो सपताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिये 28 अप्रैल की तारीख तय की है और अपने आदेश के अनुपालन की जानकारी देने को कहा है. उसने कहा कि आपातकालीन मध्यस्थ वास्तव में मध्यस्थ ही होता है और उसने फ्यूचर समूह कंपनियों के मामले में ‘ग्रुप आफ कंपनीज’ के सिद्धांत को आधार बना कर ठीक ही किया है.

अदालत नेकहा कि प्रतिवादी ने फैसले को अमान्य करार दिए जाने की एक अस्पष्ट याचिका डाली लेकिन उसको सिद्ध नहीं किया. यह सब उसने न्यायालय को भ्रमित करने के लिये किया.

अदालत ने फ्यूचर समूह को यह निर्देश भी दिया है कि वह उन प्राधिकरणों के पास जा कर जिन्होंने एफआरएल- रिलायंस सौदे को दी गयी मंजूरी वापस लेने और सिंगापुर के मध्यस्थ फोरम के 25 अक्टूबर के आदेश का उल्लंघन नहीं करने को कहे.

अदालत ने फ्यूचर समूह से यह भी कहा है कि वह रिलायंस सौदे से जुड़े 25 अक्टूबर 2020 के बाद उठये गये कदमों के बारे में भी ब्यौरा रिकार्ड में लाये.

अमेजॉन (Amazon) ने अपनी अंतरिम याचिका में एफआरएल को मुकेश धीरुभाई अंबानी समूह की इकाई के साथ प्रस्तावित सौदे को पूरा करने की दिशा में कदम उठाने से रोकने का आग्रह किया है. न्यायमूर्ति मिधा ने इससे पहले एक अंतरिम आदेश में एफआरएल को रिलायंस सौदे के मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था. लेकिन उच्च न्यायालय की खंड-पीठ ने उस पर रोक लगादी.

अमेजॉन ने खंड-पीठ के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है और वह यह याचिका फिलहाज लंबित है.

फ्यूचर ने आरआईएल को अपना खुदरा स्टोर और थोक कारोबार तथा लाजिस्टिक्स एवं भंडारण सुविधाओं को आरआईएल को बेचने का करार पिछले साथ अगस्त में किया था.

सिंगापुर के मथ्यस्थ निर्णय फोरम के स्थगन आदेश के बाद अमेजान ने SEBI, शेयर बाजारों और प्रतिस्पर्धा आयोग को मध्यस्थ के निर्णय को ध्यान में रखने के लिए लिखा था.

Published - March 18, 2021, 11:23 IST