निजी कंपनी में काम करने वाले समीर के SBI और ICICI बैंक में सेविंग अकाउंट हैं. वो पांच साल के लिए 2 लाख रुपए के फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD में निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हैं. लेकिन वो समझ नहीं पा रहे कि प्राइवेट बैंक में एफडी करें या सरकारी बैंक में. निवेश के लिए बैंक एफडी सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है. जो लोग अपने निवेश पर किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते उऩके लिए एफडी पहली पसंद है. रिटायरमेंट के बाद लोग इस निवेश पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं. लेकिन जब निवेश की बात आती है तो समीर की तरह बड़ी संख्या में लोग उलझन में पड़ जाते हैं कि एफडी के लिए निजी बैंक चुनें या सरकारी बैंक. आइए समझते हैं..
किसी भी निवेश में सबसे पहले निवेश की सुरक्षा देखी जाती है. देश में संचालित सभी बैंकों को आरबीआई रेगुलेट करता है. आरबीआई की सहायक कंपनी Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation यानी DICGC एक बैंक के खाताधारक की 5 लाख रुपए तक के डिपॉजिट का बीमा देती है. यह सुविधा ग्राहकों को फ्री में मिलती है. इस लिहाज से समीर निजी बैंक में एफडी कराएं या फिर सरकारी में… दोनों में ही उनके निवेश की बराबर सुरक्षा है. समीर दो लाख रुपए की एफडी करा रहे हैं. इसलिए उन्हें सुरक्षा को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है. इस फ्रंट पर दोनों बैंकों के बीच मामला टाई है.
निवेश के मामले में रिटर्न अहम पहलू है. इसलिए किस बैंक की एफडी पर कितना रिटर्न मिल रहा है. समीर के लिए इस बात पर गौर करना जरूरी है. लगभग सभी बैंक सात दिन से लेकर 10 साल तक की एफडी की सुविधा दे रहे हैं. विभिन्न बैंकों की एफडी की ब्याज दरें 3 से 7.5 फीसद तक हैं. सभी बैंक सीनियर सिटीजन को आधा फीसद तक ज्यादा ब्याज का ऑफर कर रहे हैं. अभी निजी बैंक आईसीआईसीआई पांच साल की एफडी पर सालाना 7% फीसद ब्याज ऑफर कर रहा है. जबकि एसबीआई इस अवधि के लिए 6.5 फीसद ब्याज दे रहा है. अगर समीर दो लाख रुपए आईसीआईसीआई बैंक की एफडी में निवेश करते हैं तो उऩ्हें मैच्योरिटी पर 2,82,956 रुपए मिलेंगे. अगर वो इस रकम की एसबीआई में एफडी कराते हैं तो मैच्योरिटी पर उनके हाथ में 2,76,084 रुपए हाथ में आएंगे. इस तरह आईसीआईसीआई बैंक में एफडी कराने पर समीर को 6,872 रुपए का फायदा हो रहा है.. इस मामले में निजी बैंक बाजी मार रहा है.
पिछले करीब डेढ़ साल में आरबीआई महंगाई को थामने के लिए प्रमुख ब्याज दर रेपो में 2.5 फीसद की वृद्धि कर चुका है. छह बार की वृद्धि के बाद रेपो दर 6.5 फीसद पर पहुंच गई है. इसके बाद एफडी की ब्याज दरों में भी जोरदार वृद्धि हुई. इससे लंबे अरसे बाद देखा जा रहा है कि एफडी का रिटर्न महंगाई को मात दे रहा है. ताजा आंकड़ों में अक्टूबर में महंगाई की दर पांच फीसद से नीचे (4.87%) रही है. फिलहाल प्रमुख बैंकों की एक साल की एफडी की ब्याज दरें 6 फीसद से ऊपर हैं. ऐसे में आप किसी भी बैंक निवेश कर लें. मौजूदा स्थिति में आपका रिटर्न महंगाई को मात देता नजर आ रहा है.
बैंक की FD से कमाया गया ब्याज आम लोगों के लिए पूरी तरह टैक्सेबल यानी पूरी तरह से टैक्स के दायरे में आता है. यह ब्याज निवेशक की सालाना आय में जुड़ जाता है. इस रकम पर स्लैब के आधार पर टैक्स का भुगतान करना होता है. सीनियर सिटीजन यानी 60 वर्ष से ऊपर के लोग सेविंग्स अकाउंट और FD से कमाए गए ब्याज पर आईटीआर में 50,000 रुपए तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. ऐसे में समीर किस बैंक में एफडी करा रहे हैं, इसका उनकी टैक्स देनदारी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्हें जो भी ब्याज मिलेगा वह उनकी सालाना आय में जुड़ेगा.
आड़े वक्त में पैसों की कब जरूरत पड़ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. इसलिए वही निवेश अच्छा माना जाता है जिसमें लिक्विडी हो. यानी जरूरत पड़ने पर उस निवेश को तोड़ा जा सके. इस मामले में निजी और सरकारी बैंकों की एफडी एक जैसी हैं. सामान्य एफडी को पैसों की जरूरत पड़ने पर कभी भी तोड़ा जा सकता है. हालांकि ज्यादातर बैंक समय से पहले एफडी तोड़ने पर ब्याज की राशि पर पेनाल्टी लेते हैं. कुछ बैंक एफडी को बिना पेनाल्टी के कभी भी तोड़ने की सुविधा दे रहे हैं.
आईसीआईसीआई बैंक एफडी को प्रीमैच्योर कराने पर टेन्योर के आधार पर पेनाल्टी ले रहा है. अगर 5 करोड़ रुपए तक की एफडी है और इसे एक साल से पहले प्रीमैच्योर करा रहे हैं तो ब्याज पर 0.5 फीसद पेनाल्टी ली जाएगी. एक से 5 साल तक 1% और 5 साल के बाद प्रीमैच्योर कराने पर 1.5 फीसद चार्ज लिया जाएगा. एसबीआई 5 लाख रुपए तक की एफडी पर ब्याज में आधा फीसद की पेनाल्टी ले रहा है. 5 लाख रुपए से ऊपर की रकम पर 1 फीसद पेनाल्टी का नियम है. अगर समीर एसबीआई की एफडी को पांच साल से पहले तुड़वाते हैं तो उन्हें 6.5 फीसद के बजाय 6 फीसद ब्याज मिलेगा. इस मामले में निजी और सरकारी बैंक लगभग एक जैसे हैं.
सुरक्षित निवेश और फिक्स्ड रिटर्न के लिए एफडी शानदार ऑप्शन है. आप निजी बैंक में एफडी करा रहे हैं या फिर सरकारी बैं में… यह बात कोई मायने नहीं रखती. इसलिए जो बैंक ज्यादा ब्याज दे रहा है उसमें एफडी करा सकते हैं. आजकल सरकारी बैंकों की तुलना में निजी बैंक ज्यादा ब्याज दे रहे हैं. फिलहाल देखें तो स्मॉल बैंक सबसे ज्यादा ब्याज दे रहे हैं. इन बैंकों में भी आपका निवेश बड़े बैकों की तरह ही सुरक्षित है… इसलिए बेहतर रिटर्न के लिए स्मॉल बैंकों में एफडी करा सकते हैं. सभी बैंकों को आरबीआई रेगुलेट करता है. जब भी कोई बैंक संकट में फंसता है तो आरबीआई आगे आकर उसे संभाल लेता है. इसलिए सिर्फ रिटर्न देखें… बैंक प्राइवेट हो या सरकारी बेफिक्र होकर कराएं एफडी.