छोटी अवधि में निवेश से कहां बनेगा पैसा?

शॉर्ट टर्म में निवेश के लिए लिक्विड फंड, आर्बिट्राज फंड और कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड

छोटी अवधि में निवेश से कहां बनेगा पैसा?

क्या आपके पास सरप्लस फंड है? यानी बोनस आदि से रकम मिली है जो कि आपके बचत खाते में जमा है और इन पैसों को आप कहीं छोटी अवधि के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हैं? साथ ही ये चाहते हैं कि जब चाहें, इन पैसों को निकाल भी सकें. अगर आप ऐसा कुछ चाहते हैं तो हम आपको शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के कुछ विकल्प सुझा रहे हैं. हालांकि इनमें ज्यादा रिटर्न नहीं मिलेगा लेकिन आप 12 महीने से कम समय के लिए अपने पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं.

फाइनेंशियल प्लानर संजीव डावर कहते हैं कि एक साल से कम समय के लिए निवेश करने की बात जब आती है तब आप हाई रिटर्न के लक्ष्य से हटकर देख सकते हैं. पहली प्राइओरिटी अपने पैसे की सुरक्षा होनी चाहिए. यहां पर फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट्स बेहतर विकल्प हो सकते हैं. लिक्विड फंड्स और अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड यानी काफी छोटी अवधि के फंड्स ऐसे इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट हैं जो मार्केट से लिंक्ड तो हैं लेकिन स्थिर भी हैं. इनमें निवेश करने वाले लोग फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं. साथ ही पैसे कभी भी निकाल सकते हैं. एक हफ्ते बाद भी पैसे निकाले तो एक्जिट लोड नहीं होता. यानी फंड निकालने पर कोई फीस नहीं चुकानी होती. ट्रांजैक्शन के दिन के अंदर आंशिक रूप से या पूरी तरह फंड निकाला जा सकता है. आइए इन फंड्स के बारे में विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं.

लिक्विड फंड
ये डेट फंड हैं जिनका निवेश ट्रेजरी बिल्स, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट्स और अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री वाली दूसरी सिक्योरिटीज में किया जाता है. ये सिक्योरिटीज 91 दिन यानी 3 महीने में मैच्योर हो जाती हैं. वे अपना कम से कम 20 फीसद एसेट कैश या कैश जैसे दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स में होल्ड करती हैं ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत भुगतान किया जा सके. आदित्य बिरला सनलाइफ लिक्विड फंड का 6 महीने का रिटर्न 3.56 फीसद और एक साल का 6.83 फीसद रहा है. प्रमुख स्कीम का सालाना रिटर्न 6.73 फीसद से 6.83 फीसद के बीच रहा है.

लिक्विड फंड्स में निवेश तब फायदेमंद है जब इंटरेस्ट रेट बढ़ रहे हों. जैसा कि हाल में हो रहा था. हालांकि इस तरह के इंटरेस्ट रेट्स में लॉन्ग टर्म में बदलाव का इन फंड्स पर असर नहीं पड़ता. इस तरह के फंड्स में इंस्टेंट या ज्यादातर मामलों में केवल एक दिन में रिडेम्पशन प्रोसेस हो जाता है. यानी तुरंत या एक दिन में पैसे निकाल सकते हैं.

आर्बिट्राज फंड (Arbitrage Funds)
फाइनेंशियल प्लानर शेफाली सत्संगी कहती हैं कि शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए लिक्विड और अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स के अलावा आर्बिट्राज फंड भी सही विकल्प हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि डेट फंड्स की तुलना में इनमें टैक्स देनदारी कम होती है. आर्बिट्राज फंड निवेशकों के लिए कम रिस्क वाला इन्वेस्टमेंट टूल समझा जाता है. डेरिवेटिव्स और कैश (स्पॉट) मार्केट्स में एक साथ बिक्री और खरीदारी के साथ पैसे कमाने का मौका मिलता है. स्पॉट मार्केट में ट्रांजैक्शन तुरंत लॉक इन हो जाते हैं जबकि डेरिवेटिव्स मार्केट में वे आगे किसी तारीख के लिए लॉक इन किए जाते हैं. हालांकि इसकी कीमत उसी दिन तय की जाती है.

इन दोनों बाजारों में कीमतों के लेवल में अंतर से मुनाफा मिलता है. इसे एक उदाहरण से समझते हैं. किसी फंड ने स्पॉट मार्केट में 50 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर 500 शेयर खरीदे. इनकी कुल कीमत बैठी 25,000 रुपए. इसके साथ ही फंड ने फ्यूचर मार्केट में 60 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर ये 500 शेयर बेचे. तो कुल कीमत बैठी 30,000. इस तरह फंड ने पूरे ट्रांजैक्शन में 5,000 रुपए कमाए.

अब अगर स्पॉट मार्केट में इस शेयर की कीमत गिरकर 40 रुपए हो जाती है, तो आपको लगेगा कि फंड लॉस में है. लेकिन उसी समय, डेरिवेटिव्स मार्केट में इसकी कीमत बढ़कर 70 रुपए प्रति शेयर हो जाती है तो फंड को तब भी मुनाफा होगा. इस तरह आर्बिट्राज फंड दोनों बाजारों का फायदा उठाते हैं, हालांकि इसमें लिक्विड फंड की तुलना में लिक्विडिटी कम है. एसबीआई आर्बिट्राज फंड ने पिछले छह महीने में 4 फीसद और एक साल में 7.54 फीसद का रिटर्न दिया है. इस कैटेगिरी की प्रमुख स्कीम का सालाना रिटर्न 7.23 से 7.77 फीसद के बीच रहा है.

कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड
अगर आप बैंक एफडी जैसी सेफ्टी चाहते हैं और 1 से 2 साल तक फंड लॉक-इन कर सकते हैं तो आप कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड्स चुन सकते हैं. ये डेट फंड वित्तीय रूप से मजबूत सिर्फ उन कंपनियों को ही पैसे देते हैं जिनकी क्रेडिट रेटिंग अच्छी है और जिनके रिपेमेंट में डिफॉल्ट करने की आंशका नहीं है. इसके अलावा ये फंड कम अवधि में एफडी की तुलना में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. पिछले 6 महीने में प्रमुख बॉन्ड का रिटर्न 4 फीसद से ऊपर रहा है, जबकि एक साल का रिटर्न 7.02 से 7.89 फीसद के बीच रहा है. शार्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए कॉर्पोरेट बॉन्ड बेहतर विकल्प साबित हो रहे हैं.

Published - September 23, 2023, 07:48 IST