अब से ग्राहकों को जल्द हर संस्था में अलग-अलग केवाईसी कराना ज़रूरी नहीं होगा. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ईकेवाईसी के लिए एक एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म बना रहे हैं जिससे वित्तीय क्षेत्र में हजारों विनियमित संस्थाओं को लाभ होगा. इस नए प्लेटफॉर्म पर ऐसी कंपनियां रजिस्टर कर सकेंगी जिन्हें RBI, SEBI और बीमा नियामक रेगुलेट करते हैं. ये प्लेटफॉर्म इन संस्थाओं के लिए के लिए आधार का उपयोग करके व्यक्तिगत रूप से ईकेवाईसी करने की आवश्यकता को खत्म कर देगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अगले कुछ महीनों में प्लेटफॉर्म के ऑनलाइन होने की उम्मीद है. अभी आधार-आधारित ई-केवाईसी की प्रक्रिया का इस्तेमाल मोबाइल कनेक्शन लेने, बैंक खाता खोलने के लिए या म्युचुअल फंड निवेश के लिए ग्राहक का पेपरलेस सत्यापन करने के लिए किया जाता है. इस प्रक्रिया को बायोमेट्रिक का उपयोग करके या ओटीपी के के ज़रिए पूरा किया जा सकता है.
लोगों की निजी जानकारी सुरक्षित रहे इसका भी ध्यान इस प्लेटफॉर्म पर रखा जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस वित्तीय सेवा देने वालों को इस प्लेटफॉर्म पर ग्राहक के आधार नंबर आखिरी चार अंक ही देखने को मिलेंगे और यहां तक कि ग्राहक का मास्क्ड डेटा भी इन लोगों के साथ शेयर नहीं किया जाएगा. इसके अलावा ग्राहक को अपने दस्तावेज़ों की फिज़िकल कॉपी को भी शेयर करने की ज़रूरत नहीं होगी ताकि निजी जानकारी का दुरुपयोग और डेटा चोरी न हो सके.
इस प्लेटफॉर्म से कई गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों को लोन की पेशकश करने के लिए उपभोक्ताओं तक पहुंचने में मदद मिलेगी. इसके अलावा कई फिनटेक कंपनियां और बीमा इंटरमीडयरीज़ के लिए भी आसानी होगी.