नए साल पर बेटियों को होगा फायदा, सरकार ने बढ़ाई सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर

सरकार ने सुकन्या योजना पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.20 फीसदी की वृद्धि कर दी है

नए साल पर बेटियों को होगा फायदा, सरकार ने बढ़ाई सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर

अगर आप अपनी बिटिया के लिए सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है. सरकार ने जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के लिए दो प्रमुख छोटी बचत योजनाओं के लिए नई ब्याज दरों की घोषणा कर दी है. सबसे बड़ी राहत सुकन्या समृद्धि योजना के निवेशकों को मिली है. सरकार ने सुकन्या योजना पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.20 फीसदी की वृद्धि कर दी है.

इसके अलावा डाकघर की 3 साल की फिक्स डिपॉजिट स्कीम में भी पैसा लगाना फायदेमंद हो गया है. सरकार ने इसमें भी 0.10 फीसदी बढ़ोत्तरी कर दी है. लेकिन पीपीएफ में पैसा लगाने वालों को निराशा हाथ लगी है. पीपीएफ में अप्रैल 2020 के बाद से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पीपीएफ की ब्याज दर 7.1% पर बनी हुई है.

वित्त मंत्रालय ने 29 दिसंबर, 2023 को जारी एक प्रेसनोट में बचत स्कीमों पर ताजा ब्याज दरों की जानकारी दी है. इसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.2 फीसदी हो गई है. वहीं 3 साल की एफडी पर ब्याज दर 7 फीसदी से बढ़कर 7.1 प्रतिशत हो गई है. इसके अलावा पीपीएफ के निवेशकों को आने वाली तिमाही में भी 7.1 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता रहेगा.

गौरतलब है कि वित्‍त मंत्रालय ने यह ब्‍याज दरें जनवरी से मार्च तिमाही के लिए तय की हैं. अप्रैल 2024 से नई ब्‍याज दरों की घोषणा की जाएगी. मौजूदा स्थिति को देखते हुए डाकघर की छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने का यह बेहतर मौका हो सकता है. डाकघर की तरह ही बैंकों ने भी नए साल से ब्‍याज दरें बढ़ाने की घोषणा की है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया और बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने एफडी की ब्याज दरों में सवा  फीसद तक की बढ़ोतरी की है. साथ ही कई निजी बैंक भी ब्‍याज दरें बढ़ा चुके हैं और इसके अलावा, नए साल पर कुछ और बैंक भी ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा कर सकते हैं.

कैसे तय होती हैं ब्याज दरें

सरकार नियमित रूप से तिमाही आधार पर छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों का आकलन करती है. छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें 10-वर्षीय सरकारी बॉण्ड की यील्ड पर निर्भर करती हैं. इन दरों को निर्धारित करने की पद्धति श्यामला गोपीनाथ समिति द्वारा प्रस्तावित की गई थी. समिति की सिफारिशों के अनुसार, विभिन्न योजनाओं के लिए ब्याज दरें संबंधित परिपक्वता वाले सरकारी बांडों की यील्ड से 25 से 100 बेसिस पॉइंट तक अधिक होनी चाहिए. 2016 में वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित फॉर्मूले के अनुसार, किसी दिए गए तिमाही में पीपीएफ ब्याज दर पिछले तीन महीनों की बेंचमार्क यील्ड पर 25 आधार अंक अधिक होगी.

Published - December 29, 2023, 05:54 IST