इस महीने से बदला NPS से जुड़ा ये नियम, जानिए क्‍या होगा असर?

अगर आप खाते से पैसा निकालने की सोच रहे हैं तो नए नियमों के बारे में जानकारी होना जरूरी है

इस महीने से बदला NPS से जुड़ा ये नियम, जानिए क्‍या होगा असर?

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से आंशिक रूप से पैसा निकालने के नियम इस महीने यानी 1 फरवरी 2024 से बदल गए हैं. इसके तहत अगर एनपीएस ग्राहक को तीन साल हो गए हैं तभी वह पेंशन खाते से पैसे निकाल सकता है. हालांकि इसकी एक सीमा है. 12 जनवरी, 2024 को इस सिलसिले में पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की आरे से एक सर्कुलर भी जारी किया गया है. जिससे आंशिक निकासी को लेकर विवरण दिया गया है. ऐसे में अगर आप खाते से पैसा निकालने की सोच रहे हैं तो नए नियमों के बारे में जानकारी होना जरूरी है.

कितना निकाल सकते हैं पैसा?

PFRDA के सर्कुलर के अनुसार, एक एनपीएस खाताधारक अपने योगदान का महज 25% तक निकाल सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी ने एनपीएस में 4 लाख रुपए का निवेश किया है और आपकी कुल राशि बढ़कर 10 लाख रुपए हो गई है और आप इसे निकालना चाहते हैं तो नियमों के मुताबिक, आप अपने योगदान का केवल 25% ही निकाल सकते हैं. लिहाजा आप 4 लाख रुपए का 25% यानाी 1 लाख रुपए ही निकाल सकेंगे.

कितनी बार कर सकते हैं आंशिक निकासी?

एनपीएस खाते से आप पूरे कार्यकाल में अधिकतम तीन बार तक ही पैसे निकाल सकते हैं. निकासी के बीच पांच साल का अंतर होना चाहिए. हालांकि अगर किसी खास बीमारी के इलाज के लिए निकासी की जा रही है तो इसमें अंतराल की यह शर्त लागू नहीं होगी. वहीं आप दो आंशिक निकासी के बीच अपनी ओर से किए गए योगदान का केवल 25% ही निकाल सकते हैं.

कब निकाल सकते हैं पैसे?

– बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए

– पहले घर की खरीद या निर्माण के लिए

– कुछ विशेष बीमारियों के उपचार के लिए, जिसमें कैंसर, गुर्दे की विफलता, मल्टीपल स्केलेरोसिस, प्रमुख अंग प्रत्यारोपण,

– कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्ट, महाधमनी ग्राफ्ट जैसी बीमारियां शामिल हैं

– ग्राहक की विकलांगता या अक्षमता से उत्पन्न होने वाले चिकित्सा और आकस्मिक खर्चों के लिए

– कौशल विकास या किसी अन्य स्व-विकास गतिविधियों के लिए

– किसी उद्यम या किसी स्टार्टअप की स्थापना के लिए

आंशिक निकासी कैसे कर सकते हैं?

आंशिक निकासी के लिए एक एनपीएस ग्राहक को पैसा निकालनो का कारण बताते हुए सेल्‍फ डिक्‍लेयर निकासी अनुरोध देनरा होगा. यह सबमिशन सरकारी नोडल कार्यालय या प्‍वाइंट ऑफ प्रेजेंस के माध्यम से केंद्रीय रिकॉर्ड-कीपिंग एजेंसी (सीआरए) को करना होगा. सर्कुलर के मुताबिक अगर सदस्‍य किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और फॉर्म जमा करने में असमर्थ है, तो निकासी अनुरोध परिवार के किसी भी सदस्य की ओर से जमा किया जा सकता है. रिक्‍वेस्‍ट मिलते ही सीआरए कार्रवाई शुरू कर देता है.

Published - February 6, 2024, 07:06 IST