निवेशकों के लिए लघु बचत योजनाओं में निवेश करना काफी सुरक्षित और फायदे का सौदा रहता है. निवेशकों को लघु बचत योजनाओं में एक फिक्स मुनाफा यानी तयशुदा ब्याज मिलता है. देशभर के निवासी इन योजनाओं में पैसा लगाते हैं. संसद में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में छोटी बचत योजनाओं में कुल 3,04,645.86 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा 3,33,196.59 करोड़ का था.
निवेश के मामले में टॉप पर पश्चिम बंगाल
स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश के मामले में पश्चिम बंगाल अव्वल रहा है. पंकज चौधरी के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा निवेश इन योजनाओं में किया गया है. पश्चिम बंगाल में 21,473.98 करोड़ रुपए का निवेश स्मॉल सेविंग स्कीम में हुआ है. उसके बाद महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश का नंबर है. वित्त वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में क्रमश: 18,710.23 करोड़ रुपए और 17,734.74 करोड़ रुपए का निवेश इन स्कीमों में किया गया है. इस दौरान तमिलनाडु और राजस्थान में क्रमश: 11,271.48 करोड़ रुपए और 9,332.83 करोड़ रुपए का निवेश स्मॉल सेविंग स्कीम किया गया है.
प्रचार-प्रसार के लिए लगातार हो रहे प्रयास
पंकज चौधरी का कहना है कि लघु बचत योजनाओं के अंतर्गत आने वाले कुल कलेक्शन को केंद्र की खास सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है. साथ ही ऐसे राज्यों जैसे केरल, मध्य प्रदेश और दिल्ली की सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है जिन्होंने एनएसएसएफ से निवेश का विकल्प चुना है. उन्होंने कहा कि सरकार समय-समय पर छोटी लघु बचत योजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह के उपाय करती रहती है. सरकार के द्वारा समय-समय पर निवेशकों की जानकारी और जागरुकता के लिए इन योजनाओं का व्यापक प्रचार किया जा रहा है.