हैदराबाद की आईटी कंपनी में काम करने वाले राघव ने पिछले पांच साल में अच्छी खासी रकम जोड़ ली थी लेकिन एक दिन सड़क हादसे में उनके जीवन की डोर टूट गई. राघव की सालभर पहले ही शादी हुई थी… इस हादसे के बाद उनकी पत्नी रूबी पर अचानक पहाड़ जैसा कहर टूट गया. कुछ दिनों बाद परिजनों ने राघव के बैंक खाते और निवेश से जुड़े कागजात देखे तो वो सन्न रह गए. कागजों से पता चला कि उन्होंने अपने दोस्त दीपक को नॉमिनी बना रखा है जो अब अमेरिका में किसी कंपनी में काम करता है.
पति की मौत के सदमे से थोड़ा उबरने के बाद रूबी ने दीपक से संपर्क किया तो उसने फोन उठाना ही बंद कर दिया. ईमेल पर भी वह कोई जवाब नहीं दे रहा है.. इससे पति के वियोग में डूबी रूबी की मुसीबतें और ज्यादा बढ़ गईं… परिवार में पैसे की तंगी बढ़ गई… समय पर किराया न चुका पाने के कारण फ्लैट मालिक ने घर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया…
यह सिर्फ रूबी की कहानी नहीं है. बड़ी संख्या में लोग शादी से पहले अपनी प्रापर्टी और निवेश आदि में किसी को भी नॉमिनी बना देते हैं लेकिन शादी के बाद उसे अपडेट नहीं करते. बाद में कोई अनहोनी घटना होती है तो इसका खामियाजा परिवार को भुगतना पड़ता है… आज के दौर में पैसा सबकुछ तो नहीं लेकिन बहुत कुछ अहमियत रखता है. किसी भी व्यक्ति के जीवन में बुरा वक्त कब जाए, किसी को पता नहीं होता…
भागदौड़ भरी जिंदगी में किसके साथ कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. अगर किसी कमाऊ व्यक्ति की दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उसके परिवार पर मुसीबतों का कहर टूट पड़ता है. इसमें दिवंगत की जीवन संगिनी को सबसे ज्यादा संकट झेलना पड़ता है. आजकल इसी दौर से तो गुजर रही है रूबी…
अगर पत्नी के नाम जीवनयापन के लिए कुछ निवेश या संपत्ति नहीं है तो यह संकट और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है. इससे बचने के लिए जरूरी है कि शादी के बाद महिलाएं अपने जीवनसाथी को निवेश के लिए प्रेरित करें. इस दौरान यह जरूर ध्यान रखें कि निवेश पति की आमदनी के दायरे में ही होना चाहिए. इस मामले में पति का भी दायित्व बनता है कि वह अपनी प्रापर्टी, बीमा पालिसी, म्यूचुअल फंड और अन्य सभी प्रकार के निवेश में पत्नी को नॉमिनी दर्ज कराए. आपकी इस पहल से जीवनसाथी के मन में व्याप्त असुरक्षा की भावना दूर हो जाएगी. साथ ही आर्थिक रूप से उसका भविष्य भी सुरक्षित हो जाएगा.
वित्तीय मामलों के एक्सपर्ट डा. राहुल शर्मा कहते हैं कि वित्तीय मामलों में नॉमिनी एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें निवेशक अपनी संपत्ति में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर सकता है. निवेशक की मृत्यु के बाद नॉमिनी उसकी संपत्ति पर अपना दावा पेश कर सकता है. कोई भी व्यक्ति उन तमाम अचल और चल संपत्तियों में नॉमिनी बना सकता है जिन पर उसका मालिकाना हक है. इनमें जमीन–जायदाद, बचत खाता, पीपीएफ, ईपीएफ, फिक्स्ड डिपाजिट और डीमैट खाता प्रमुख रूप से शामिल हैं.
मनी9 की सलाह
अगर आपकी अभी शादी नहीं हुई है तो निवेश के दौरान किसी ऐसे वयस्क व्यक्ति को नॉमिनी बनाएं जो भरोसे का हो और वह नेक–नीयत का हो. जरूरत पड़ने पर उसके पास पहुंचना आसान हो और वह किसी वित्तीय संस्थान या अदालत में गवाही देने के लिए हर मौके पर तैयार रहे. भविष्य के झंझट से बचने के लिए किसी को नॉमिनी बनाने से पहले उसकी रजामंदी जरूर लें अन्यथा जरूरत पड़ने पर मुसीबत पैदा हो सकती है…