निवेश के लिए अब भी बड़ी संख्या में लोग ऐसे विकल्पों की तलाश करते हैं जहां उनकी रकम एक निश्चित अवधि में दोगुनी हो जाए. जिन इलाकों में अभी म्यूचुअल फंड जैसे निवेश के आधुनिक विकल्प उपलब्ध नहीं हैं वहां रकम को ‘डबल’ यानी दोगुना करने का आकर्षण कुछ ज्यादा ही है. लोगों को छोटी-छोटी रकम को डबल में निवेश करने पर बड़ा सुकून मिलता है. ऐसे लोगों के लिए किसान विकास पत्र (KVP) अच्छा विकल्प है. बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव के कारण इस योजना का आकर्षण और बढ़ गया है. फिलहाल KVP में बैंक FD की तुलना में एक फीसद ज्यादा ब्याज मिल रहा है.
किसके लिए उपयोगी
नौकरीपेशा और खेतीबाड़ी से जुड़े लोग अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए छोटी-छोटी पूंजी से किसान विकास पत्र खरीदते हैं. बड़ी संख्या में लोग अपनी बेटी की शादी के उद्देश्य से भी इस योजना में निवेश करते हैं. लंबी अवधि तक निश्चित ब्याज आय इस योजना के आकर्षण को और ज्यादा बढ़ा देती है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए किसान विकास पत्र आड़े वक्त में काफी मददगार साबित होते हैं. खेतीबाड़ी के लिए खाद और बीज के लिए पैसे की जरूरत पड़ने पर केवीपी ही काम आते हैं. इन पत्रों को गिरवी रखकर आसानी से लोन मिल जाता है. फसल आने पर इन पत्रों को दोबारा हासिल कर सकते हैं. शहरी क्षेत्र के लोग भी इस योजना का खूब फायदा उठा रहे हैं.
कितना मिलेगा ब्याज
अगर आप अभी केवीपी में निवेश करते हैं तो यह रकम 115 महीने यानी नौ साल सात महीने में दोगुनी हो जाएगी. फिलहाल इस योजना में सालाना 7.5 फीसद ब्याज मिल रहा है जो बैंक एफडी की तुलना में काफी बेहतर है. इसमें मैच्योरिटी और ब्याज दर को इस तरह से समायोजित किया गया है कि निवेशित रकम मैच्योरिटी के समय दोगुनी हो जाती है. इस तरह केवीपी में निवेश किए गए 1000 रुपए 115 महीने में दोगुने हो जाएंगे. केवीपी में बैंकों की एफडी योजनाओं की तरह अपना नामिनी दर्ज करा सकते हैं. केवीपी और एफडी के रिटर्न पर टैक्स का हिसाब-किताब एक जैसा है.
पांच साल की एफडी पर ब्याज
बैंक ऑफ बड़ौदा | 6.50% |
एसबीआई | 6.50% |
केनरा बैंक | 6.70% |
एक्सिस बैंक | 7.00% |
एचडीएफसी बैंक | 7.00% |
कैसे करें निवेश
केवीपी में निवेश की प्रक्रिया एकदम आसान है. आमतौर पर जिन डाकघरों में बचत खाता खोलने की सुविधा होती है वहां केवीपी भी उपलब्ध होते हैं. कोई भी वयस्क व्यक्ति केवीपी में निवेश कर सकता है. दो व्यक्ति संयुक्त रूप से भी यह प्रमाण पत्र खरीद सकते हैं. माता-पिता अपने बच्चे के नाम से भी केवीपी में निवेश कर सकते हैं. एनआरआई को इस योजना में निवेश की मंजूरी नहीं है. केवीपी में न्यूनतम 1000 रुपए निवेश किए जा सकते हैं. अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है.
समय पूर्व भुगतान
सरकार ने इस लघु बचत योजना को आसान शर्तों के साथ तैयार किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें. यदि किसी व्यक्ति को मैच्योरिटी से पहले पैसे की जरूरत पड़ जाए तो ढाई साल बाद इस रकम को निकाला जा सकता है. हालांकि इस स्थिति में ब्याज में कुछ कटौती की जाती है. कटौती की दर निवेश की अवधि पर निर्भर करती है. केवीपी पर बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान लोन की सुविधा भी देते हैं.