अगर आप नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. सरकार इस स्कीम में अब बड़ा बदलाव करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. एनपीएस में बदलाव के लिए सरकार ने पिछले दिनों एक पैनल गठित किया था. वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में यह पैनल एनपीएस की समीक्षा कर रहा है.
क्या है उम्मीद
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबित यह पैनल में पुरानी पेंशन स्कीम की तरह एनपीएस में गारंटीड पेंशन की सिफारिश कर सकता है. हालांकि पुरानी स्कीम में पेंशन के लिए कोई अंशदान नहीं करना पड़ता था लेकिन एनपीएस में कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन जारी रहेगा. नई व्यवस्था में कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन मुहैया कराने के लिए कुछ कैटेगरी बनाई जाएंगी. पेंशन की राशि कितनी होगी, इसके लिए एक फॉर्मूला बनाया जाएगा. कर्मचारी की सेवा की अवधि और अंशदान के आधार पर ही पेंशन की रकम तय की जाएगी. अभी तक एनपीएस में निश्चित रिटर्न का काेई प्रावधान नहीं है.
गारंटीड पेंशन का विकल्प
बता दें कि पुरानी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारी को अंतिम सैलरी की 50 फीसद रकम पेंशन के रूप में मिलती है. एनपीएस में गारंटीड रिटर्न का कोई प्रावधान नहीं है. इस वजह से सरकारी कर्मचारी एनपीएस का विरोध कर रहे हैं. खासकर चुनाव के दौरान यह मुद्दा खूब गरमाता है. कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा कर चुके हैं. हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के सरकारी कर्मचारी भी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं.
निवेश का बेहतर विकल्प
जिन लोगों के पास रिटायरमेंट के बाद नियमित आय का कोई विकल्प नहीं है उनके लिए एनपीएस अच्छा विकल्प है. निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोग भी इसके रिटर्न के ट्रैक रिकार्ड और टैक्स में लाभ को देखते हुए लोग अब इस रिटायरमेंट स्कीम की ओर रुख कर रहे हैं. एनपीएस में आप कामकाजी उम्र के दौरान नियमित योगदान कर सकते हैं. इसके बाद 60 साल के होने पर खाते में जमा कुल रकम का 60 फीसद हिस्सा निकाल सकते हैं जबकि 40 फीसद रकम से एन्युटी खरीदनी होती है. एन्युटी के जरिए पेंशन के रूप में नियमित आय मिलती रहेगी.