लुधियाना की निजी कंपनी में सुपरवाइजर बृजलाल बिटिया को इंजीनियर बनाना चाहते हैं. अभी बेटी दूसरी क्लास में है. इस हिसाब से वो 10 साल बाद बीटेक करेगी. अभी बीटेक की चार साल की पढ़ाई का खर्च करीब 10 लाख रुपए है. इसलिए बृजलाल ने बैंक में 10 लाख रुपए की एफडी करा दी. अब वो पढ़ाई के खर्च को लेकर निश्चिंत हैं. लेकिन उनका यह फैसला सही नहीं है. इस निवेश से उऩका लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है. लंबी अवधि के लिए बैंक में पैसे जमा नहीं करने चाहिए. क्यों? चलिए समझते हैं.
दरअसल, बैंक एफडी का रिटर्न महंगाई को मात देने में कारगर नहीं है. अगर आप टैक्स के दायरे में आते हैं तो यह रिटर्न और भी कम हो जाएगा. बृजलाल ने जो एफडी कराई है उस पर सालाना 6.5 फीसद ब्याज है. इस तरह 10 साल बाद मैच्योरिटी पर उन्हें कुल 19.05 लाख रुपए मिलेंगे. इसमें 9.05 लाख रुपए ब्याज आय शामिल है. बृजलाल 30 फीसद टैक्स स्लैब में आते हैं.. ऐसे में करीब 2.75 लाख रुपए टैक्स में चले जाएंगे. इस तरह उनकी जेब में 16.30 लाख रुपए ही बचेंगे. टैक्स चुकाने के बाद बृजलाल का शुद्ध रिटर्न करीब 5 फीसद ही रह जाएगा. इस समय महंगाई दर 7 फीसद के स्तर पर है. ऐसे में एफडी का रिटर्न महंगाई को मात देने में कारगर नहीं है.
दूसरी ओर एजुकेशन की महंगाई 10 फीसद की दर से बढ़ रही है. अगर अभी बीटेक की चार साल की पढ़ाई का खर्च 10 लाख रुपए है तो 10 साल बाद यह बढ़कर 26.85 रुपए हो जाएगा. इस तरह एक गलती की वजह से बृजलाल अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगे. बेटी का सपना पूरा करने के लिए उन्हें 10 लाख रुपए और जुटाने होंगे. अब सवाल ये है कि अगर लंबी अवधि का नजरिया है तो कहां निवेश करें?
सर्टिफाइड फानेंशियल प्लानर जितेन्द्र सोलंकी कहते हैं कि लंबी अवधि के एफडी में पैसा लगाने में कोई समझदारी नहीं है. इस निवेश के रिटर्न से लंबी अवधि का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल होता है. अगर निवेश का नजरिया पांच साल से ज्यादा का है तो निवेश के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड अच्छा विकल्प है. लंबी अवधि में इस निवेश पर सालाना 12 फीसद के रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं. इससे लक्ष्य पाने में आसानी होगी.
इक्विटी में कैसा है विकल्प?
बाजार में इक्विटी म्यूचुअल फंड से जुड़ी ऐसी कई स्कीम हैं जिन्होंने पिछले 10 साल में 16 से 18 फीसद का रिटर्न दिया है. अगर बृजलाल अभी 10 लाख रुपए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं… और इस निवेश पर सालाना 12 फीसद का रिटर्न मानकर चलें तो 10 साल बाद 32.62 लाख रुपए का फंड तैयार हो सकता है. इसमें 22.62 लाख रुपए की मुनाफा शामिल है. अगर टैक्स की बात करें तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 10 फीसद की दर से टैक्स लागू है. इस तरह 2.26 लाख रुपए का टैक्स चुकाने के बाद भी बृजलाल के पास 30.36 लाख रुपए बचेंगे. इस रकम के जरिए बिटिया पढ़ाई की आसानी पूरी हो जाएगी.
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं तो बृजलाल जैसी गलती कतई न करें. रिटर्न और टैक्स के मोर्चे पर एफडी निवेश का अच्छा विकल्प नहीं. लंबी अवधि में इक्विटी म्यूचुअल में निवेश फायदेमंद रहेगा. अगर बड़ी रकम है तो एकमुश्त निवेश न करें. इसके लिए सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान यानी STP अच्छा विकल्प है. इससे आपको कम रिस्क में बेहतर रिटर्न मिल सकता है. अगर म्यूचुअल फंड के बारे में अच्छी जानकारी नहीं है तो निवेश के लिए किसी रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह लें.